नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार 27 अक्टूबर को देशवासियों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी धोखाधड़ी के प्रति आगाह किया और कहा कि कोई भी सरकारी विभाग फोन पर धमकी देकर पैसे की मांग नहीं करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी में लिप्त लोग खुद को पुलिस, सीबीआई, आरबीआई या नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बताकर लोगों को डरा कर उनसे पैसे मांगते हैं। ये लोग पहले व्यक्ति की निजी जानकारी जुटाते हैं और फिर उनके आसपास डर का एक ऐसा वातावरण पैदा करते है कि वह दवाब में आ जाता है और उसकी सोचने समझने की शक्ति खत्म हो जाती है।
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‘मन की बात’ में की डिजिटल अरेस्ट पर चर्चा
दरअसल प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड में डिजिटल अरेस्ट पर विस्तार से बात की और बताया कि किस तरह से इस तरह की धोखाधड़ी के शिकार हर वर्ग के लोग हो रहे हैं। कैसे लोग अपने जीवन की गाढ़ी कमाई मिनटों ने लूटा दे रहे हैं। अब तक बहुत से पढ़े लिखे नौकरीपेशा व बिजेनस मैन इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं।
घबराएं नहीं, धैर्य से लें काम
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि अगर उन्हें ऐसी कॉल आएं तो वे घबराएं नहीं। “ऐसे मामलों में डिजिटल सुरक्षा में तीन चरण होते हैं, रुकें, सोचें और कार्य करें। यदि संभव हो तो स्क्रीनशॉट लें और उसे रिकॉर्ड करें। कोई भी सरकारी एजेंसी फोन करके इस तरह की धमकी नहीं देती है और न ही इस तरह से पैसे मांगती हैं।
पुलिस को दें सूचना
प्रधानमंत्री ने लोगों से ऐसे घोटालों से बचने के लिए राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करने का आग्रह किया और पुलिस को रिपोर्ट करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ऐसी घटनाओं को दर्ज किया जाना चाहिए और पुलिस और साइबर सुरक्षा अधिकारियों को सूचित किया जाना चाहिए।
वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन हो चुके हैं ठगी का शिकार
उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में भारत में “डिजिटल अरेस्ट” के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। पिछले महीने साइबर अपराधियों ने वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एस.पी. ओसवाल को “डिजिटल अरेस्ट” करके 7 करोड़ रूपये की ठगी कर ली थी। उन्हें अरेस्ट करने वाले अपराधियों ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताते ही उन पर मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया। अपराधियों ने उन्हें फर्जी अरेस्ट वारंट दिखाया और वीडियो काल पर लगातार बने रहने को कहा। उन लोगों ने कहा, अगर केस खत्म करना है तो तत्काल पैसे ट्रांसफर कर दो। ओसवाल को डराने के लिए ठग ने ईडी, सीबीआई और कस्टम जैसी कई राष्ट्रीय जांच एजेंसियों के भी नाम लिए
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