Home » क्राइम » ED Raid: विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर ईडी की रेड, करोड़ों के बैंक घोटाले का आरोप

ED Raid: विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर ईडी की रेड, करोड़ों के बैंक घोटाले का आरोप

News Portal Development Companies In India
ED Raid

लखनऊ। ED Raid: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की फर्म गंगोत्री इंटरप्राइजेज के दफ्तरों पर ईडी ने छापेमारी की है। ये छापेमारी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के लखनऊ, गोरखपुर और मुंबई स्थित दफ्तरों पर की गई है। 1500 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले में सीबीआई जांच पहले से ही चल रही है। अब ईडी ने भी पीएमएलए एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है।

इसे भी पढ़ें- Important Information Hacked: डार्क वेब पर लीक हुई पीएम की सुरक्षा समेत कई अहम जानकारी, इस ग्रुप ने ली जिम्मेदारी

CBI भी कर रही है जांच

ED Raid

बता दें कि, बीएसपी से विधायक रहते हुए दिवंगत बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम पर कई बैंकों से लोन लिया था। बैंक ऑफ इंडिया के क्लस्टर में लोन देने वाले बैंक ने शिकायत की थी। इसके बाद सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, अब ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच कर रही है। इसी क्रम में कई जगहों पर छापेमारी की गई। पूरा मामला बैंक लोन को दूसरी जगह निवेश कर हड़पने का है।

बयान नहीं दर्ज करा रहे विनय

बताया जा रहा है कि, ईडी के कई नोटिस के बाद भी विनय शंकर तिवारी बयान के लिए हाजिर नहीं हो रहे थे। यही वजह  है कि ईडी की एक दर्जन टीमों ने सोमवार तड़के तिवारी के कई ठिकानों पर छापेमारी की। टीम ने करीब 4 घंटे तक जांच की और जानकारी जुटाई। मालूम हो कि विनय बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं, जो 1985 से 2007 तक अलग-अलग सरकारों में विधायक और मंत्री रहे।

सरकार के खिलाफ बोल चुके हैं हमला

एक वक्त था जब तिवारी की पूरे पूर्वांचल में मजबूत पकड़ थी, लेकिन वक्त के साथ निजाम बदला और तिवारी परिवार का प्रभाव भी कम होने लगा। फिलहाल तिवारी परिवार और यूपी सरकार के बीच दुश्मनी जगजाहिर है। कई मौकों पर विनय तिवारी सरकार के मुखिया पर हमला बोल चुके हैं।

 

इसे भी पढ़ें- JE Scared Wife’s Threat: ज्यादा बोले, तो काट कर भर दूंगी ड्रम में, पत्नी की धमकी से दहशत में पति

Leave a Comment

Modi 3.0 के पहले आम बजट से मिडिल क्लास को मिलेगी राहत?