महाराष्ट्र। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभ चुनाव नतीजे घोषित हुए दस दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक महागठबंधन की सरकार नहीं बन पाई है। इसमें कोई शक नहीं कि यहां मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा, लेकिन एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होंगे या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति बन गई है। दरअसल शिंदे गृह मंत्री पद की उम्मीद लगाये बैठे हैं। वहीं भाजपा किसी भी कीमत पर यह विभाग अपने पास रखना चाहती है। शिंदे करीब ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन तब भी गृह मंत्रालय बीजेपी के पास था। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय नहीं मिला तो क्या वह सरकार में शामिल होंगे या नहीं?
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तय हुई शपथ ग्रहण की तारीख
महाराष्ट्र की नई सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख तय हो गई है। शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होगा। महायुति सरकार में सबकी निगाहें एकनाथ शिंदे पर हैं। सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय की मांग पर अड़े हुए हैं, लेकिन बीजेपी उन्हें गृह मंत्रालय सौंपने को तैयार नहीं है। भाजपा गृह मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है और मुख्यमंत्री भी अपना ही बनाना चाहती है। शिंदे के ढाई साल के शासन के दौरान भी गृह मंत्रालय बीजेपी के पास ही रहा। बीजेपी और शिवसेना के बीच गृह मंत्रालय को लेकर तनातनी चल रही है, जिसका अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है।
गृह मंत्रालय को लेकर फंचा पेंच
मुख्यमंत्री में साथ -साथ गृह मंत्रालय सबसे अहम पद होता है। माना जाता है कि यूपी बिहार और अन्य बड़े राज्यों में मुख्यमंत्री ही गृह मंत्रालय को नियंत्रित करते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा नहीं हो रहा है। शिंदे सरकार के दौरान गृह मंत्रालय देवेन्द्र फड़णवीस के अधीन आ गया था। यहां तक कि उनसे पहले की उद्धव ठाकरे सरकार में भी मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय नहीं था। उद्धव सरकार में गृह मंत्रालय एनसीपी के पास था और अनिल देशमुख गृह मंत्री थे। उनके बाद दिलीप वाल्से पाटिल को गृह मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था।
बीजेपी किसी को नहीं देना चाहती गृह विभाग
2014 में जब महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार बनी और देवेंद्र फड़णवीस मुख्यमंत्री बने थे, तब भी फड़णवीस ने मुख्यमंत्री के साथ गृह मंत्री का पद संभाला था। हालांकि एकनाथ शिंदे शिवसेना के कद्दावर नेता हैं, लेकिन वह कभी भी गृह मंत्रालय का कार्यभार नहीं संभाल पाए। मौजूदा समय में महायुति में तीन नेता देवेंद्र फड़णवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार हैं। इन तीनों में से अजित पवार और एकनाथ शिंदे के पास सरकार में रहने का सबसे ज्यादा अनुभव है। अजित पवार वित्त मंत्रालय से खुश हैं, लेकिन शिंदे की गृह मंत्री की चाहत पूरी होती हुई नहीं नजर आ रही है।
गृह मंत्रालय के लिए अड़े शिंदे
देवेन्द्र फड़णवीस के नेतृत्व में भाजपा बहुत मजबूत है। साल 2014 की तरह, फड़नवीस सीएम पद के साथ-साथ गृह मंत्रालय भी अपने पास रखना चाहते थे, जबकि शिंदे गृह मंत्रालय अपने पास रखने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि शिंदे के मुख्यमंत्री रहने के दौरान ढाई साल तक फड़नवीस के पास गृह मंत्रालय था लेकिन शिंदे ने कभी भी बहुत ज्यादा दखंलदाजी नहीं की। हालांकि कुछ मौकों पर मुख्यमंत्री ने कुछ फैसलों पर रोक लगाई थी। महाराष्ट्र में गृह मंत्री को सरकार में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। ऐसे में अगर शिंदे बीजेपी के मुख्यमंत्री पद छोड़ रहे हैं तो वे गृह मंत्रालय के लिए अड़ भी गये हैं।
सरकार में शामिल होगे शिंदे या नहीं, संशय बरकरार
फ़िलहाल एकनाथ शिंदे गृह विभाग के लिए अड़े हुए हैं क्योंकि गृह मंत्रालय ही है जो उन्हें सीएम पद से हटने के बाद पवार में रख सकता है। अगर शिव सेना को गृह मंत्रालय मिलता है तो निश्चित रूप से पुलिस विभाग पर उसका पूरा नियन्त्रण होगा। ऐसे में मुख्यमंत्री कुछ फैसलों पर वीटो कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो बीजेपी किसी भी हालत में गृह मंत्रालय किसी और को देने को तैयार नहीं है। वहीं शिवसेना के नेताओं द्वारा महायुति 1.0 पैटर्न रखने बात कही जा रही है, इसीलिए गृह विभाग को लेकर पेंच फंसा हुआ है। अब सवाल ये उठ रहा कि अगर शिवसेना प्रमुख शिंदे को गृह मंत्रालय न मिला तो क्या वे सरकार में शामिल होंगे।
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