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Impact Tariffs On Stock Market: ट्रंप टैरिफ का असर, 10 सेकेंड में स्वाहा हुए 19 लाख करोड़, मंदी की तरफ बढ़ी दुनिया

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नई दिल्ली। Impact Tariffs On Stock Market:   ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद से ही दुनियाभर के शेयर बाजारों में कोहराम मच गया है। जैसा कि, विशेषज्ञों को पहले से ब्लैक मंडे की आशंका थी, सोमवार सुबह बाजार खुलते ही सेंसेक्स में 3300 अंकों से ज्यादा नीचे गिर गया। यानी करीब 4.70 फीसदी की गिरावट देखी गई। वहीं, निफ्टी में भी करीब 1000 अंकों की गिरावट आई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 19.39 लाख करोड़ रुपये की कमी आई। यानी बाजार खुलते ही निवेशकों की दौलत 19.39 लाख करोड़ रुपये कम हो गई।

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जापान में भी देखी गई गिरावट

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बीएसई सेंसेक्स 3379.19 अंकों यानी 4.48 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 72,623 पर और निफ्टी-50 1056.05 अंकों यानी 4.61 फीसदी की गिरावट के साथ 21,848.40 पर आ गया। अमेरिका में भी भारी गिरावट जारी है, जहां एसएंडपी और नैस्डैक के शेयरों में 3 फीसदी की गिरावट देखी गई। वहीं डाउ फ्यूचर्स में 900 अंकों की गिरावट आई। इधर, जापान के निक्केई में बाजार खुलते ही 225 अंकों की गिरावट देखी गई।

1987 जैसा हो सकता है हाल

जबकि, ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी 200 6.5 फीसदी गिरकर 7184.70 पर, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5.5 फीसदी गिरकर 2328.52 पर आ गया। इससे पहले अमेरिका का नैस्डैक बाजार शुक्रवार को करीब 7 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ था। हालांकि, जानकारों का मानना ​​है कि यह गिरावट कुछ भी नहीं है, अगर हालात पर काबू नहीं पाया गया, तो अमेरिकी बाजार का हाल वैसा हो सकता है जैसा 1987 में हुआ था। इससे पहले अमेरिकी शेयर बाजार में शुक्रवार को करीब 6 फीसदी की गिरावट आई थी, जो 2020 के बाद से वहां के बाजार के लिए सबसे खराब सप्ताह था।

तेज हुई व्यापार युद्ध की आशंका

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मास्टर ट्रस्ट समूह के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, ‘यह सप्ताह वैश्विक और भारतीय बाजारों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाए हैं, जिससे व्यापक व्यापार युद्ध और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ गई है। सिंघानिया ने बताया कि, मार्च के लिए चीन का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) का आंकड़ा गुरुवार को और ब्रिटेन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा शुक्रवार को जारी होगा।

उतार चढ़ाव की आशंका

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,050.23 अंक या 2.64 प्रतिशत नीचे आया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 614.8 अंक या 2.61 प्रतिशत नीचे आया। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख-शोध, संपत्ति प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘इस सप्ताह भारतीय बाजार में अमेरिकी जवाबी शुल्क की चिंताओं तथा क्षेत्र आधारित विशेष शुल्क की घोषणा की संभावना के बीच काफी उतार-चढ़ाव रहने की आशंका है।’’

नौ अप्रैल को घोषित होंगे नतीजे

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उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजे नौ अप्रैल को घोषित होंगे। बाजार को रेपो दर में चौथाई प्रतिशत कटौती की उम्मीद है। कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों का सत्र 10 अप्रैल को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के साथ शुरू होगा।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशकों की नजर इस सप्ताह जारी होने वाले अमेरिका और भारत के मार्च के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी रहेगी।

विशेषज्ञों ने जताई थी आशंका

विशेषज्ञों का कहना है कि, बाजार सहभागियों की नजर विदेशी निवेशकों की गतिविधियों, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी। इस बीच अमेरिकी टीवी शख्सियत और बाजार विशेषज्ञ जिम क्रेमर ने शेयर बाजार को लेकर बेहद डरावनी आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि सोमवार यानी 7 अप्रैल का दिन शेयर बाजार के लिए 1987 जैसा सबसे खराब दिन साबित हो सकता है! सीएनबीसी पर अपने शो मैड मनी में क्रेमर ने साफ चेतावनी दी कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उन देशों से संपर्क नहीं करते जिन्होंने जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं तो इससे 1987 जैसी गिरावट आ सकती है।

 

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