नई दिल्ली। बीते कुछ समय से प्याज ने लोगों का बजट बिगाड़ रखा है। वहीं अब टमाटर (tomato) के दाम भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह है टमाटर की फसल को कीट और रोगों ने अपनी चपेट में ले लिया है। दरअसल महाराष्ट्र के नासिक जिले के किसान टमाटर में लगने वाले सरपेन्टाइन लीफ माइनर (पत्ती सुरंगक) वाले कीटों से बेहद परेशान हैं। सरपेन्टाइन लीफ माइनर (पत्ती सुरंगक) ये एक छोटी मक्खी (लिरियोमाइजा ब्रासिका) का लार्वा है, जो टमाटर और अन्य सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचाता है।
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रोगों को रोकने के लिए नहीं उठाए जा रहे ठोस कदम
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की समीक्षा रिपोर्ट में बताया गया है कि महाराष्ट्र के नासिक जिले के निफाड में टमाटर के पौधों को कीट और रोग जबरदस्त नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसमें आर्थिक रोगों का स्तर सीमा (इकनॉमिक थ्रेशहोल्ड लेवल यानी ईटीएल) से ऊपर पहुंच गया है। ईटीएल वह स्तर है जिस पर किसी रोग या कीट की आबादी एक निश्चित स्तर पर पहुंच जाती है और आर्थिक नुकसान होने लगता है। इस स्तर पर इसे रोकने के उपाय शुरू कर दिए जाते हैं लेकिन, चेतावनी के बावजूद अभी तक इस सबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
टमाटर की बुआई में पिछड़े महाराष्ट्र के किसान
बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र इस बार टमाटर की बुआई में पिछड़ गया है। आमतौर पर नासिक जिले में टमाटर की औसत खेती करीब 21,000 हेक्टेयर में होती है और उत्पादन प्रति हेक्टेयर 30 टन होता है। नासिक जिले के पिंपलगांव से दिल्ली, मध्य प्रदेश, असम और हरियाणा जैसे बाजारों में टमाटर भेजा जाता है। वहीं बांग्लादेश व पाकिस्तान में भी भारत से ही टमाटर का निर्यात किया जाता है।
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