नई दिल्ली। काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Gyanvapi Mosque case) में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और मस्जिद प्रबंधन समिति को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश हिंदू याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिका पर दिया है। उन्होंने एएसआई से ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित ‘वजूखाना’ की जांच करने को कहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वीडियो ग्राफी सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग मिला था। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब मांगा है।
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19 दिसंबर को होगी सुनवाई
मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि, ज्ञानवापी का मामला सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध था। यहां एक याचिका दायर की गई थी और मांग की गई थी कि वाराणसी जिला न्यायालय में चल रहे सभी मुकदमों को हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया जाए और उन्हें समेकित कर दिया जाए, ताकि सभी की सुनवाई एक ही अदालत में हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तारीख तय की है। उन्होंने कहा, ज्ञानवापी से जुड़ी सभी याचिकाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा और सुनवाई की तारीख तय की जाएगी।
दो दिन में जवाब दाखिल करे अंजुमन इंतजामिया कमेटी
एएसआई द्वारा सील किए गए क्षेत्र की जांच के लिए एक प्रारंभिक आवेदन आज प्रस्तुत किया गया था। इससे पहले 16 मई, 2022 को, हमने दावा किया कि तथाकथित “वजुखाना” क्षेत्र में शिवलिंग मिला था। हालांकि अंजुमन इंतजामिया कमेटी इस दावे को खारिज करती है। उसका कहना है कि ये एक फौव्वारा है। वरुण ने बताया कि इस संबंध में हमने एएसआई से इस क्षेत्र की जांच कराने की मांग की है और सुप्रीम कोर्ट में एक अंतरिम याचिका दायर की है, जिसे आज सूची बद्ध किया गया था। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने आज अंजुमन इंतजामिया कमेटी को नोटिस जारी किया है और दो दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है।
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