बांदा। Two Friends Commit Suicide: बांदा जिले में गर्म कपड़े दिलाने की जिद न पूरी होने पर एक युवती ने आत्महत्या कर ली। इसकी जानकारी मिलते ही पास में रहने वाली उसकी सहेली ने भी फांसी का फंदा लगा लिया। दो लड़कियों की आत्महत्या से इलाके में सनसनी फ़ैल गई। दोनों लड़कियां अनुसूचित जाति की थीं। कोतवाली देहात के जारी गांव में रहने वाली गायत्री देवी वर्मा (19) ने शुक्रवार की सुबह करीब पांच बजे अपने घर की अटारी पर रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छोटी बहन प्रियंका ने उसे आवाज दी लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो वह अटारी पर चली गई। जहां गायत्री फांसी के फंदे से लटकी हुई थी। ये देखकर घर में कोहराम मच गया।
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गरम कपड़े दिलाने की कर रही थी जिद
इस घटना को लेकर पिता देवराज वर्मा का कहना है कि गायत्री दो दिन से गरम कपड़े दिलाने की जिद कर रही थी। इसी के चलते उसने आत्महत्या कर की। गायत्री तीन बहनों और दो भाइयों में दूसरे नंबर की थी। उधर, देवराज वर्मा के बगल वाले घर में रहने वाली पुष्पा प्रजापति (18) ने सुबह 11 बजे घर के बयाले में दुपट्टे से फांसी लगा ली।
साथ की थी पढ़ाई
पिता छोटेलाल प्रजापति ने उसे फंदे से लटका देखा तो उनके होश उड़ गए। घटना के समय मां सुइया व अन्य भाई-बहन पड़ोस में हुई गमी में शामिल होने गए थे। पिता छोटेलाल प्रजापति ने बताया कि गायत्री और पुष्पा घनिष्ठ सहेलियां थीं। दोनों ने कक्षा आठ तक गांव के स्कूल में पढ़ने के बाद पढ़ाई बंद कर दी थी। बेटी ने सहेली की खुदकुशी के सदमे में जान दी है। पुष्पा तीन बहनों और तीन भाइयों में तीसरे नंबर की थी।
दोनों सहेलियों में अटूट प्रेम था
इस घटना को लेकर बांदा के देहात कोतवाली प्रभारी आनन्द कुमार का कहना है कि, गायत्री और पुष्पा घनिष्ठ सहेलियां थी। अटूट लगाव के चलते एक की खुदकुशी करने पर दूसरी ने भी जान दी है। यह बात दोनों युवतियों के परिजनों ने भी बताई है। पड़ोस के लोगों से भी बातचीत में यही सामने आया है। दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
हाथ पर गुदवा रखा था एक-दूसरे का नाम
ग्रामीणों का भी कहना है कि दोनों की दोस्ती ऐसी अटूट कि एक-दूसरे के बिना रह नहीं सकतीं थीं। बचपन से अब तक एक साथ गांव के स्कूल में पढ़ीं और बढ़ीं। कक्षा आठ तक पढ़ाई करने के बाद दोनों ने एक साथ पढ़ाई छोड़ दी और घरेलू कामकाज में लग गईं। उन दोनों का खाना-पीना-उठना बैठना सब साथ था। दोनों सहेलियों ने एक-दूसरे का नाम भी अपने-अपने हाथ में गुदवा रखा था। देहात कोतवाली क्षेत्र के जारी गांव में अलग-बगल घर होने की वजह से दोनों के माता-पिता समेत आस-पड़ोस के लोग भी उनकी दोस्ती को मानते थे।
घंटों एक-दूसरे से करती थीं बातें
ग्रामीण बताते हैं कि एक की मौत का सदमा दूसरी नहीं बर्दाश्त कर सकी, इसीलिए दूसरी ने भी ख़ुदकुशी कर लिया क्योंकि उन दोनों के बीच अटूट प्यार था। उनकी दोस्ती की चर्चा पूरे गांव में होती थी। जब पुष्पा ने गायत्री की मौत की खबर सुनी, तो वह चुप हो गई। वह सुबह से किसी से बात नहीं कर रही थी। दोनों के परिजनों के मुताबिक, दोनों अक्सर घंटों बैठकर बातें करती थीं, हंसी-मजाक करती थीं। गायत्री के पिता देवराज वर्मा और पुष्पा के पिता छोटेलाल प्रजापति भी इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि उनके बीच अटूट प्रेम था। यही कारण है कि एक ने आत्महत्या की तो दूसरे ने भी मौत को गले लगा लिया।
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