Makar Sankranti Date: मकर संक्रांति का त्योहार नए साल की शुरुआत के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। वैसे तो साल में 12 संक्रांतियां होती हैं, लेकिन मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। यह पर्व तब मनाया जाता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति देश भर में धूमधाम से मनाई जताई है। हालांकि इसे मनाने का तरीका अलग-अलग होता है।
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वैदिक कैलेंडर के अनुसार, साल 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
ये है स्नान और दान का शुभ समय
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मकर संक्रांति पर स्नान और दान देने का सबसे अच्छा समय सुबह 9:03 बजे से है। शाम 5:46 बजे तक है। इस शुभ अवधि में स्नान और दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी। यह पुण्य काल 8 घंटे 42 मिनट का होगा। इसके अलावा मकर संक्रांति महापुण्य काल सुबह 9:03 बजे शुरू होगा और रात 10:48 बजे समाप्त होगा। यह पुण्य काल एक घंटा 45 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दोनों ही समय में गंगा स्नान और दान करना शुभ फलदायी रहेगा।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। यह पर्व नई फसल के आगमन का प्रतीक है। इस दिन लोग नई फसल के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने भी बाणों की शय्या पर लेटे हुए मकर संक्रांति की प्रतीक्षा की थी। इसके बाद उन्होंने उसी दिन अपने प्राण त्याग दिये थे। भगवत गीता के अनुसार, जो व्यक्ति उत्तरायण के छह महीनों में शुक्ल पक्ष के दिन अपना शरीर त्यागता है, वह जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाएगा और मोक्ष प्राप्त करता है।
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