रावण तुम फिर आना…

रात को टहलते-टहलते मैं पीजी कॉलेज मैदान में पहुंच गया। वहां बैठा ही था तो अचानक एक तेजवान पुरूष मेरी बगल आ कर बैठ गया। मैं उसकी ओर देखता… उससे पहले उसने मुझसे पुछा… और पंडित यहां क्या कर रहे हो? उसका जवाब सुन कर मैं चौंक गया। एहसास हुआ कि ये मुझे पहचानते भी … Read more

राह में उनसे मुलाकात हो गयी…

           डॉ. अजय कुमार तिवारीमुझे नींद में चलने की बीमारी है। यह कभी-कभी मुझे छत पर ले जाती है और ब्रश करने के बहाने रात के तारों से बात करता हूं और चंद्रमा के साथ समय बिताया और लौट आता हूं। ऐसा ही हुआ आज जब मैं रात को टहलते प्रतापपुर … Read more