



जम्मू कश्मीर। जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) की राजनीति में आज 16 अक्टूबर 2024 का दिन बेहद अहम है। इस राज्य को आज अपना मुख्यमंत्री मिलेगा। अभी तक यहां राष्ट्रपति शासन लागू था। कोर्ट के आदेश बाद सितंबर महीने में कराये गये विधानसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और अब इसके मुखिया उमर अब्दुल्ला यहां के सीएम बनने जा रहे हैं। वे आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं इंडिया गठबंधन के तहत नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने शपथ समारोह से पहले ही एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, कांग्रेस आलाकमान ने उमर अब्दुल्ला सरकार में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है लेकिन वह उसे बाहर से समर्थन देगी।
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उप राज्यपाल दिलाएंगे पद और गोपनीयता की शपथ
वहीं, दूसरी तरफ पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की जीत के बाद उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के बनने जा रहे हैं। जम्मू- कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा दिन में साढ़े 11 बजे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में उन्हें और उनकी कैबिनेट में शामिल होने वे मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाने के लिए आमंत्रित किया है।
JKNC VP & Chief Minister Designate @OmarAbdullah visited the revered Hazratbal Shrine ahead of the oath taking ceremony today. He prayed for the peace & prosperity of Jammu & Kashmir. pic.twitter.com/LalLt1vxcL
— JKNC (@JKNC_) October 16, 2024
शपथ ग्रहण में शामिल होंगे राहुल, प्रियंका और खरगे
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि 16 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी शामिल होंगे। हालांकि मंगलवार को शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले कांग्रेस ने सरकार में शामिल न होने का फैसला लेकर सबको चौंका दिया है लेकिन गठबंधन की एकजुटता दिखाने के लिए राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और प्रियंका गांधी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे।
एक मंत्री पद मिलने से नाराज हुई कांग्रेस
उमर अब्दुल्ला सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से करीब 3 घंटे पहले सरकार में शामिल न होने के कांग्रेस के फैसले को लेकर अब तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। वहीं सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि, कांग्रेस उमर अब्दुल्ला सरकार में सिर्फ एक मंत्री पद मिलने से नाराज है। यही वजह है कि वह बाहर से समर्थन दे रही है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस उमर अब्दुल्ल्ला सरकार में कम से कम दो मंत्री पद चाह रही थी, लेकिन अब्दुल्ला इस पर राजी नहीं हुए। उधर राजनीति के जानकारों का मानना है कि हो सकता है कि कांग्रेस ने बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए ऐसा किया हो। ऐसा भी हो सकता है कि कांग्रेस नेतृत्व न चाहता हो कि जम्मू कश्मीर में अब तक का सबसे ख़राब प्रदर्शन करते हुए यानी केवल छह सीटें जीतने के बाद भी प्रदेश इकाई के बड़े नेताओं को मंत्री पद का तोहफा मिले। एक तरह से ये कांग्रेस का राजनीतिक प्रायश्चित भी हो सकता है।
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