जम्मू-कश्मीर। हमेशा से आतंकवाद के साये में रह रहे जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में एक और आतंकी हमला हुआ है। इस बार भी आतंकियों ने प्रवासी मजदूर को निशाना बनाया है। ये हमला पुलवामा में हुआ है। इस हमले में एक मजदूर की मौत हो गई जबकि एक के हाथ में गोली लगी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया है। हालांकि अब वह खतरे से बाहर है। इसके साथ ही सुरक्षाबल और पुलिस की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया।
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उत्तर प्रदेश के एक श्रमिक की मौत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने गुरुवार की सुबह जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में उत्तर प्रदेश के एक श्रमिक की गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं के अन्य मजदूर घायल हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि पुलवामा जिले के बटाकुंड गांव में आतंकियों ने उत्तर प्रदेश के रहने वाले प्रीतम सिंह को गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
हाल में हुई थी छह मजदूरों की हत्या
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में इन दिनों आतंकी हमले तेज हो गये हैं। यहां गैर स्थानीय मजदूरों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले, गांदरबल में श्रीनगर-लेह हाईवे पर सोनमर्ग के पास गगनगीर इलाके में जेड मोड़ सुरंग बनाने में जुटे मजदूरों के कैंप पर आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस हमले में एक डॉक्टर समेत छह मजदूरों की मौत हो गई थी। इस हमले में गैर कश्मीरियों के साथ ही स्थानीय मजदूरों की भी मौत हुई थी। बताया जा रहा है कि ये हाल के वर्षों में प्रवासी मजदूरों पर सबसे बड़ा हमला है। इस हमले को दो आतंकियों ने अंजाम दिया था। इस वारदात से एक दिन पहले शोपियां में भी बिहार के रहने वाले श्रमिक अशोक चौहान की हत्या कर दी गई थी।
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जम्मू कश्मीर में बड़ी संख्या में रहते हैं प्रवासी मजदूर
बता दें कि कश्मीर में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर रहते हैं। ये यहां विभिन्न जिलों में चलने वाली बड़ी-बड़ी परियोजनाओं में काम करते हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, छतीसगढ़ समेत अन्य प्रदेशों के लोग यहां के सेब के बागानों में भी काम करते हैं। जैसे कि उसकी पैकिंग आदि करते हैं। वहीं कुछ मजदूर सब्जी और फल बेचने का काम करते हैं। रेलवे की योजनाओं में भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर काम करते हैं।
2021 में भी प्रवासी मजदूरों पर हुए थे आतंकी हमले
उल्लेखनीय है कि साल 2021 में भी आतंकियों ने इसी तरह प्रवासी श्रमिकों पर हमले किए थे। उस वक्त 16 और 17 अक्तूबर को बिहार और उत्तर प्रदेश के चार मजदूरों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। उस वक्त बड़ी संख्या में श्रमिकों ने घाटी से पलायन किया था। अब एक बार फिर कश्मीर में गैर स्थानीय कामगारों को लेकर दहशत फैलाई जा रही है।
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