



रामबन/जम्मू। Ramban Cloud Burst: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। रविवार सुबह यहां अलग-अलग जगहों पर आई बाढ़ में तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं, सेरी बागना इलाके में बादल फटने की घटना भी सामने आ रही है। इस आपदा में कई लोगों की मौत की खबर है। इस प्राकृतिक आपदा से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय पुलिस और राहत टीमों ने तुरंत मोर्चा संभाला और करीब 100 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया है।
कल बंद रहेंगे स्कूल कालेज
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, लगातार बारिश के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी और बनिहाल के बीच करीब एक दर्जन जगहों पर भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं हुईं, जिसकी वजह से यातायात रोक दिया गया। साथ ही, सोमवार को जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। रामबन के डिप्टी कमिश्नर (डीईओ) ने ट्वीट किया, खराब मौसम और भारी बारिश के कारण बाढ़ की संभावना को देखते हुए, जिला रामबन में सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी शिक्षा संस्थान 21 अप्रैल को बंद रहेंगे। बिना किसी जरूरी काम के घर से बाहर न निकले।
आकाशीय बिजली की चपेट में आईं महिलाएं
अधिकारियों ने बताया, रामबन के सेरी बागना गांव में बादल फटने से तीन लोगों की जान चली गई है। मृतकों में दो की पहचान आकिब अहमद और मोहम्मद साकिब के तौर पर हुई है, ये दोनों भाई थे। उन्होंने बताया, गांव में बचाव अभियान चलाया जा रहा है। इन तीन लोगों की मौत के साथ ही पिछले दो दिनों में जम्मू क्षेत्र में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। इससे पहले रियासी जिले के अरनास में शनिवार देर रात को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई। वहीं, एक अन्य महिला जख्मी हो गई थी।
सुरक्षित निकाले गए सौ से अधिक ग्रामीण
अधिकारियों के मुताबिक, धरम कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ से करीब 40 घर क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 10 घर पूरी तरह से धराशायी हो गये और 30 घरों को आंशिक नुकसान हुआ है। हालांकि, बादल फटने और लगातार हो रही बारिश के बाद भी पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद हैं और राहत व बचाव कार्य के जुटे हैं। पुलिस कर्मियों ने अब तक 100 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया है। उन्होंने बताया कि, एक जलाशय के ओवरफ्लो होने के कारण कई वाहन बह गए। एक अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, भारी बारिश, बादल फटने, तेज हवाओं, भूस्खलन और ओलावृष्टि से पूरे जिले में भारी तबाही मची है।
रास्ते में फंसे सैकड़ों यात्री
अधिकारी ने कहा, हम स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। हालात सामान्य होने के बाद नुकसान का आकलन किया जाएगा ताकि प्रभावित लोगों को सरकारी मदद मुहैया कराई जा सके। इस समय हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। यातायात विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि नाशरी और बनिहाल के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने की घटनाओं के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर अवागमन रोक दिया गया है। उन्होंने कहा, लोगों से मौसम में सुधार होने और सड़क साफ होने तक मुख्य सड़क पर यात्रा न करने की अपील की गई है। अधिकारियों ने कहा कि 250 किलोमीटर लंबे राजमार्ग के बंद होने से सैकड़ों यात्री रास्ते में ही फंस गये हैं। बता दें कि ये राजमार्ग कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली यह एकमात्र मार्ग है।
सीएम ने बुलाई बैठक
अधिकारियों का कहना है कि, पंथियाल के पास सड़क का एक हिस्सा भी पानी में बह गया है। उन्होंने कहा कि सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। इधर, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति का आकलन करने के लिए बाद में एक बैठक बुलाई है। सीएम ने इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा है, रामबन में हुए दुखद भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से मुझे गहरा दुख हुआ है, जिससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ है, मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। राज्य सरकार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जहां भी जरूरत हो, वहां तत्काल बचाव और राहत कार्य पहुंचे।
Extremely anguished by the tragic landslide and flash flood in Ramban, which have caused considerable damage to life and property. My thoughts are with the affected families in this difficult hour. We are in touch with the local administration to ensure immediate rescue efforts…
— Office of Chief Minister, J&K (@CM_JnK) April 20, 2025
केंद्रीय मंत्री ने की जिला प्रशासन की तारीफ
मुख्यमंत्री ने एक्स पर ये भी लिखा कि, वह जल्द ही बहाली, राहत और मरम्मत योजनाओं की समीक्षा करेंगे। फिलहाल, अभी प्रशासन का मुख्य फोकास जमीनी हालात को संभालना है। उन्होंने नागरिकों से मौसम और यात्रा संबंधी सलाह का पालन करने और संवेदनशील और जोखिम भरे क्षेत्रों में अनावश्यक आवाजाही से बचने की अपील की है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने त्वरित कार्रवाई करके लोगों की जान बचाने के लिए डिप्टी कमिश्नर बसीर उल हक चौधरी के नेतृत्व में जिला प्रशासन की प्रशंसा की।
Union Minister Jitendra Singh tweets, “Update Ramban, Jammu and Kashmir: In the aftermath of the torrential hailstorm yesterday, while the district administration team led by energetic DC Mr Baseer Haq has been commendably on the job since last night, it is time also to… pic.twitter.com/zASMhQ07id
— IANS (@ians_india) April 20, 2025
रात भर होती रही ओलावृष्टि
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, रामबन शहर के आसपास के इलाकों सहित रामबन क्षेत्र में रात भर भारी ओलावृष्टि हुई। कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं घटी और और तेज हवाएं चलीं। नतीजतन, राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया। इस आपदा में तीन लोगों की मौत हो गई है। साथ ही कुछ परिवारों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, मैं डिप्टी कमिश्नर के संपर्क में हूं। जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की चलते लोगों को घटनास्थल से सुरक्षित निकाल लिया गया है।
मौसम विभाग ने जताई थी संभावना
मौसम विभाग ने 20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना पहले ही व्यक्त की थी। आईएमडी ने कहा था कि, आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे, देर शाम तक कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश या बर्फबारी भी हो सकती है। मौसम विभाग ने कल यानी 21 अप्रैल को भी कुछ इलाकों में हल्की बारिश और गरज के साथ बादल छाए रहने का अनुमान जताया है। 22 से 28 अप्रैल के बीच मौसम आमतौर पर शुष्क रहेगा। हालांकि 25 अप्रैल को आसमान में बादल छाए रह सकते हैं।
21 अप्रैल को भी खराब रहेगा मौसम
मौसम विभाग ने सभी संबंधित विभागों और जनता से अपील की है कि, वे मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार ही अपने कार्यक्रम बनाएं और प्रशासन या यातायात विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। किसानों को खास तौर पर 21 अप्रैल तक कोई भी कृषि कार्य स्थगित रखने की सलाह दी गई है ताकि मौसम संबंधी जोखिम से बचा जा सके।