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China vs America: टैरिफ पर दो महाशक्तियों में बढ़ा तनाव, कहीं वर्ल्ड वॉर की शुरुआत तो नहीं?

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China vs America
वॉशिंगटन। China vs America: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ वॉर पर दी गई अपनी धमकी को अमल में लाते ही कनाडा, मैक्सिको और चीन पर इसे लागू कर दिया है, जिस पर चीन ने नाराजगी जताते हुए अमेरिका को खुला संदेश दे दिया और कहा कि, वह अगर युद्ध चाहता है तो चीन उसके लिए भी तैयार है। चीन के इस संदेश पर अब अमेरिका की भी प्रतिक्रिया आई है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि, उनका देश भी बीजिंग के साथ किसी भी तरह की लड़ाई के लिए तैयार है। दोनों देशों के बीच बढ़े इस तनाव को देखते हुए आशंका जाहिर की जा रही है कि अगर वाकई में ये दोनों महाशक्तियां आमने-सामने आ गई तो इन्हें संभालना मुश्किल हो जायेगा और, बहुत हद तक संभावना है कि वर्ल्ड वॉर शुरुआत हो जाये।
चीन ने टैरिफ पर अपनाया सख्त रुख

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गौरतलब है कि, ट्रंप प्रशासन ने चीन से आने वाले सामनों पर टैरिफ बढ़ा दिया है, जिस सामान पर पहले 10% टैरिफ लगता था, अब उस पर 20% लग रहा है।  इसके जवाब में चीन ने भी कई अमेरिकी उत्पादों पर 10 से 15 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। साथ ही 25 अमेरिकी कंपनियों को चीन में निवेश करने पर प्रतिबन्ध  लगा दिया है। इतना ही नहीं चीन ने अमेरिका के लिए एक्स पर बेहद सख्त लहजे में संदेश भी लिखा है। उसने लिखा, ‘अगर अमेरिका युद्ध चाहता है, तो हम आखिर तक लड़ने को तैयार हैं। चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या फिर कोई दूसरी तरह का युद्ध हो।’
अमेरिकी रक्षामंत्री ने दिया जवाब

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इस संदेश का जवाब देते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री ने फॉक्स एंड फ्रेंड्स पर कहा, अमेरिका भी चीन के साथ युद्ध के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, सैन्य ताकत ही संघर्ष को रोकने की कुंजी है, यही वजह है कि अब हम अपनी सेना का पुनर्निर्माण कर रहे हैं। यदि, हम चीन या किसी अन्य के साथ भी युद्ध को रोकना चाहते हैं, तो खुद को मजबूत करना होगा। हमारे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी यही मानना है कि, शांति ताकत से आती है। हालांकि चीन के संदेश पर तीखा पलटवार करने के दौरान पीट हेगसेथ ने ये भी कहा कि, ट्रंप का चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अच्छा रिश्ता है, जहां हम सहयोग कर सकते हैं, जरूर करेंगे।
अमेरिका का कमजोर बहाना है फेटेनाइल संकट

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बता दें कि, चीन और अमेरिका के  बीच विवाद की वजह सिर्फ टैरिफ नहीं है, फेटेनाइल भी है। बीते दिनों ट्रंप ने बीजिंग पर अमेरिका में फेटेनाइल को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया था, जिसे चीनी अधिकारी ने ख़ारिज कर दिया था। चीनी अधिकारी का तर्क था कि, फेटेनाइल संकट के लिए अमेरिका खुद जिम्मेदार है। बीजिग ने टैरिफ वृद्धि के लिए फेटेनाइल संकट को अमेरिका का कमजोर बहाना करार दिया। चीन का कहना है कि वह अमेरिका के साथ हमेशा सहयोगात्मक रुख अपनाता रहा है, जिसका बदला उसने टैरिफ बढ़ा कर दिया है, लेकिन ऐसा करने से अमेरिका की समस्या हल नहीं होगी, बल्कि हमारा मादक पदार्थ विरोधी संवाद और सहयोग को कमजोर होगा।
अमेरिका में गंभीर समस्या बन चुका है फेटेनाइल 

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बता दें कि, अमेरिका में फेंटेनाइल का दुरुपयोग एक गंभीर समस्या बना हुआ है। फेंटेनाइल और इसके एनालॉग्स के कारण बीते कुछ वर्षों में अमेरिका में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। यहां ये अवैध रूप से तैयार किया जाता है और हेरोइन व कोकीन समेत अन्य दवाओं में मिलाया जाता है। यही वजह है कि इसका इस्तेमाल करने वालों को इसके बारे में पता भी नहीं चल पाता है। अमेरिकी सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी इस समस्या से निपटने, जागरूकता फ़ैलाने और इसके प्रभावी इलाज की कोशिश में जुटे हैं। चीन ने भी इस काम में अमेरिका की मदद की है। चीन ने अमेरिका में अभियान चलाकर लोगों को फेंटेनाइल के गलत इस्तेमाल से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक किया है और इसे बचने की चेतावनी दी है।

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