



नई दिल्ली। Tariffs For India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जहां अमेरिका में आयात होने वाली कारों पर 25 प्रतिशत का उच्च टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। वहीं, भारत के लिए एक अच्छी खबर है। ये खबर भी टैरिफ से ही जुड़ी है। रिपोर्ट की मानें, तो अमेरिका कथित तौर पर भारत को चीन, मैक्सिको और कनाडा के साथ नहीं जोड़ेगा। उसने भारत को अलग टैरिफ श्रेणी में रखने का संकेत दिया है। इधर, अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता भी सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ने की खबर मिल रही है। इसमें किसी भी तरह का गतिरोध नहीं देखा जा रहा है।
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चरणबद्ध किया जा सकता नया टैरिफ ढांचा
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि, भारतीय व्यापार अधिकारियों ने दिल्ली में अपने समकक्षों से कहा है कि, अमेरिका कथित तौर पर भारत को चीन, मैक्सिको और कनाडा से नहीं जोड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि, नए टैरिफ ढांचे को चरणबद्ध किया जा सकता है और उच्च मांग वाले सामानों पर टैरिफ कम किया जा सकता है, जिससे भारत को कुछ क्षेत्रों में बड़ी राहत मिल सकती है।
अमेरिकी अधिकारियों ने बनाया दबाव
कयास लगाए जा रहे हैं कि, इन वार्ताओं में 3 दिनों के भीतर नए सौदे की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा सकता है। हालांकि, इस दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने भारत पर और रियायत करने का दबाव बनाया है। भारत के लिए यह राहत भरी खबर है और यह ऐसे समय में आई है, जब ट्रंप ने चीन पर 10 फीसदी टैरिफ लगाया था और फिर उसे बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया था। इतना ही नहीं, 1 फरवरी को उन्होंने मैक्सिको और कनाडा पर भी 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद चीन, कनाडा और मैक्सिको ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सामानों पर ऊंचे टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया था।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हुई बैठक
रिपोर्ट की मानें तो व्यापार अधिकारियों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ पहली व्यक्तिगत बैठक की है। खास बात यह है कि यह बैठक 2 अप्रैल की डेडलाइन से पहले हुई है, जिस तारीख से ट्रंप का पारस्परिक टैरिफ भारत पर लागू होने वाला है। कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन भारत को चीन, मैक्सिको और कनाडा जैसे देशों से नहीं जोड़ता।
टैरिफ मुद्दे को हल करने की कोशिश
अधिकारियों के मुताबिक, इसके पीछे वजह यह है कि अमेरिका का चीन, मैक्सिको और कनाडा के साथ मुद्रा हेरफेर, अवैध प्रवास के साथ-साथ कई अन्य सुरक्षा चिंताओं से जुड़े गंभीर मुद्दे हैं। वहीं, भारत के साथ अमेरिका का सिर्फ टैरिफ का मुद्दा है, जिसे दोनों देश सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
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