Home » शिक्षा » National Seminar: भारतीय ज्ञान परम्परा की विरासत को संजोये रखना हमारी जिम्मेदारी

National Seminar: भारतीय ज्ञान परम्परा की विरासत को संजोये रखना हमारी जिम्मेदारी

News Portal Development Companies In India
National Seminar
  • दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के प्रथम दिन विशेषज्ञों प्रस्तुत किया शोध पत्र

अम्बिकापुर। National Seminar: ‘सा विद्या या विमुक्तये’, ‘विद्या ददाति विनयं’ ज्ञान के दोनों लक्ष्य हमारी भारतीय ज्ञान परम्परा में हैं। श्रुतियों, वाचिक परम्पराओं से होते हुए यह ज्ञान हम तक पहुंचा है और इस ज्ञान के धरोहर को बनाये रखना हमारी जिम्मेदारी है।

इसे भी पढ़ें- Navratri Festival: झूपत-झूपत आवे दाई मोरे अंगना हो ‘से सजा नवरात्रि उत्सव

ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में हुआ सेमिनार 

National Seminar

यह बातें श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ‘विकसित भारत’ के परिप्रेक्ष्य में कला, विज्ञान और प्रबंधन में भारतीय ज्ञान परम्परा विषय पर कला एवं मानविकी संकाय, आईक्यूएसी और छत्तीसगढ़ सोशियोलॉजीकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचारक प्रेम कुमार सिदार ने कही।

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में संचालित सेमिनार को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, अंग्रेजों की नीति थी कि, हम में अपने ज्ञान के प्रति हीनता का भाव भर दिया जाये जिससे हमारी मानसिकता को वर्षों दबाया जा सके।  श्री सिदार ने कहा कि वेद, उपनिषद, पुराण, महाभारत, रामायण हमारे ज्ञान के स्रोत हैं।

विज्ञान, अनुसंधान, चिकित्सा, खगोल, जीवन दर्शन, व्यापार भारत की खोज है। भारतीय अपने ज्ञान कौशल से दुनिया में समृद्ध थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान का ज्ञान, अनुसंधान हमारे ग्रंथों में पहले से मौजूद है। उन्हीं पर शोध-अनुसंधान के साथ पश्चिम के देश आज विकसित बने हुए हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भारतीय ग्रंथों का अध्ययन कीजिये जो सभी के लिये पाथेय होगा।

अंग्रेजों ने हीनता का एहसास कराया

इससे पहले महाविद्यालय शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले के साथ अतिथियों ने मां सरस्वती, श्री साई नाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ प्रदान कर और बैच लगा कर किया गया। सेमिनार का विषय प्रवर्तन करते हुए संयोजक डॉ. आर.एन. शर्मा ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा हमारा पाथेय है।

National Seminar

प्राचीन काल में भारतीय ज्ञान परम्परा दुनिया का नेतृत्व करती थी। गुलामी के दौर में भारतीय ज्ञान, विद्या को साजिश के तहत उपेक्षित किया गया। शासकों को पता था कि जब तक भारतीयों को उनके हीनता का एहसास नहीं कराया जायेगा, तब तक उन पर शासन नहीं किया जा सकता है। डॉ. शर्मा ने भारतीय ज्ञान परम्परा की ओर सभी का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार में 250 से अधिक शोधपत्रों का वाचन होगा जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से विषय विशेषज्ञ ऑनलाइन जुड़े हैं।

भारतीय ज्ञान परम्परा हमारी विरासत है

अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमें खुशी है कि प्राध्यापक, शोधार्थियों को इस राष्ट्रीय सेमिनार से भारतीय ज्ञान परम्परा के तथ्यों से जुड़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने प्राध्यापक, विद्यार्थियों, शोध अध्येताओं को पठनीयता के लिए आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.एन. खरे ने कहा कि हमारी विरासत भारतीय ज्ञान परम्परा है। दुनिया के जो भी आविष्कार, अनुसंधान हो रहे हैं वे भारतीय ज्ञान में है और उसे हमे फलक पर लाना होगा।

वार्षिक पत्रिका ‘सृजन’ का विमोचन

National Seminar

इस अवसर पर महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका सृजन का विमोचन अतिथियों ने किया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों को अंगवस्त्र, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया।
उद्घाटन सत्र का संचालन सहायक प्राध्यापक देवेंद्र दास सोनवानी, पल्लवी मुखर्जी ने किया तथा डॉ. अलका पांडेय ने आभार प्रकट किया। ऑफलाइन मोड में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राधेश्याम दुबे ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा में नाथ साहित्य, दास कवियों,अष्टछाप कवियों के तथ्यों को फलक पर लाया।

National Seminar

उन्होंने बताया कि वेद, उपनिषदों से भारतीय ज्ञान परम्परा वर्तमान तक पहुंची है जिसे संयोजित रखना हमारी जिम्मेदारी है। कार्यक्रम के दौरान सरगुजा के विभाग प्रचारक हेमंत नाथ, अभय पालोलकर, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के पीयुष पांडेय, लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, फिजिकल साइंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष कुमार देवांगन, वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार सेन, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

 

इसे भी पढ़ें- Sai College: सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है मानववाद

Leave a Comment

Modi 3.0 के पहले आम बजट से मिडिल क्लास को मिलेगी राहत?