



Rahu-Ketu Gochar: गुरुवार 29 मई 2025 को राहु और केतु अपना स्थान बदलने जा रहे हैं। ये दोनों ग्रह कल से कुंभ सिंह राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि, ये दोनों ग्रह 18 मई को शाम 4:30 बजे अपनी-अपनी राशियों में प्रवेश कर गए थे, लेकिन इनका प्रभाव पूर्ण रूप से 29 मई से स्थापित होगा। ये दोनों ग्रह 5 दिसंबर 2026 तक इन राशियों में विराजमान रहेंगे।
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इन राशियों को मिलेगा लाभ
वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु और केतु छाया ग्रह, ऐसे ग्रह हैं, जो जीवन में अचानक से परिवर्तन, आध्यात्मिक विकास और अप्रत्याशित लाभ लाते हैं। राहु जब भी कुंभ राशि में गोचर करते हैं, तो सामाजिक सुधार, तकनीकी प्रगति और नवाचार को बढ़ावा मिलता है। दरअसल, कुंभ राशि के स्वामी शनि देव है, जो कड़ी मेहनत और अनुशासन का प्रतीक हैं। यही वजह है कि, यह गोचर सामूहिक कार्य और महत्वाकांक्षी योजनाओं में सफलता दिलाएगा। वहीं, केतु इस समय सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसका स्वामी सूर्य है, ये गोचर आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देने वाला है। इन दोनों ग्रहों के स्थान परिवर्तन से कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलेगा और उनके भाग्य में वृद्धि होगी। आइए जानते हैं वे कौन-कौन सी राशियां हैं।
मेष राशि
मेष राशि पर स्वामी मंगल है, जो ऊर्जा और साहस का प्रतीक माना जाता है। राहु मेष राशि के 11वें भाव में प्रवेश करेगा, जिससे मेष राशि के जातकों की आय, मित्रता और इच्छाओं की पूर्ति होगी। वहीं, केतु इस राशि के पांचवें भाव में रहेगा, जो रचनात्मकता, शिक्षा और संतान से संबंधित माना जाता है। यह युति आपकी आय में वृद्धि करेगी और आपको नौकरी या व्यवसाय में अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। इस गोचर से आपकी सामाजिक पहचान बढ़ेगी। साथ ही नए प्रभावशाली लोगों से मिलने के अवसर भी प्राप्त होंगे। छात्रों के लिए पढ़ाई में सफलता के योग हैं और प्रेम संबंधों में भी सुधार आएगा। हालांकि, अति उत्साह में जोखिम भरे निवेश से बचें, नुकसान हो सकता है।
मिथुन राशि
बुध ग्रह मिथुन राशि के स्वामी हैं। ये बुद्धि और संचार के भी स्वामी हैं। राहु मिथुन राशि के नवम भाव में गोचर करेंगे , जो भाग्य, यात्रा और उच्च शिक्षा से जुड़ा है। वहीं, केतु तीसरे भाव में रहेगा, जो साहस और संचार का स्थान है। इस गोचर के दौरान आपके करियर में उन्नति होगी, विदेश से जुड़े कामों में सफलता मिलेगी और नए व्यावसायिक अवसर भी प्राप्त होंगे। आपकी बात करने और लिखने की कला लोगों को पसंद आएगी। परिवार में ख़ुशी का माहौल रहेगा, लेकिन बेवजह की बहस से बचें।
तुला राशि
तुला राशि का स्वामी शुक्र है। ये प्रेम और खुशी का प्रतीक है। राहु इस राशि के पांचवें भाव में रहेंगे, जो प्रेम, रचनात्मकता और संतान से संबंधित है। वहीं, केतु 11वें भाव में रहेंगे, जो आय और सामाजिक संपर्कों का भाव माना जाता है। इस समय आपके प्रेम संबंध मजबूत होंगे। नौकरी में आपको नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं और व्यापार में साझेदारी से लाभ होगा। छात्रों को भी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने की संभावना है। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी, लेकिन खर्चों पर ध्यान रखें, अनावश्यक खर्च से बचें।
धनु राशि
देवगुरु बृहस्पति धनु राशि के स्वामी हैं, जो ज्ञान और समृद्धि के कारक हैं। राहु इस राशि के तीसरे भाव में गोचर करेंगे, जो साहस और पराक्रम का प्रतीक है। वहीं, केतु नवम भाव में रहेगा, जो भाग्य और अध्यात्म से जुड़ा है। दोनों ग्रहों की इस युति से आपको आपकी मेहनत का फल मिलेगा। इन गोचर से आपको नौकरी में पदोन्नति, व्यापार में नए प्रोजेक्ट और लाभ देने वाली लंबी यात्राएं भी करनी पड़ सकती है। आध्यात्मिक रुचि बढ़ेगी और परिवार में शांति रहेगी। हालांकि, दूसरों पर बहुत अधिक भरोसा न करें।
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