Home » राष्ट्रीय » Waqf Amendment Bill: SC में हुई सुनवाई, CJI ने पूछे कई सवाल, जानें देश में कितनी है वक्फ की संपत्ति

Waqf Amendment Bill: SC में हुई सुनवाई, CJI ने पूछे कई सवाल, जानें देश में कितनी है वक्फ की संपत्ति

News Portal Development Companies In India
Waqf Amendment Bill: SC
नई दिल्ली। Waqf Amendment Bill: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक बार फिर से वक्फ संशोधन बिल पर सुनवाई की। माना जा रहा है कि, सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में अंतरिम आदेश भी जारी कर सकता है। इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में जब वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने वक्फ बिल को चुनौती देने वाली याचिकाओं के पक्ष में दलीलें पेश कीं, तो सुप्रीम कोर्ट ने उनकी हर दलील पर सवाल भी उठाए।
सात दिन में जवाब दाखिल करे केंद्र

Waqf Amendment Bill: SC

वहीं, जब केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दलीलें रख रहे थे, तो सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने उनसे भी तीखे सवाल भी पूछे। गुरुवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई जस्टिस खन्ना ने सरकार को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। साथ ही उन्होंने अगले आदेश तक यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से सिर्फ 5 याचिकाएं देने को कहा है। साथ ही तब तक वक्फ बोर्ड में बहाली नहीं होगी।  सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि, जो भी संपत्तियां कोर्ट ने वक्फ घोषित की हैं, उन्हें गैर वक्फ नहीं माना जाएगा, चाहे उन्हें उपयोगकर्ता ने वक्फ किया हो या नहीं। वक्फ एक्ट से जुड़े तीन सवालों पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अंतरिम आदेश जारी करेगा। आइए जानते सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या सवाल उठाए।
उठाए ये सवाल
पहला सवाल: कोर्ट ने सवाल किया कि क्या वक्फ संपत्तियों को डीनोटिफाई करने की अनुमति दी जानी चाहिए? दरअसल, ऐसी वक्फ संपत्तियां जिन्हें कोर्ट ने वक्फ घोषित कर दिया है या ऐसी वक्फ संपत्तियां जिनका मामला अभी भी किसी कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट इस संबंध में आदेश दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हुई सुनवाई में भी यह सवाल उठाया। सीजेआई ने सरकार को इस मामले के एक हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
दूसरा सवाल: क्या विवाद की स्थिति में कलेक्टर के अधिकारों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए? इस सवाल की वजह वक्फ कानून में किया गया नया प्रावधान है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी वक्फ संपत्ति पर उठने वाले विवाद की जांच कलेक्टर करेंगे। यह विवाद सरकारी जमीन या वक्फ जमीन के बंदोबस्त से जुड़ा है। अहम बात यह है कि, जांच के दौरान वक्फ संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा। हालांकि केंद्र ने कहा है कि विवाद की स्थिति में दूसरा पक्ष ट्रिब्यूनल कोर्ट में अपील दायर कर सकता है।
तीसरा सवाल: क्या वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम लोगों का शामिल होना सही है क्योंकि अन्य धर्मों से जुड़े धर्मों में गैर-मजहबी लोगों का प्रवेश वर्जित है। वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों के प्रवेश को गैर-संवैधानिक बताया गया है। कपिल सिब्बल ने यह दावा किया कि, पुराने कानून के तहत बोर्ड में सभी मुस्लिम होते थे। हिंदू और सिख बोर्ड में भी सभी सदस्य हिंदू और सिख ही होते हैं, लेकिन अब संशोधित वक्फ अधिनियम में विशेष गुट के नाम पर गैर मुस्लिमों को स्थान दिया गया है, जो मुसलमानों के अधिकार का सीधा उल्लंघन है।
कपिल सिब्बल ने दी दलील 
सुप्रीम कोर्ट ने तुषार मेहता से कपिल सिब्बल की इस दलील को लेकर सवाल पूछा कि, इस कानून के मुताबिक 8 सदस्य मुस्लिम हैं, 2 जज मुस्लिम नहीं हो सकते, फिर बाकी गैर मुस्लिम हैं। इस पर मेहता ने तर्क दिया कि ऐसी स्थिति में ये बेंच मामले की सुनवाई भी नहीं कर सकती। इस पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा, ‘क्या! जब हम यहां बैठते हैं, हम अपना धर्म खो देते हैं, हमारे लिए दोनों पक्ष बराबर हैं, आप इसकी तुलना जजों से कैसे कर सकते हैं? फिर हिंदू बंदोबस्ती के सलाहकार बोर्ड में गैर मुस्लिमों को क्यों नहीं रखा जाता?
Waqf Amendment Bill: SC
कोर्ट ने पूछा,  क्या आप कोर्ट के सामने ये बयान देने को तैयार हैं कि,हिन्दू सलाहाकार बोर्ड में अधिकतम 2 गैर मुस्लिम होंगे। कपिल सिब्बल ने कहा- ये इतना आसान नहीं है, सैकड़ों साल पहले वक्फ बना था, अब तीन सौ साल पुरानी संपत्ति की वक्फ डीड मांगी जाएगी, जो दिक्कत वाला विषय है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया, वक्फ बाय यूजर को क्यों हटाया गया, यहां कई पुरानी मस्जिदें हैं। यहां, 14वीं और 16वीं सदी की मस्जिदें मौजूद हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन सेल डीड नहीं होगा। ऐसे में अब  ऐसी संपत्तियों का पंजीकरण कैसे किया जाएगा?
पुराने कानून का हुआ दुरूपयोग 
कोर्ट ने आगे कहा, अगर ऐसे वक्फ को खारिज किया जाता है, तो विवाद लंबा चलेगा। हमें पता है कि पुराने कानून का दुरुपयोग हुआ, लेकिन कुछ वास्तविक वक्फ संपत्तियां हैं, जो सही हैं। अगर हम इसे खत्म कर देंगे तो दिक्कत बढ़ जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे तुषार मेहता ने कहा, अगर कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति के तौर पर रजिस्टर्ड है, तो वह वक्फ संपत्ति ही रहेगी। संशोधित वक्फ में किसी को रजिस्ट्रेशन से नहीं रोका गया है।
कलेक्टर करेंगे जांच

Waqf Amendment Bill: SC

जब 1923 में वक्फ से जुड़ा पहला कानून आया था तब उसमें भी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य था। 1954, 1995 में भी यह अनिवार्य था। 2013 में  जब बदलाव किए गए, तो उसमें भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य था। इस पर अदालत ने सवाल उठाया, यदि कोई संपत्ति बाय-यूजर है और उसका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो ऐसी स्थति में उस संपत्ति का क्या होगा? ब्रिटिश काल से पहले रजिस्ट्रेशन का प्रावधान नहीं था, ऐसी स्थिति में क्या होगा? इन सवालों पर दलील देते हुए मेहता ने कहा- इसकी जांच कलेक्टर करेंगे और अगर जांच में पाया गया कि, यह सरकारी संपत्ति है, तो राजस्व रिकॉर्ड में सुधार किया जायेगा। वहीं, अगर किसी को कलेक्टर के फैसले से दिक्कत है, तो वह न्याय के लिए ट्रिब्यूनल कोर्ट में जा सकता है।
सेना, रेलवे से भी ज्यादा है वक्फ की संपत्ति 
बताया जा रहा है कि, भारत में सेना और रेलवे से भी ज्यादा संपति वक्फ के पास है। मौजूदा समय ने वक्फ की कुल संपत्ति 8.72 लाख एकड़ है। इससे पहले साल 2009 में यह संपत्ति करीब 4 लाख एकड़ ही थी, जो अब दोगुनी हो गई है। दिसंबर 2022 में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय द्वारा  लोकसभा में जानकारी के मुताबिक, वक्फ बोर्ड के पास 8,65,644 एकड़ अचल संपत्तियां हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है।
इस राज्य को कहते हैं वक्फ की राजधानी
बता दें कि, भारत के हर राज्य में वक्फ बोर्ड होता है, जो वक्फ की संपत्तियों को नियंत्रित करने का काम करता है। देश के पांच राज्य उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल और हैदराबाद में वक्फ की सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं। अकेले हैदराबाद में वक्फ की करीब  77,000 संपत्तियां हैं, इसीलिए इस शहर को भारत की वक्फ राजधानी कहा जाता है। वहीं, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में वक्फ की 1.2 लाख संपत्तियां हैं। तेलंगाना का वक्फ बोर्ड देश का सबसे अमीर वक्फ बोर्ड माना जाता है। इनमें भी पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है। यूपी में वक्फ की कुल  1.5 लाख संपत्तियां हैं।

Leave a Comment

Modi 3.0 के पहले आम बजट से मिडिल क्लास को मिलेगी राहत?