Zakir Hussain: मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन को गंभीर बीमारी के चलते अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक करीबी सूत्र ने बताया कि वो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। उनका इलाज अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को अस्पताल में चल रहा है। उन्हें दिल की बीमारी है। दो 2 साल पहले उन्हें हार्ट में ब्लॉकेज की वजह से स्टेंट भी लगाया गया था। हर कोई उनके जल्द से जल्द स्वस्थ होने की दुआ कर रहा है।
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पिता से सिखा था तबला वादन
बता दें कि जाकिर हुसैन के पिता दिवंगत अल्ला रखा खां एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। उन्होंने कई भारतीय और विदेशी फिल्मों के लिए संगीत भी तैयार किया है और फिल्मों में तबला वादन भी किया है। ज़ाकिर हुसैन ने छोटी उम्र में ही तबला सीखना शुरू कर दिया था। उन्होंने सात साल की उम्र में प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। 12 साल की उम्र में वह देश भर में परफार्मेस भी देने लगे थे। करीब 40 साल पहले उस्ताद जाकिर हुसैन और उनका पूरा परिवार अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में बस गया था। जाकिर खान ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीते हैं। उनकी ख्याति देश-विदेश तक फैली थी।
कई पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं
जाकिर हुसैन को कई पुरस्कार मिल चुके हैं। भारत सरकार ने उन्हें 1988 में पद्म श्री से सम्मानित किया था। इसके बाद उन्हें 2002 में पद्म भूषण दिया गया। साल 2023 में पद्म विभूषण जैसे शीर्ष सम्मान से भी सम्मानित किया गया है। उन्हें साल 1990 में संगीत के सर्वोच्च पुरस्कार “संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार” से भी सम्मानित किया जा चुका है। ज़ाकिर हुसैन ने प्रमुख राष्ट्रीय के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पुरस्कार जीते हैं। 2009 में उन्हें कंटेम्पररी वर्ल्ड म्यूजिक एलबम कैटगरी में सामूहिक संगीतमय परियोजना/प्रयास के लिए मशहूर हुए एलबम ‘ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट’ के लिए 51वें ग्रैमी अवॉर्ड्स से नवाजा गया था। प्रोफेसर ज़ाकिर हुसैन को सात बार ग्रैमी पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया है। खास बात ये है में चार बार उन्होंने यह पुरस्कार चार बार जीता भी है।
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