



नई दिल्ली। Raisina Dialogue 2025: डोनाल्ड ट्रंप ने जब से व्हाइट हाउस में दोबारा से एंट्री की है, तब से वह एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं, जिससे दुनिया भर में हड़कंप मचा हुआ है। पहले डिपोर्टेशन और अब उनका टैरिफ वार। ट्रंप की टैरिफ नीतियों से दुनिया भर में व्यापारिक तनाव बढ़ गया है। ऐसे में इस मुद्दे पर अब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बड़ा बयान आया है। उन्होंने टैरिफ को एक सच्चाई बताया है और कहा है, कोई माने न माने, लेकिन दुनिया के कई देश इसका इस्तेमाल देशों पर दबाव बनाने के लिए करते हैं।
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हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे कई देश
रायसीना डायलॉग 2025 के ‘कमिश्नर्स एंड कैपिटलिस्ट्स: पॉलिटिक्स, बिजनेस एंड न्यू वर्ल्ड ऑर्डर’ सेशन में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, टैरिफ एक सच्चाई है और इसका इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में किया जाता है। उन्होंने कहा, अगर हम पिछले एक दशक को देखें तो, देश अपनी आर्थिक ताकत का इस्तेमाल अब हथियार की तरह करते हैं। जैसे कि आर्थिक गतिविधियां, वित्तीय लेनदेन, ऊर्जा सप्लाई और टेक्नोलॉजी आदि और यही आज की सच्चाई है, जिसे हर किसी को एक्सेप्ट करना ही होगा।
भारत को निकालना होगा रास्ता
बता दें कि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों में कई बार भारत के ज्यादा टैरिफ पर चिंता जताई और आलोचना की। साथ ही उन्होंने कनाडा, मैक्सिको और चीन जैसे देशों पर टैरिफ भी बढ़ाये। वहीं भारत पर 2 अप्रैल से टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी है। ट्रंप के टैरिफ के जवाब में चीन और कनाडा ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ लगाए हैं। टैरिफ को लेकर जयशंकर ने कहा कि, भारत को कोई बेहतर रास्ता निकालना होगा।
संयमित हुए अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विदेश मंत्री ने कहा, आज के इस माहौल में अपने देश के लिए सबसे अच्छा रास्ता खोजने की जरूरत है। किसी भी देश की सरकार का काम है कि वह अपने बिजनेस, रोजगार और देश की ताकत के लिए लड़े और उसे मजबूत करे। बिजनेस देश की तरक्की में सबसे अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, मौजूदा समय में अलग-अलग क्षेत्रों के बीच की सीमाएं लगभग समाप्त हो गई हैं। वर्तमान समय ने अंतरराष्ट्रीय संबंध पहले के मुकाबले संयमित हो गये हैं।
चीन ने की जवाबी कार्रवाई
गौरतलब है कि,अमेरिका ने कनाडा और मेक्सिको से आयत की जाने वाली वस्तुओं पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है जबकि चीन से आने वाले सामानों पर 10 फीसदी टैरिफ का इजाफा किया है। ट्रंप की इस कार्रवाई के जवाब में चीन और कनाडा ने भी अमेरिका से आने वाली वस्तुओं पर टैरिफ लगाए हैं। कनाडा ने अमेरिका से आयत किये जाने वाले मेटल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स समेत 20 अरब डॉलर के सामानों पर टैरिफ लगाया है।
25 कंपनियों पर लगाया प्रतिबन्ध
वहीं, चीन ने अमेरिका से आयत किये जाने वाले कृषि और खाद्य उत्पादों पर टैरिफ लगा दिया है। साथ ही उसने 25 अमेरिकी कंपनियों से जुड़े एक्सपोर्ट और इन्वेस्टमेंट पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है। तीन अमेरिकी कंपनियों के सोयाबीन इम्पोर्ट लाइसेंस भी कैसिल कर दिए हैं। चीन ने अमेरिका से आने वाले लकड़ी के लट्ठों का इम्पोर्ट बंद कर दिया है। इसके अलावा, चीन, अमेरिका के कुछ फाइबर ऑप्टिक उत्पादों की जांच भी कर रहा है।
दुनिया भर में बढ़ा तनाव
बात करें भारत की, तो ट्रंप ने भारत के ऊंचे टैरिफ पर चिंता जताई है। साथ ही 2 अप्रैल से भारत समेत कई और देशों पर टैरिफ लगाने का फैसला किया है। उन्होंने यूरोपीय यूनियन (ईयू) से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। और तो और ट्रंप ने ईयू को चेतावनी भी दी है कि अगर उसने जवाबी कार्रवाई की, तो अमेरिका उसके खिलाफ टैरिफ में और ज्यादा इजाफा कर देगा। उन्होंने कहा है, ‘वे हम पर जो चार्ज लगाएंगे, हम उन पर वही चार्ज लगाएंगे। इधर, ट्रंप की टैरिफ नीतियों से दुनिया भर में व्यापार को लेकर तनाव बढ़ गया है।
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