नई दिल्ली। तमाम प्रयासों के बाद भी कोरोना (Corona) का कहर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हर बार ये एक नए वैरियंट के साथ सामने आकर लोगों और सरकार की नींद उड़ा देता है। हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक अब एक बार फिर से कोरोना एक नए वैरियंट के साथ सिर उठा रहा है। इस नए वैरियंट का नाम है एक्सईसी (New Covid XEC Variant)। ये यूरोप में तेजी से अपने पांव पसार रहा है। ये वैरियंट जून 2024 में जर्मनी में मिला था, जो अब तक 13 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले चुका है।
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रिपोर्ट ने बताया गया है कि ये स्ट्रेन ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स KS.1.1 और KP.3.3 हैं। KS.1.1 ही FLiRT वैरिएंट है, जो दुनिया में कोविड के बढ़ते मामलों की वजह बन रहा है। आइए जानते हैं कोरोना का नया वैरिएंट कितना खतरनाक है और इससे बचने के लिए किस तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है।
कोरोना का XEC वैरिएंट
कोरोना के XEC वैरिएंट को ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो सब-वैरिएंट्स, KS.1.1 और KP.3.3 का मिला रूप बताया जा रहा है। इन दोनों सब-वेरिएंट्स को लेकर दुनिया भर में पहले से ही चिंता है और अब इन दोनों ने कर एक नए वैरिएंट का जन्म दे दिया है जो बेहद खतरनाक माना जा रहा है।हालांकि ये XEC वैरिएंट कितना खतरनाक है, अभी पूरी तरह से साफ़ नहीं हो पाया है लेकिन वैज्ञानिक इसे लेकर चिंतित जरूर हैं। दरअसल आशंका जताई जा रही है कि ये बेहद संक्रामक है और तेजी से फ़ैल सकता है।
बचने के लिए बरतें ये सावधानी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस वैरियंट से बचने के लिए लोगों को वैक्सीनेशन पर ध्यान देना चाहिए। इसका यही एकमात्र उपाय है। साथ ही कोविड गाइडलाइन को फालो करें जैसे भीड़ में मास्क लगाएं, उचित दूरी बनाकर रखें, साफ-सफाई का ख्याल रखें आदि।
XEC वैरिएंट
- यह नया वैरिएंट ओमिक्रॉन से जुड़ा है और यूरोप, उत्तरी अमेरिका, एशिया में पांव पसार रहा है।
- एक्सपर्ट्स की मानें तो XEC के साथ कुछ नए म्यूटेशन आते हैं, जिनके इस मौसम में फैलने की आशंका रहती है। हालांकि, वैक्सीनेशन से इससे बचा जा सकता है।
- नए वैरिएंट के लक्षण जुकाम और इन्फ्लुएंजा जैसी सामान्य बीमारियों वाले ही हैं।
- इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति एक या दो हफ्ते में ठीक हो सकते हैं। हालांकि कुछ लोगों को रिकवर होने में थोड़ा अधिक समय भी लग सकता है। साथ ही उन्हें अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है।
- 5. यूके NHS का कहना है कि नया वैरिएंट में कई बार फ्लू जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इसमें तेज बुखार, कंपकंपी, लगातार खांसी आना, सांस लेने में दिक्कत होना, थकान, बदन दर्द, भूख कम होना आदि हो सकता है।
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