



जॉर्डन। Israel-Hamas War: डेढ़ साल से अधिक समय से युद्ध की आग में जल रहे गाजा को बचाने के लिए अब ये मुस्लिम देश आगे आया है। उसने इजराइल के सामने युद्ध विराम का नया प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव में गाजा से हमास के 3000 नेताओं को देश से बाहर करने की बात कही गई है। हालांकि इजराइल ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अस्पतालों पर दागीं मिसाइलें
बता दें कि 48 दिन के युद्धविराम के बाद इजराइल ने एक बार फिर से गाजा में तबाही मचानी शुरू कर दी है। हाल ही में इजराइल में गाजा में भयानक हमले किये। उसने दो बड़े अस्पतालों पर मिसाइलें दागी और उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। इनमें से एक तुर्की द्वारा बनवाया गया कैंसर अस्पताल है। खबर है कि, इस इस हमले में बड़े पैमाने पर मानवीय क्षति हुई है। गाजा में हो रहे इजराइली हमले को रोकने और शांति स्थापित करने के लिए जार्डन आगे आया है। उसने इजराइल के सामने हमास और उसके सैन्य विंग के 3,000 सदस्यों को निर्वासित करने की योजना का प्रस्ताव पेश किया है।
इन्हें किया जायेगा निर्वासित
अगर इजराइल इस प्रस्ताव को मान लेता है, तो गाजा से हमास समर्थकों को बाहर कर दिया जायेगा। ऐसा करके गाजा में रह रहे आम नागरिकों को इजराइली हमले से बचाया जा सकेगा। मिडिल ईस्ट आई ने जॉर्डन के प्रस्ताव के बारे में जानकारी रखने वाले अमेरिकी और फिलिस्तीनी स्रोतों के हवाले से बताया है कि, इजराइल के सामने पेश किये गये प्रस्ताव में जिन्हें निर्वासित किए जाने किये जाने की बात कही गई है, उनमें हमास के सदस्यों के साथ ही सैन्य और नागरिक नेता भी शामिल हैं।
…तो समाप्त हो जायेगा हमास का शासन
योजना में एक निर्धारित समय-सीमा के अनुसार गाजा में हमास और अन्य प्रतिरोध गुटों के निरस्त्रीकरण की भी बात कही गई है। अगर प्रतिरोध गुटों का निरस्त्रीकरण होता है, तो युद्ध-ग्रस्त गाजा पट्टी में हमास का शासन समाप्त हो जाएगा और फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) का नियन्त्रण हो जायेगा। हालांकि, इस मामले में जॉर्डन के विदेश मंत्रालय की ओर से कोई अधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
18 मार्च को किया हमला
बता दें कि, ये प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब इजरायल ने इस साल की शुरुआत में हमास के साथ किए गए युद्धविराम का उल्लंघन करने के कुछ ही दिनों बाद गाजा में हवाई हमले तेज कर दिए। इजराइल में बीते 18 मार्च को, जब लोग रमजान के दौरान सुबह-सुबह जगे ही थे, तभी इजरायली लड़ाकू विमानों ने गाजा में दर्जनों मिसाइलें बरसाई। इन हमलों में गाजा के 200 बच्चों सहित 400 नागरिक मारे गए। इसके बाद से इजराइली मिसाइलें गाजा में लगातार आग बरसा रही हैं।
मारे जा चुके हैं 50 हजार से अधिक फिलिस्तीनी
हमास समर्थित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी किए गये एक आंकड़े के मुताबिक, अक्टूबर 2023 से लेकर अब तक इजरायली बलों ने लगभग 18,000 बच्चों सहित 50,000 से अधिक फिलिस्तीनियों को मौत के घात उतार दिया है। वहीं, 113,000 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। हालांकि, किसी भी स्वतंत्र एजेंसी ने इन आंकड़ों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। वहीं, कई देश गाजा में की जा इस इजराइली कार्रवाई को नरसंहार करार दिया है और मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया है। उधर, इजरायल बार-बार इन आरोपों को खारिज कर रहा है। उसका कहना है कि, आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा होना चाहिए। इजराइल नहीं बल्कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है।
इजराइल ने किया शर्तों को मानने से इंकार
उल्लेखनीय है कि, इजरायल और हमास के बीच कुछ महीने पहले ही युद्धविराम का समझौता हुआ था। यह तीन चरणों वाला समझौता था। इसकी शुरुआत शत्रुता की अस्थायी समाप्ति से हुई थी, जिसका मकसद युद्ध को स्थायी रूप से समाप्त करना था और गाजा से इजरायल की पूरी तरह से वापसी करना था, लेकिन इजरायल ने दूसरे चरण के समझौते की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया और पहले चरण का विस्तार करने की मांग की। परिणाम स्वरूप युद्ध की समाप्ति और पूर्ण वापसी में देरी हुई। वहीं, हमास ने समझौते के पहले चरण को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया और मूल रूप से सहमति के अनुसार दूसरे चरण पर जोर दिया। इसी के चलते युद्धविराम समझौता टूट गया और इजराइल ने एक बार फिर से गाजा में खूनी खेल शुरू कर दिया।