



Mithun Chakraborty: 80-90 के दशक के दिग्गज एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को बालीवुड ने बी ग्रेट एक्टर का टैग दिया है और उन्हें भुला भी दिया है। आलम ये है मिथुन को इंडस्ट्री में काम नहीं मिल रहा है। इस बात का खुलासा एक्टर के बेटे नमाशी चक्रवर्ती ने किया। नमाशी ने बताया कि, 90 के दशक में जब उनके पिता मिथुन को लीड रोल मिलने बंद हो गए, तो उन्होंने मजबूरी वश ऊटी में कम बजट वाली फिल्में कीं, लेकिन मीडिया ने कभी भी उन्हें हाई लाइट नहीं किया, जिससे अब उनके पिता को इंडस्ट्री में काम नहीं मिल रहा है।
राजनीति का शिकार हुआ बॉलीवुड
बता दें कि, इससे पहले गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा ने आरोप लगाया था कि, बॉलीवुड में अब काम कम राजनीति ज्यादा होने लगी है। उनके साथ भी इंडस्ट्री में सही व्यवहार नहीं किया जाता है। अब मिथुन चक्रवर्ती के बेटे नमाशी चक्रवर्ती ने भी कुछ ऐसा ही आरोप लगाया है। नमाशी का कहना है कि, कैसे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने एक समय में उनके पिता को बी-ग्रेड एक्टर का टैग दिया था और आज उन्हें भुला चुकी है। इंडस्ट्री में कोई उन्हें काम नहीं देता है।
सुपरस्टार थे मिथुन चक्रवर्ती
मिथुन के बेटे ने ये आरोप कमलेश शेट्टी के यूट्यूब चैनल ‘हू इज ऑन एयर’ पर हुई एक बातचीत के दौरान लगाया। नमाशी ने बताया कि, कैसे उनके पिता अपने समय के दिग्गज सितारों में से एक थे। उनका रिश्ता भी सबके साथ अच्छा था, वह कोई घमंड नहीं करते थे, वे सभी का सम्मान करते थे। नमाशी ने कहा ‘मेरी परवरिश कभी भी उस तरह से नहीं की गई कि मैं खुद को खास महसूस करूं, मेरे पिता अभी भी स्टार की तरह व्यवहार नहीं करते हैं, जबकि वह अपनी पीढ़ी के सुपरस्टार थे, वह बहुत विनम्र और ईमानदार व्यक्ति हैं।
नकली हैं बॉलीवुड के लोग
बातचीत में नमाशी ने बॉलीवुड से जुड़े अन्य लोगों के नेचर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, बॉलीवुड के लोग नकली हैं जबकि मेरे पिता बिल्कुल भी उन जैसे नहीं है। वे इंडस्ट्री में अपवाद हैं। नमाशी ने अभिनेता की फिल्मी यात्रा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, बंगाल से आकर उन्होंने अपने दम पर मुंबई में शोहरत और पैसा कमाया, उनके पिता में धैर्य था, जिससे वह अपने करियर में काफी आगे तक गये। हालांकि, मुंबई मीडिया ने उन्हें बी-ग्रेड अभिनेता का टैग दिया।
90 में बंद हुआ लीड रोल मिलना
नमाशी ने कहा, ‘मेरे पिता को दूसरों से जो अलग बनाता है, वह यह है कि उन्होंने अपना करियर खुद बनाया। 90 के दशक के मध्य में, उन्हें लीड रोल मिलने बंद हो गये, जिससे उन्हें ऊटी में कम बजट की एक्शन फ़िल्में करनी पड़ी। उन्होंने ऊटी में लगभग 100 फिल्में कीं, जिससे मीडिया ने उन्हें बी-ग्रेड एक्टर कहना शुरू कर दिया। उन्होंने उनकी फिल्म को कम आंका। वह ऊटी में रहकर 100 फिल्में करने में सक्षम थे। उन्होंने इंडस्ट्री में खुद की पहचान बनाई, लेकिन मीडिया ने कभी उनका साथ नहीं दिया।
आउटसाइडर्स को नहीं मिलता काम
नमाशी ने कहा, ‘बॉलीवुड में अब आउटसाइडर्स को काम नहीं मिलाता है। यहां अब लोगों को उनके नाम, बैकग्राउंड और कौन किसके साथ है, कौन किसका दोस्त है, इस आधार पर काम मिलता है। यही वजह है कि, अब इंडस्ट्री में सुपरस्टार नहीं रह गये हैं, लेकिन उनके पिता के वक्त में कोई भी व्यक्ति जिसके पास टैलेंट होता था, वह सफल हो सकता था। उन्होंने कहा कि अगर आज मिथुन चक्रवर्ती बंगाल से आते, तो मुझे नहीं लगता बॉलीवुड उन्हें मौका देता। आज की इंडस्ट्री में लोग आउटसाइडर्स पर भरोसा नहीं करते। अब केवल टैलेंट नहीं, बल्कि सरनेम देखा जाता है।