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Terrorist Arrested: राम मंदिर उड़ाने की फ़िराक में था आतंकी, दिन भर घूम रहा था हैंड ग्रेनेड लेकर

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Terrorist Arrested

अयोध्या। Terrorist Arrested: अयोध्या में राम मन्दिर को उड़ाने की फ़िराक में हैंड ग्रेनेड लेकर घूम रहे आतंकी अब्दुल रहमान (19) को गुजरात और फरीदाबाद एटीएस ने बांस रोड पाली से गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाले खुलासे भी किये हैं। उसने बताया कि वह 10 महीने पहले ISI के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस मॉड्यूल के संपर्क में आया था। इसके बाद उसे ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई। साथ उसे धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया। वह वीडियो कॉलिंग के जरिए भी दहशत फ़ैलाने के गुर सीखता था। उसने बताया कि वह मिल्कीपुर में स्थित अपनी दुकान पर बैठकर ही आतंक की ट्रेनिंग लेता था। ट्रेनिंग के दौरान अब्दुल रहमान को कई टास्क भी दिए गए। सुरक्षा एजेंसियों को अंदेशा है कि इस माड्यूल में अब्दुल रहमान के अलावा और भी लोग शामिल होंगे।

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आईएसआईएस खुरासान से जुड़ा था

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फ़िलहाल गुजरात और फरीदाबाद की एसटीएफ ने संयुक्त रूप से अब्दुल रहमान को गिरफ्तार करके राम मन्दिर पर हमले की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है, लेकिन अब्दुल से हुई पूछताछ में जो बातें सामने आई हैं, उससे पता चल रहा है कि उसका ब्रेनवाश किया गया है। पुलिस विभाग के सूत्रों का कहना है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस खुरासान ने इसे खासतौर से राम मंदिर पर हमला करने के लिए ही तैयार किया था। इसके लिए अब्दुल रहमान व अन्य को ऐसे वीडियो दिखाए गये थे, जो धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले थे। उन्हें ये बताया जाता था कि अयोध्या में मस्जिद की जगह मन्दिर बनाकर तुम्हारे साथ अन्याय किया गया है। तुम्हें इसका बदला लेना है। इस तरह से अब्दुल और अन्य लोगों को आतंकी हमले के लिए तैयार किया गया था।

राम मन्दिर की रेकी की थी

बता दें कि आतंकी संगठन आईएसआईएस-के मुख्य रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान में एक्टिव है। अब्दुल बीते कई महीने से इस  संगठन के संपर्क में था और आतंक की ट्रेनिंग ले रहा था। वह सोशल मीडिया के जरिये इस संगठन के संपर्क में आया था। इसके बाद इसे एक ग्रुप में एड किया गया। पुलिस का कहना है कि, इस संगठन के निर्देश पर ही अब्दुल ने राम मंदिर और उसके आस पास की रेकी थी की और वहां के वीडियो बनाये थे, जिनमें से कई उसने इस आतंकी संगठन को भी भेजे थे। इसके बाद से मन्दिर पर हमले की तैयारी शुरू कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि अब्दुल के पास से जो मोबाइल जब्त किया गया है, उसमें भी इस तरह के वीडियो मिले हैं।

अगले आदेश के इंतजार में था

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पुलिस का कहना है कि अब्दुल के पास उसके आतंकी साथियों और संगठन की तरफ से लगातार मैसेज आ रहे थे। उनके कहने पर ही वह कहीं से हैंड ग्रेनेड लेकर आया था और फरीदाबाद से होते हुए उसे आगे जाना था, लेकिन यहां आने के बाद उसका उसके साथी आतंकियों से संपर्क नहीं हो पा रहा था, जिससे वह आगे नहीं बढ़ पा रहा था और बांस रोड पाली पर एक सुनसान खाली जगह में बने टिनशेड के बरामदे में जाकर रात बिता रहा था। दिन में वह अपने बैग में हैंड ग्रेंड रख कर आस पास के इलाके में घूमता रहता था। उसे संगठन के अगले आदेश का इंतजार था, लेकिन उससे पहले ही आईबी, गुजरात एटीएस को इस साजिश का पता चला गया और सूत्रों के जरिये उन्हें इस आतंकी की तस्वीर भी मिल गई। इसके बाद पलवल एसटीएफ से जानकारी साझा कर रविवार को सभी टीमों ने मिलकर आतंकी को फरीदाबाद के बांस रोड पाली से दबोच लिया। एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक पुलिस की एक संयुक्त टीम को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में आतंकी के घर की तलाशी के लिए भेजा गया है। साथ ही पूछताछ के बाद आतंकी को भी अयोध्या ले जाने का प्लान है।

मरकज जाने की बात कह कर निकला था घर से

बताया जा रहा है कि वह अयोध्या के मिल्कीपुर से दिल्ली में मरकज जाने की बात कह कर 5 दिन पहले अपने घर  निकला था। जब वह दिल्ली पहुंचा तो ISI के हैंडलर ने उसे हैंड ग्रेनेड दिए। अब्दुल को इन्हीं हैंड ग्रेनेड से राम मंदिर पर हमला करना था, लेकिन अपने नापाक इरादों में कामयाब हो पाता इससे पहले ही वह एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। बताया जा रहा है कि अब्दुल को जहां से गिरफ्तार किया गया है, वहां वह अपना नाम बदलकर रह रहा था, उसने वहां के लोगों को अपना नाम शंकर बता रखा था। आसपास के लोगों का कहना है कि, इससे पहले अब्दुल रहमान को यहां किसी ने नहीं देखा था।

लंबे समय से था एटीएस की रडार पर

सूत्रों का कहना है कि अब्दुल रहमान काफी समय से गुजरात ATS की रडार पर था। उसके मूवमेंट पर 24 घंटे नजर रखी जा रही थी। उसे राम मंदिर पर हमले के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने ट्रेंड किया था। हालांकि, अब्दुल रहमान के घरवाले उसके किसी आतंकी साजिश में शामिल होने से इनकार कर रहे  हैं। उनका कहना है कि अब्दुल जमात में शामिल होने की बात कह कर घर से दिल्ली के लिए निकला था। उसके बाद उन्हें उसकी कोई खबर नहीं मिली है। इससे पहले भी अब्दुल मरकज में शामिल होने के लिए दिल्ली और अन्य दूसरे शहर जा चुका है।

 

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