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Why Trump Irritated With India: आखिर ट्रंप को भारत से क्या दिक्कत है!, क्यों उगल रहे हैं जहर

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Why Trump Irritated With India: भारत को अपना सबसे करीबी दोस्त बताने वाले डोनाल्ड ट्रंप को अभी अमेरिका की सत्ता संभाले हुए महीना भर ही हुआ है, लेकिन वह दुनिया पर धौंस जमाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। वे अपने फैसलों और बयानों से दुनिया के विभिन्न देशों को परेशान कर रहे हैं और बेइज्जत भी कर रहे हैं। पहले उन्होंने अमेरिका में रह रहे अप्रवासियों को बेइज्जत करके सैन्य विमान से उन्हें उनके मुल्को में वापस भेजा और अब वे ट्रेड और टैरिफ वार का शिगूफा छोड़कर हलचल मचा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने हाल ही में कनाडा और गल्फ ऑफ़ मेक्सिको को अमेरिका में शामिल करने का ऐलान करके बवाल मचा दिया है।

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ब्रिक्स पर भी निकाल रहे भड़ास 

BRICS

वहीं ट्रंप ब्रिक्स पर भी खूब निशाना साध रहे हैं, जिसका सदस्य भारत भी है। वे बार-बार ब्रिक्स देशों पर 100 से 150 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे हैं। शपथ ग्रह के कुछ समय बाद ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था… ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को चुनौती देने का प्रयास कर रहे हैं और हम सिर्फ तमाशबीन बने हुए हैं….अब ये नहीं चलेगा… हम चाहते हैं कि ये हॉस्टाइल देश अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए न तो नई ब्रिक्स करेंसी बनाएं और न ही किसी और देश की करेंसी का समर्थन करें…अगर ऐसा नहीं किया गया, तो अमेरिका ब्रिक्स देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाएगा। ट्रंप ने ये भी लिखा कि, अमेरिका चाहता है कि ब्रिक्स देश यह समझ लें कि वे अमेरिकी डॉलर को रिप्लेस नहीं कर सकते हैं।

बार-बार ले रहे भारत का नाम

बता दें कि, पिछले कुछ समय से ब्रिक्स देश नई करेंसी शुरू करने की चर्चा कर रहे हैं, ये प्रस्ताव सबसे पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने साल 2022 के ब्रिक्स सम्मेलन में रखा था, जिस पर 2023 में ब्राजील के राष्ट्रपति ने भी अपनी सहमति जता दी थी, लेकिन अब ट्रंप ने इसे लेकर ब्रिक्स देशों को खुली धमकी दे दी है। इसके बाद ट्रंप ने ये भी बयान दिया कि टैरिफ की धमकी के बाद ब्रिक्स टूट गया है। अपने इन विवादित बयानों में वे सबसे ज्यादा भारत का नाम ले रहे हैं। ऐसे में  इतना तो समझ में आ ही रहा ह कि इस बार ट्रंप को भारत से कुछ दिक्कत है, तभी तो वे बार-बार भारत का नाम लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि ट्रंप ने पिछले कई दिनों में भारत के खिलाफ क्या-क्या बोला है।

DOGE ने लगाईं फंडिंग पर रोक

Why Trump Irritated With India:

दरअसल, सरकारी फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए ट्रंप और मस्क ने मिलकर डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट एफ़िशिएंसी (DOGE) की स्थापना की है। इस विभाग की पूरी जिम्मेदारी एलन मस्क के पास है। इस विभाग ने बीते 16 फरवरी को एक लिस्ट जारी करते हुए 15 तरह के प्रोग्राम्स की फंडिंग पर प्रतिबन्ध लगा दिया। इस लिस्ट में  भारत का भी नाम है। DOGE ने भारत को की जाने वाली 182 करोड़ रुपए की फंडिंग पर भी रोक लगा दी है। इसके बाद 19 फरवरी को ट्रंप ने इसकी जानकारी सार्वजनिक करते हुए सवालिया लहजे में कहा, हम भारत को 21 मिलियन डॉलर यानी तकरीबन 182 करोड़ रुपये क्यों दे रहे हैं? उन्होंने आगे कहा, उनके यानी भारत के पास बहुत पैसा है, वह दुनिया के सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक हैं। ट्रंप ने कहा, मैं भारत और वहां के प्रधानमंत्री का सम्मान करता हूं, लेकिन 21 मिलियन डॉलर क्यों?

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ट्रंप के बयान से भारत में आया राजनीतिक भूचाल

Why Trump Irritated With India:

इधर, जैसे ही ट्रंप ने भारत को 180 करोड़ की फंडिंग की बात की, देश की राजनीति में भूचाल आ गया। यहां इस मुद्दे को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गये हैं। बता दें कि ट्रंप अपने संबोधन में बार-बार भारत का नाम ले रहे हैं और कह रहे हैं अमेरिका, भारत को चुनाव के दौरान वोटर टर्नआउट बढ़ाने के नाम पर 182 करोड़ रुपये क्यों दें? ट्रंप इतने पर ही नहीं रुके। इसके ठीक दूसरे दिन यानी 20 फरवरी को फिर से उन्होंने भारत का नाम लिया और कहा, वहां (भारत) वोटर टर्नआउट बढ़ाने के नाम पर 182 करोड़ रुपये देकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन का प्लान किसी और को जिताने का था। ये बात ट्रंप ने फ्लोरिडा के मियामी में FII Priority Summit को संबोधित करते हुए कही। ट्रंप ने आगे कहा, हम भारत में इतना पैसा खर्च क्यों कर रहे हैं? उन्होंने सवाल उठाया, वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए दो करोड़ डॉलर? मुझे लगता है कि वे यानी पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत में किसी और को जिताना चाहते थे। ट्रंप ने कहा, हमें इस बारे में भारत सरकार से बात करनी होगी।

USAID फंडिंग को बताया किक बैक स्कीम

अपने संबोधन को आगे बढ़ाते हुए ट्रंप ने कहा, अभी तक सरकारी खजाने का मनमाने तरीके से इस्तेमाल हो रहा था। वोटर टर्नआउट के नाम पर अमेरिकी संस्था यूएसएड (USAID) ने भारत को 182 करोड़ रुपये का फंड दिया। वहीं अमेरिकी चुनाव में रूस ने 2000 डॉलर का विज्ञापन इंटरनेट पर दिया, तो अमेरिका में बवाल मच गया। ट्रंप इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने तीसरे दिन भी यूएसएड फंडिंग को लेकर भारत को घेरा। उन्होंने कहा, हमारे पास और भी समस्याएं हैं, हम भारत को पैसा क्यों भेज रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि, भारत में इस फंड का इस्तेमाल किसने किया और कैसे किया, ये किसी को नहीं पता हैं, उन्होंने इसे किक बैक स्कीम बताया। इसके बाद 22 फरवरी को ट्रंप में भारत और चीन पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात की। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा इन दोनों देशों पर जल्द ही रेसिप्रोकल टैरिफ भी लगाया जाएगा। हालांकि इसके दूसरे दिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक हैरान करने वाला भाषण दिया और और 180 करोड़ की रकम को घटाकर 156 करोड़ बताया। उन्होंने कहा, USAID ने वोटर टर्न आउट के नाम पर भारत को 156करोड़ क्यों दिया।

 

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