



सीबीआई को सौंपी गई थी वसूली की जिम्मेदार
1997 में दर्ज हुआ था केस
बता दें कि, पशुपालन विभाग की छापेमारी में खुलासा हुआ था कि, विभाग में 950 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इस मामले में जून 1997 में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को आरोपी बनाया गया था। इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का नाम भी शामिल था। कहा जा रहा है कि अगर नीतीश सरकार चारा घोटाले की रकम वापस लाने की कोशिश करती है, तो यह पूरे देश में एक बड़ी पहल होगी।
बन सकता है चुनावी मुद्दा
इतना ही नहीं, अगर सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाती है, तो चुनावी साल में यह एक बड़ा चुनावी मुद्दा भी बन सकता है। साथ ही इस मामले में शामिल रहे राजनेताओं के नाम फिर से जनता के बीच उठ सकते हैं।
आसान नहीं होगी वसूली
हालांकि, यह मामला अभी कोर्ट में है, इसलिए बिहार सरकार पूरी तैयारी के साथ कदम उठाने की कोशिश कर रही है। यहां आपको बता दें कि चारा घोटाले का मामला बिहार और झारखंड दोनों राज्यों से जुड़ा रहा है। ऐसे में दोषियों से 950 करोड़ रुपये की वसूली करना इतना आसान नहीं होगा। इसका दूसरा पहलू यह है कि उस समय की 950 करोड़ रुपये की रकम मौजूदा समय में कितनी होगी, यह भी एक बड़ा सवाल है।