Bleeding Eyes Virus: ब्लीडिंग आई वायरस यानी कि आंखों में खून आना या खून का थक्का जमना। ये एक बेहद एक गंभीर स्थिति है। हाल ही में दुनिया भर के 17 देशों में मारबर्ग, एमपॉक्स और ओरोपॉचे वायरस के फैलने के चलते इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। रवांडा में इस गंभीर वायरस ने 15 लोगों की जान भी ले ली है। वहीं सैकड़ों लोग इससे संक्रमित हैं। आइए जानते हैं यह ब्लीडिंग आई वायरस क्या है, यह आपकी आंखों को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है और आप इससे खुद को कैसे बचा सकते हैं?
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क्या है ब्लीडिंग आई वायरस
ब्लीडिंग आई वायरस को साइंटिफिक लैंग्वेज में हेमोरेजिक कंजक्टिवाइटिस कहते हैं। यह एक वायरल संक्रमण है जो आंखों से खून बहने जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। इससे आंखों के सफेद हिस्से में खून के थक्के जम जाते हैं। ये वायरस तेजी से फैलता है।
क्या हैं ब्लीडिंग आई वायरस के लक्षण
मारबर्ग वायरस और ब्लीडिंग आई वायरस के लक्षण 2 से 20 दिनों में नजर आते हैं। इसमें आंख में तेज जलन और खुजली होती है। इसके साथ ही आंख के सफेद भाग में लालिमा छा जाती है या फिर खून के थक्के जमने लगते हैं। इनमें धुंधली दृष्टि, सिरदर्द, चक्कर आना, मतली या उल्टी और हल्का बुखार जैसे लक्षण भी दिखते हैं।
कैसे करें बचाव
आंखों के वायरस से होने वाले रक्तस्राव को रोकने के लिए अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोते रहना चाहिए। आपको अपनी आंखों को गंदे हाथों से छूने से बचना चाहिए और अपनी आंखों और चेहरे को साफ तौलिये या टिश्यू से पोंछना चाहिए। आपको संक्रमित लोगों से दूर रहना चाहिए और केवल अपने डॉक्टर द्वारा अनुशंसित आई ड्रॉप और एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करना चाहिए। अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मा पहनते हैं तो उन्हें साफ रखना भी जरूरी है।
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