



नई दिल्ली। Waqf Amendment Bill 2025: राज्यसभा ने गुरुवार 3 अप्रैल को लंबी चर्चा के बाद वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने समेत कई अहम प्रावधानों वाले वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को 95 के मुकाबले 128 मतों से मंजूरी दे दी। इस विधेयक को लेकर सरकार ने दावा किया कि, इससे इस समुदाय की महिलाओं के साथ देश के गरीब और पसमांदा मुसलमानों की स्थिति सुधारने में काफी मदद मिलेगी। इसके साथ ही संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को मंजूरी दे दी।
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देश भर में 8.72 लाख है वक्फ संपत्ति
लोकसभा ने बुधवार 2 अप्रैल रात करीब दो बजे इसे पारित कर दिया। वहीं, उच्च सदन ने विपक्ष की ओर से लाए गए कई संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक पर 13 घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2006 में देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं और उनसे कुल आय केवल 163 करोड़ रुपये थी, जबकि 2013 में बदलाव करने के बाद भी आय में केवल तीन करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा, आज देश में कुल 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं।
सरकार नहीं करेगी हस्तक्षेप
उन्होंने कहा, विधेयक में वक्फ संपत्ति का प्रबंधन करने वाले मुतवल्ली, उसके प्रशासन और उसकी निगरानी का प्रावधान है। रिजिजू ने कहा, सरकार किसी भी तरह से वक्फ संपत्ति का प्रबंधन नहीं करती है और इसमें हस्तक्षेप नहीं करती है। उन्होंने कहा कि, इस विधेयक के जरिए मुसलमानों के अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति वक्फ मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा और इस बारे में जो भी भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, वे निराधार हैं। उन्होंने कहा कि, सरकार ने जेपीसी रिपोर्ट के अनुसार विधेयक में कई बदलाव किए हैं। इसमें यह सुझाव भी शामिल हैं कि, जिला मजिस्ट्रेट से उच्च रैंक का अधिकारी वक्फ घोषित सरकारी भूमि का निरीक्षण करे।
दूर होगी मुसलमानों की गरीबी
उन्होंने कहा, विधेयक पर चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने सवाल उठाया कि, यह कैसे और कौन तय करेगा कि यह व्यक्ति मुसलमान है या नहीं। उन्होंने कहा कि, जिस तरह यह तय होता है कि, कोई व्यक्ति किस धर्म का है, उसी तरह इस मामले में भी यह तय होगा। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि, कई विपक्षी सदस्यों ने कहा कि, देश में कई मुसलमान गरीब हैं। उन्होंने कहा, सभी जानते हैं कि, देश पर ज्यादातर समय किसने राज किया और उन्होंने मुसलमानों की गरीबी दूर करने के लिए कुछ नहीं किया।
चैरिटी कमिश्नर देखेंगे काम
उन्होंने कहा, अगर पिछली सरकारों ने यह काम किया होता, तो आज नरेंद्र मोदी सरकार को ये सब कदम नहीं उठाने पड़ते। रिजिजू ने कहा, विधेयक में प्रावधानित चैरिटी कमिश्नर का काम सिर्फ यह देखना है कि, वक्फ बोर्ड और उसके अधीन जमीनों का प्रबंधन सही तरीके से हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा, इसके जरिए सरकार और वक्फ बोर्ड मस्जिद समेत किसी भी धार्मिक संस्था के किसी भी धार्मिक काम में हस्तक्षेप नहीं करेगी। उन्होंने कहा, नए विधेयक में इस्लाम के सभी विचारधाराओं के सदस्यों को वक्फ बोर्ड में जगह दी जाएगी। उन्होंने कहा, सरकार की मंशा इस विधेयक को समावेशी बनाने की है।
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बेहतर होगा संपत्तियों का प्रबन्धन
मंत्री ने कहा, इस विधेयक के पारित होने के बाद जो कानून लागू होगा, उसे नया नाम ‘उम्मीद’ (एकीकृत वक्फ प्रबंधन सशक्तीकरण, दक्षता और विकास) अधिनियम दिया गया है, जिस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि वक्फ से संबंधित मामला सुलझ चुका है, तो ऐसे मामलों पर इस विधेयक के प्रावधान लागू नहीं होंगे, लेकिन यदि कोई मामला अदालत में लंबित है, तो उसमें कुछ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, इस विधेयक के प्रावधानों से देश के गरीब मुसलमानों के कल्याण और वक्फ बोर्ड के अधीन संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन से उनके उत्थान में मदद मिलेगी।
लोगों को गुमराह न करे विपक्ष
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, विधेयक में प्रावधान किया गया है कि, यदि कोई व्यक्ति अपनी जमीन वक्फ को देना चाहता है, तो विधवा या तलाकशुदा महिला या अनाथ बच्चों के स्वामित्व वाली संपत्ति वक्फ को नहीं दी जा सकती। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि वे इस विधेयक के बारे में लोगों को गुमराह करना बंद करें। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राष्ट्रीय संपत्ति या भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अंतर्गत आने वाले स्मारकों या जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आज वक्फ से जुड़े 31 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं, इसलिए वक्फ ट्रिब्यूनल को मजबूत बनाया गया है।
अपील का मिला अधिकार
रिजिजू ने कहा, विधेयक में अपील का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि, वक्फ ट्रिब्यूनल में उसे न्याय नहीं मिला है, तो वह सिविल अदालतों में अपील कर सकता है। उन्होंने कहा, केंद्रीय वक्फ परिषद में 22 सदस्य होंगे। इसमें चार से ज्यादा गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे। इसमें तीन सांसद होंगे, 10 सदस्य मुस्लिम समुदाय से होंगे, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के दो पूर्व न्यायाधीश, राष्ट्रीय ख्याति के एक वकील, अलग-अलग क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त चार व्यक्ति, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव होंगे।
दो महिला सदस्य भी होंगी बोर्ड में
उन्होंने कहा, मुस्लिम समुदाय के 10 सदस्यों में से दो महिलाएं होनी चाहिए। रिजिजू ने कहा, राज्य वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य होंगे। इनमें तीन से अधिक गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे, जिनमें से एक पदेन सदस्य होगा। बोर्ड में एक अध्यक्ष, एक सांसद, एक विधायक, मुस्लिम समुदाय के चार सदस्य, पेशेवर अनुभव वाले दो सदस्य, बार काउंसिल का एक सदस्य और राज्य सरकार का एक संयुक्त सचिव होगा। मुस्लिम समुदाय के चार सदस्यों में से दो महिलाएं होंगी। इसके अलावा वक्फ (संशोधन) विधेयक के अनुसार वक्फ न्यायाधिकरण को मजबूत किया जाएगा, एक व्यवस्थित चयन प्रक्रिया होगी और कुशल विवाद समाधान प्रक्रिया के लिए इसका एक निश्चित कार्यकाल होगा।
एक लाख से अधिक वाली संपत्तियों का होगा ऑडिट
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार न्यायाधिकरण के निर्णयों को सिविल मुकदमे के माध्यम से चुनौती दी जा सकेगी। इसके प्रावधानों के अनुसार वक्फ संस्थाओं द्वारा वक्फ बोर्ड को दिए जाने वाले अनिवार्य अंशदान को सात प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। एक लाख रुपये से अधिक आय वाली वक्फ संस्थाओं को राज्य प्रायोजित ऑडिट करवाना होगा।
महिलाओं को दिया जायेगा हिस्सा
विधेयक में एक केंद्रीकृत पोर्टल का प्रावधान है जो वक्फ प्रबंधन को कुशलतापूर्वक और पारदर्शी तरीके से काम करने में मदद करेगा। इसमें यह भी प्रावधान है कि केवल ‘अभ्यास करने वाला मुसलमान’ (कम से कम पांच साल से) ही अपनी संपत्ति वक्फ कर सकेगा। विधेयक में यह भी प्रावधान है कि संपत्ति वक्फ घोषित होने से पहले महिलाओं को उनकी विरासत दी जाएगी और विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। यह प्रस्ताव किया गया है कि जिला मजिस्ट्रेट से ऊपर के रैंक का एक अधिकारी वक्फ घोषित सरकारी भूमि का निरीक्षण करेगा।
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