रावण तुम फिर आना…
रात को टहलते-टहलते मैं पीजी कॉलेज मैदान में पहुंच गया। वहां बैठा ही था तो अचानक एक तेजवान पुरूष मेरी बगल आ कर बैठ गया। मैं उसकी ओर देखता… उससे पहले उसने मुझसे पुछा… और पंडित यहां क्या कर रहे हो? उसका जवाब सुन कर मैं चौंक गया। एहसास हुआ कि ये मुझे पहचानते भी … Read more