Home » अंतर्राष्ट्रीय » India’s ‘Mission Africa’: अफ़्रीकी देशों में बढ़ी भारत की पहुंच से चीन को झटका, फेल हुई ड्रैगन की बड़ी रणनीति

India’s ‘Mission Africa’: अफ़्रीकी देशों में बढ़ी भारत की पहुंच से चीन को झटका, फेल हुई ड्रैगन की बड़ी रणनीति

News Portal Development Companies In India
India's 'Mission Africa

नई दिल्ली। India’s ‘Mission Africa’: अफ्रीका की सतह के नीचे दबे दुर्लभ खनिज संपदा को लूटने की कोशिश कर रहे चीन को भारत ने बड़ा झटका दिया है। उसने चीन की आक्रामक जियो-पॉलिटिकल स्ट्रेटजी को काउंटर करने के लिए अफ़्रीकी देशों को अपने पाले में करना शुरू कर दिया है। भारत का मकसद अफ्रीका में मौजूद दुर्लभ खनिज संपदाओं का इस्तेमाल करना है।

इसे भी पढ़ें- Trump’s Claim: अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा, टैरिफ से डरा ब्रिक्स, टूट गया

अफ़्रीकी देशों में निवेश कर रहा भारत 

सेंटर फॉर सोशल इकोनॉमिक प्रोग्रेस (CSEP) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, भारत ‘मिशन अफ्रीका’ के तहत अफ्रीकी देशों में तेजी से निवेश कर रहा है ताकि वह वहां मौजूद तांबा, लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिज संपदाओं तक अपनी पहुंच बना सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि, साल 2030 तक भारत में महत्वपूर्ण खनिजों की मांग में चार गुना ज्यादा इजाफा होने की संभावना है जबकि मौजूदा समय में भारत के पास 5.9 मिलियन टन लिथियम अयस्क हैं, जो भारत की जरूरत को कुछ समय तक ही पूरा कर सकता है लेकिन इसका इस्तेमाल करने में काफी वक्त लग सकता है, जिससे भारत का आत्मनिर्भर अभियान प्रभावित हो सकता है

इन देशों में हैं खनिज संपदाएं

India's 'Mission Africa':

ऐसे में भारत के सामने सिर्फ दो ही विकल्प हैं। पहला ये कि देश में मौजूद खनिज संपदाओं को निकालने के लिए खनन में तेजी लाई जाते और दूसरा विकल्प ये है कि, जिन देशों के पास ये दुर्लभ खनिज संपदाएं मौजूद हैं, उनके साथ संबध बेहतर किये।  जैसे कि ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों में खनिज संपदाएं प्रचुर मात्रा में हैं, तो भारत को इनके साथ अपने संबंधों को विस्तार देना चाहिए।

परेशान हुआ चीन 

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत इन देशों के साथ तेजी से संबंध विकसित कर रहा है, ताकि भविष्य में सप्लाई चेन में किसी भी तरह की समस्या न आये। भारत द्वारा अफ्रीकी देशों में किये जा रहे निवेश और संबंध विस्तार से चीन परेशान हो गया है क्योंकि चीन भी अफ्रीका में अपने पांव जमाना चाहता है, लेकिन उसकी कर्ज नीति से अफ़्रीकी देशों में डर की भावना है और भारत को इसी का फायदा मिल रहा है।

खनिज संपदा हासिल करना है मकसद 

India's 'Mission Africa':

जनवरी 2025 में जारी की गई राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) की रिपोर्ट में विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज को हासिल करने पर जोर दिया गया है। इसके लिए भारत सरकार से सिफारिश की गई है कि वह इन देशों से नजदीकी संबंध बनाये। रिपोर्ट में मैपिंग सेवाओं के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण को तैनात करना, खनन और निकासी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सब्सिडी देना और दूसरे मौकों की पहचान करना आदि शामिल है। इसी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि, भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ तेजी से संबंध विस्तार किया है।

इसे भी पढ़ें-  US Tariff On India: तेज हुई $66 अरब के निर्यात को बचाने की कवायद, मोदी सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला

27 देशों को दे रहा फ्री टैरिफ की सुविधा

रिपोर्ट में कहा गया है कि, नई दिल्ली को अफ्रीकी देशों के लिए टॉप-5 निवेशकों में जगह मिल गई है। अफ़्रीकी देशों में इन पांच देशों ने लगभग 75 अरब डॉलर के निवेश किया है। इसके अलावा अन्य देशों की तरह भारत ने भी अफ्रीकी देशों में अपने गहरे कॉमर्शियल नेटवर्क बना लिए हैं। दरअसल, अफ्रीकी देशों में 30 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिसका फायदा भी भारत को मिल रहा है। भारत वित्त वर्ष 2022-23 से अफ़्रीकी देशों के साथ सौ अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार कर रहा है। इसके साथ ही 27 अफ्रीकी देशों को भारत  ड्यूटी फ्री टैरिफ सुविधा देता है। ऐसे में भारत को भी इन 27 देशों में ड्यूटी फ्री टैरिफ का फायदा मिलता है।

46 अफ़्रीकी देशों में चल रहा भारतीय मिशन

India's 'Mission Africa':

अफ्रीकी देशों में 46 भारतीय मिशन भी हैं, जिनमें से 16 उसने अभी जल्दी में ही खोले हैं। इसके अलावा राजनीतिक जुड़ाव को और मजबूत करने के मकसद से भारत के टॉप डिप्लोमेट्स लगातार अफ्रीकी देशों की यात्रा पर रहते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि, अफ़्रीकी देशों में भारत की भागीदारी की सबसे बड़ी खूबी ये है कि भारत अफ्रीकी देशों के विकास में बहुआयामी नजरिया रखता है।

206 प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

India's 'Mission Africa':

CSEP ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि ’43 अफ्रीकी देशों में 206 प्रोजेक्ट्स को को नई दिल्ली से मंजूरी मिल गई है। इसमें भारत ने इन अफ्रीकी देशों को 12.3 अरब डॉलर से अधिक का रियायती ऋण दिया है। इसके अलावा भारत साल 1949 से ही अफ्रीकी देशों में अपनी क्षमता निर्माण के लिए 700 मिलियन डॉलर की अनुदान सहायता राशि देता आ रहा है।

2001 से हो रहा द्विपक्षीय व्यापार 

रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत की इन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि अफ्रीकी देशों से अब भारत को दुर्लभ खनिज संपदाएं मिलने लगी हैं। दुनिया भर में अभी तक जितनी भी महत्वपूर्ण खनिज संपदाओं की खोज हुई है, उनमें 30 प्रतिशत अफ़्रीकी देशों से हुई है। भारत और अफ्रीकी देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी में गैर-नवीकरणीय और नवीकरणीय ऊर्जा दोनों क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौते हुए हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ की 2023 की रिपोर्ट पर गौर करें, तो साल 2001 से लेकर अब भारत और अफ्रीका के बीच खनन और खनिज क्षेत्रों में कुल व्यापार 43 अरब डॉलर का हो चुका है।

 भारत ने सुरक्षित की ग्रीनफील्ड भूमि 

भारत ने हाल ही कहा था कि, सरकार कांगो, तंजानिया, मोजाम्बिक जैसे अफ्रीकी देशों में महत्वपूर्ण खनिज परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करने की इच्छुक है। इसके साथ ही, भारत सरकार ने तांबा और कोबाल्ट के अन्वेषण के लिए जाम्बिया में 9,000 वर्ग किलोमीटर ग्रीनफील्ड भूमि भी सुरक्षित कर ली है, जो भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता है। माना जा रहा है कि, वह दिन ज्यादा दूर नहीं है जब भारत को अफ़्रीकी देशों में और बड़ी कामयाबी मिलेगी।

इसे भी पढ़ें- Zelensky Bows Before Trump: ट्रंप के आगे जेलेंस्की ने टेके घुटने, अमेरिका को सौपेंगे यूक्रेन का खजाना

Leave a Comment

Modi 3.0 के पहले आम बजट से मिडिल क्लास को मिलेगी राहत?