



प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) को लेकर गुरुवार को हुई अखाड़ों की बैठक में जमकर हंगामा हुआ, जिससे बैठक स्थगित हो गई। यहां साधु-महात्माओं में जमकर मारपीट हुई। अखाड़ों से जुड़े साधु-संतों ने एक-दूसरे पर लात-घूंसे भी बरसाए। दरअसल, महाकुंभ मेला प्राधिकरण के अखाड़ा परिषद की बैठक कार्यालय में होनी थी, लेकिन साधु-संतों के भारी हंगामे की वजह से बैठक नहीं हो सकी।
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अफरा-तफरी का रहा माहौल
बता दें कि अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंटा हुआ है। इस बैठक में दोनों गुटों के प्रतिनिधि आमने-सामने आ गए और बहस होने लगी। धीरे-धीरे विवाद इतना बढ़ा कि मारपीट शुरू हो गई। इसके बाद काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा और बैठक नहीं हो सकी। बता दें कि यह बैठक प्रयागराज मेला कार्यालय में होनी थी। अधिकारियों ने अखाड़ा परिषद के दोनों गुटों को बैठक के लिए बुलाया था। बैठक की आधिकारिक शुरुआत से पहले ही यहां हंगामा शुरू हो गया। इस हंगामे में कुछ संतों को मामूली चोट भी आई है। जानकारी के मुताबिक, पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के निधन के बाद अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंट गया है।
जमीन आवंटन को लेकर हुआ विवाद
मामले पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि जमीन आवंटन को लेकर विवाद हुआ और कुछ संतों की तरफ से हंगामा हुआ।उन्होंने कहा संत महाकुंभ जमीन आवंटन को लेकर एक दूसरे से भिड़ गये। वहीं निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास ने कहा कि जब भी मेला लगता है तो अखाड़े के पदाधिकारियों को बुलाया जाता है, लेकिन कुंभ मेले में दो-तीन बार ऐसा हुआ कि जूना अखाड़ा के लोगों को बैठक में शामिल कर लिया गया जबकि जुना अखाड़ा का रिकार्ड अच्छा नहीं हैं। वे सिर्फ लड़ते हैं और बहस करते हैं। जब हमें बैठने की जगह नहीं मिली तो हमने बहस की। इस पर जूना अखाड़ा के प्रेमगिरी ने हम पर हमला कर दिया।
40 करोड़ लोगों के आने के आसार
महाकुंभ 2025 का सफल आयोजन सीएम योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में से एक है। ऐसे में यूपी सरकार इस आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। महाकुंभ मेले में करीब 40 करोड़ लोगों के प्रयागराज आने की उम्मीद है, जो पिछले कुंभ मेले से डेढ़ से दो गुना ज्यादा है। महाकुंभ में आने वाले अभी श्रद्धालुओं का गंतव्य स्थल त्रिवेणी संगम है यही वजह है कि त्रिवेणी संगम को शहर से जोड़ने वाली सभी सड़कों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
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