नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हवा (Delhi AQI) की गुणवत्ता खराब बनी हुई है। सोमवार को हालात और भी बदतर हो गये। कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से अधिक हो गया है। यह श्रेणी में बड़े बदलाव का संकेत है। रविवार को प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी का पता चलने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
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दिल्ली में AQI 400 के पार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, कई निगरानी स्टेशनों ने सुबह 8 बजे एक्यूआई स्तर 400 से ऊपर दर्ज किया, जिसमें आनंद विहार – 434, वजीरपुर – 414, जहांगीरपुरी – 413, रोहिणी – 409 और पंजाबी बाग शामिल हैं। दिल्ली के लोगों के कहना है कि बढ़ता प्रदूषण कई समस्याएं पैदा कर रहा है। हमें सांस लेने में कठिनाई होती है। हम स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों को बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनना चाहिए। यमुना के प्रदूषण के कारण छठ व्रत करने वाले स्नान करके भी अर्घ्य नहीं दे पाएंगे। मानव प्रदूषण को रोकने के लिए अधिकांश घाटों को बांस से घेर दिया गया है। यमुना के किनारे कृत्रिम घाट बनाए गए हैं ताकि श्रद्धालु डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दे सकें।
घाटों पर बनाये गये हैं कृत्रिम जलाशय
कोविड के दौरान यमुना के किनारे पर पूजा और व्रत करने पर रोक लगा दी गई थी। इस बार य।मुना किनारे व्रत दर्शन की इजाजत है, लेकिन कई घाटों पर लोग यमुना के पानी में खड़े होकर अर्घ्य नहीं दे सकते आईटीओ और सुर वासुदेव सहित कई घाटों पर कृत्रिम जलाशय बनाए गए हैं। इसमें साफ पानी इकट्ठा किया गया है ताकि लोग यहां पूजा अर्चना कर सकें।
अन्यत्र पूजा करने को मजबूर होंगे व्रती
सोनिया विहार जिले के पुश्ता पर हर साल होने वाले इस त्योहार के जश्न पर इस साल प्रतिबंध लगा दिया गया है। 1959 से सोनिया विहार इलाके में रहे रहे कुछ लोगों का कहना है कि हर साल इस घाट पर छठ पूजा का आयोजन होता है, लेकिन इस साल कृत्रिम घाट नहीं होने की वजह से छठ पूजा के आयोजन की इजाजत नहीं है। ऐसे में लोग अन्यत्र पूजा करने को मजबूर होंगे।
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रविवार को छाई रही धुंध
रविवार को राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 382 रहा, जो इस सीजन का सबसे ऊंचा एक्यूआई है। शनिवार की तुलना में सूचकांक में 66 अंक की बढ़ोतरी हुई। रविवार सुबह आसमान में धुंध का बादल नजर आया। बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के कारण लोगों में आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई हो रही है। हालांकि, आनंद विहार समेत 14 जिलों में AQI गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है। इसके अलावा ओखला विहार समेत 20 जिलों में AQI 300 से ऊपर रहा। वहीं, तीन इलाकों में हवा खराब दर्ज की गई। दिल्ली के बाद नोएडा एनसीआर का सबसे प्रदूषित इलाका बना हुआ है।
दीवाली के दो दिन बाद हुआ थोड़ा सुधार
दिवाली के दो दिन बाद से वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। अनुकूल मौसमी परिस्थितियों की बदौलत दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में मौसम निराशाजनक नहीं रहा। इसके अलावा हवा की गति तेज होने के कारण इस सीजन में दिल्ली, नॉर्थ कैरोलिना की आबोहवा में कोई प्रदूषण नहीं हुआ। 1 नवंबर को AQI 339 था और 2 नवंबर को 316 था। इस बीच, 2 नवंबर को दिल्ली में PM2.5 में पराली जलाने का औसत योगदान लगभग 15% था।
भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के अनुसार, रविवार को हवा पूर्व से दक्षिण-पूर्व की ओर चल रही थी। इस दौरान हवा की गति 5 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक रही। सोमवार को दक्षिण पूर्व और पूर्व दिशा से हवा चलेगी। इस समय हवा 5 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। मंगलवार को हवा दक्षिण-पूर्व और पूर्व से चलेगी। हवा की गति 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच रहने की उम्मीद है। बुधवार को हवा दक्षिण-पूर्व और दक्षिण से चलेगी। इस अवधि के दौरान हवा की गति 5 से 20 किमी/घंटा तक होती है। हालांकि सुबह के समय हल्का कोहरा रह सकता है। ऐसे में हवा ”बहुत खराब” श्रेणी में बनी हुई है।
एनसीआर में प्रदूषित शहर
दिल्ली——-382
नोएडा——-313
गाजियाबाद—-290
गुरुग्राम——-281
फरीदाबाद—–250
ग्रेटर नोएडा—-248
(नोट: आंकड़े सीपीसीबी के मुताबिक)
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