



पश्चिम बंगाल। Teacher Recruitment Controversy: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में उन शिक्षकों से मुलाकात की, जिन्होंने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद अपनी नौकरी खो दी थी। दरअसल, कोर्ट के आदेश के बाद 25,000 से ज़्यादा शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी गई थीं।
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ममता ने शिक्षकों को किया संबोधित
ममता ने शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि, वे हर हाल में उनके साथ खड़ी हैं, भले ही इसके लिए उन्हें जेल जाना पड़े। ममता बनर्जी ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं बंगाल के स्कूलों में अपनी नौकरी खोने वाले सभी लोगों के साथ हूं। अगर मुझे इसके लिए जेल भी जाना पड़े, तो मैं तैयार हूं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, उनके खिलाफ़ एक साजिश रची जा रही है और उनका नाम बेवजह इस मामले में घसीटा जा रहा है। ममता ने कहा, “मैं यह बर्दाश्त नहीं करुंगी कि, योग्य उम्मीदवारों की नौकरी चली जाए। हम इसके खिलाफ़ हर संभव कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।” सभा में सैकड़ों प्रभावित शिक्षक और कर्मचारी मौजूद थे।
Chief Minister Mamata Banerjee Addressing Deprived Teachers At Netaji Indoor Stadium:*
_Do not think that we have accepted this [decision]. Our heart is also aching because of your grief. We are all humans and our hearts are not made of stone she said pic.twitter.com/sq6RQ2ZS8W
— Syeda Shabana (@JournoShabana) April 7, 2025
सीएम के वादों से असंतुष्ट दिखे शिक्षक
ममता ने वादा किया कि, उनकी सरकार कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और कल्याण बनर्जी जैसे शीर्ष वकीलों की एक टीम तैयार कर रही है, जो शिक्षकों के मामले को अदालत में मजबूती से पेश करेगी। हालांकि, सभी शिक्षक ममता के वादों से संतुष्ट नहीं दिखे। नौकरी गंवाने वाले एक शिक्षक ने कहा, “राज्य सरकार हमें सिर्फ लॉलीपॉप दे रही है।
अनियंत्रित हुई भीड़
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हमें कोई ठोस समाधान नहीं मिला है। हमारी जिंदगी बर्बाद हो गई है और अब सिर्फ आश्वासन दिए जा रहे हैं।” कई शिक्षकों ने सरकार पर भरोसा जताया, लेकिन कुछ ने इसे “राजनीतिक ड्रामा” करार दिया। सभा के बाहर स्थिति तब बेकाबू हो गई जब बड़ी संख्या में लोग, जिनके पास वैध प्रवेश पास नहीं थे, अंदर घुसने की कोशिश करने लगे। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
2016 में हुई थी भर्ती
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ़्ते कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) द्वारा 2016 में की गई 25,000 से ज़्यादा शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को अवैध बताया गया था। कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और प्रक्रियागत खामियों का हवाला देते हुए सभी नौकरियों को रद्द कर दिया था।
विपक्ष ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
इसके बाद राज्य सरकार ने नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया, लेकिन प्रभावित शिक्षकों का कहना है कि, इससे उनकी अनिश्चितता बढ़ गई है। ममता ने इस मामले में बीजेपी और सीपीएम पर निशाना साधा और इसे ‘बंगाल के ख़िलाफ़ साजिश’ बताया। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहती है।’ उधर, विपक्षी दलों ने ममता सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और उनके इस्तीफ़े की मांग की।
शिक्षकों ने बताया राजनीतिक ड्रामा
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘2018-21 के बीच अवैध भर्तियां हुईं, इसके लिए ममता ज़िम्मेदार हैं।’ ममता बनर्जी ने शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि, उनकी सरकार इस संकट से निपटने के लिए हर कदम उठाएगी, लेकिन शिक्षकों में असंतोष और अनिश्चितता बनी हुई है। एक ओर जहां कुछ लोग ममता के समर्थन को उम्मीद की किरण मान रहे हैं। वहीं, कई लोग इसे महज राजनीतिक ड्रामा बता रहे हैं।
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