



ढाका। Islamic Extremists In Bangladesh: बांग्लादेश में जिस तेजी से इस्लामी चरमपंथियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, उससे साफ पता चलता है कि एक दिन यह देश भी पाकिस्तान की तरह ‘आतंकवादियों’ का देश बन जाएगा। पाकिस्तान की कुख्यात इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने अफगानिस्तान में जिहाद फैलाने के लिए अपने ही लोगों में ‘जिहाद का जहर’ भर दिया, जिसका नतीजा यह है कि आज पाकिस्तान में हर दिन बम धमाके होते हैं और ISI अब बांग्लादेश में भी यही कर रही है।
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चरमपंथी संगठनों पर से हटाया प्रतिबंध
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के संरक्षण में बांग्लादेश में कट्टरपंथियों को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा होना वाला है। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद देखा जा रहा है कि, देश में चरमपंथी तत्वों को भारी समर्थन मिल रहा है। मोहम्मद यूनुस ने जमात-ए-इस्लामी (JEI) जैसे चरमपंथी संगठनों पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। इसके अलावा भारत विरोधी और सांप्रदायिक हिंसा में शामिल जमात की चरमपंथी छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिबिर (ECS) को भी मोहम्मद यूनुस के शासन में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि, मोहम्मद यूनुस ऐसे तत्वों को मुख्यधारा में ला रहे हैं।
नसीमुल गनी को बनाया गृह सचिव
मोहम्मद यूनुस की सरकार ने वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित इस्लामी चरमपंथी समूह ‘हिज्ब उत-तहरीर’ के संस्थापक सदस्य नसीमुल गनी को गृह सचिव नियुक्त किया है। यह वहीं व्यक्ति है, जो पूरी दुनिया में इस्लामी खिलाफत की वकालत करता है। इसके अलावा मोहम्मद यूनुस ने मोहम्मद महफूज आलम को अपना विशेष सहायक नियुक्त किया है। यह वह व्यक्ति है, जो बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी शासन लाने के आंदोलनों का न केवल समर्थन करता है, बल्कि उनका मास्टरमाइंड भी है। आलम चरमपंथियों से निकटता रखता है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ खतरनाक बयान देता है। इसके अलावा वह बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच मजबूत संबंधों की भी वकालत करता है।
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आतंकवादियों को रिहा कर रही सरकार
इन नियुक्तियों के अलावा बांग्लादेश से एक और चौंकाने वाली खबर है। कहा जा रहा है कि, मोहम्मद यूनुस की सरकार ने उन आतंकवादियों को रिहा करना शुरू कर दिया है, जिन्हें बांग्लादेश की अदालतों ने ही आतंकवादी धाराओं के तहत दोषी ठहराया था। बांग्लादेश के धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों की हत्या के लिए जिम्मेदार अल-कायदा से जुड़े समूह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को पिछले साल अगस्त में जेल से रिहा कर दिया गया था।
इससे साफ पता चल रहा है कि, बांग्लादेश का भविष्य कैसा होने वाला है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि, यह सब मोहम्मद यूनुस की सरकार में हो रहा है, जिन्हें अमेरिका ने ‘उदारवादी’ होने का सर्टिफिकेट दिया है। माना जाता है कि इस सबके पीछे आईएसआई (ISI) का दिमाग है।
आईएसआई के अधिकारी ने किया ढाका का दौरा
बांग्लादेश में जिस तरह कट्टरपंथियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें आईएसआई की स्पष्ट छाप देखी जा सकती है। आईएसआई के वरिष्ठ खुफिया अधिकारी असीम मलिक हाल ही में ढाका आए थे। हालांकि, ढाका ने उनके दौरे से इनकार किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे ढाका गए थे। इस दौरान पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच नए सहयोग बनाने की बात हुई थी। 2003 में जनरल परवेज मुशर्रफ की यात्रा के बाद से आईएसआई ने बांग्लादेश में अपने कामकाज का काफी विस्तार किया था। उसने कॉक्स बाजार को हथियारों की तस्करी और आतंकवाद के वित्तपोषण का अड्डा बना लिया था।
बांग्लादेश में भी होंगे विस्फोट
बांग्लादेश में आईएसआई के प्रसार का असर भारत पर भी जरूर पड़ेगा। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में इस्लामिक कट्टरपंथ के फैलने का खतरा है। आईएसआई पहले भी उल्फा जैसे विद्रोही संगठनों के लिए हथियारों की तस्करी कर चुकी है। इसके अलावा हुजी-बी और हिज्ब उत-तहरीर जैसे चरमपंथी समूह खुलेआम इस्लामिक राज्य की स्थापना की वकालत करते हैं, जो बांग्लादेश की मौलिक धर्मनिरपेक्षता को चुनौती देता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश को एक ऐसे रास्ते पर ले जा रहे हैं, जिसके अंत में सिर्फ अंधेरा है और जिस तरह से पाकिस्तान में हर दिन विस्फोट हो रहे हैं, हर दिन लोग मारे जा रहे हैं, वैसा ही आने वाले समय में बांग्लादेश में भी हो सकता है।
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