



नई दिल्ली। Wayanad Election Result: केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे आ गये हैं। कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी ने बड़ी जीत हासिल की है। राहुल गांधी के वायनाड सीट से इस्तीफा देने के बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी ने यहां से चुनाव लड़ा। करीब 35 साल का राजनीतिक अनुभव रखने वाली प्रियंका पहली बार चुनावी राजनीति में उतरीं और वायनाड से उपचुनाव लड़ा। वायनाड में, प्रियंका ने सीपीआई (एम) के सत्यन मुखर्जी को चार लाख से अधिक वोटों से शिकस्त दी है। आइए एक नजर डालते हैं प्रियंका गांधी के करियर पर।
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प्रारंभिक जीवन
प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 को नई दिल्ली में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल में शुरू हुई, लेकिन 1984 में इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही रोकनी पड़ी और सुरक्षा कारणों से 1989 तक उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल में अपनी शिक्षा पूरी की। प्रियंका ने 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। साथ ही, उन्होंने 2010 में यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ संडरलैंड से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पूरा किया।
My dearest sisters and brothers of Wayanad,
I am overwhelmed with gratitude for the trust you have placed in me. I will make sure that over time, you truly feel this victory has been your victory and the person you chose to represent you understands your hopes and dreams and…— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 23, 2024
रॉबर्ट वाड्रा से शादी
1997 में प्रियंका गांधी ने दिल्ली के बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा से शादी की। दोनों ने 12 साल की दोस्ती के बाद शादी की। प्रियंका गांधी के दो बच्चे हैं जिनका नाम रेहान (बेटा) और मिराया (बेटी) है।
राजनीतिक करियर
प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में देर से आईं। पहले वह सिर्फ अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार करती थीं। साल 2004 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी मां सोनिया गांधी की अभियान प्रबंधक थीं और उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी के चुनाव अभियान के प्रबंधन में मदद की थी।
I am grateful for giving me the honour to represent them (Wayanad), for the overwhelming love and support I received during my campaign, and then for voting for me.
It’s a testament to the fact that my brother worked hard there and their love for him and their trust in me. So I… pic.twitter.com/2IOEVP1jZM
— Congress (@INCIndia) November 23, 2024
23 जनवरी, 2019 को, प्रियंका आधिकारिक तौर पर पार्टी की महासचिव बनकर राजनीति में प्रवेश कर गईं। वहीं, प्रियंका गांधी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की भी कमान संभाली। 11 सितंबर 2020 को उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का महासचिव नियुक्त किया गया। हालांकि प्रियंका सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं हुईं, लेकिन उन्होंने अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम किया है।
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करना पड़ा आलोचनाओं का सामना
उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लड़ा। यूपी में 40 फीसदी चुनावी टिकट महिलाओं को बांटने पर प्रियंका आलोचनाओं के घेरे में आ गईं। इस चुनाव में प्रियंका गांधी ने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ अभियान चलाया, जो महिला सशक्तिकरण पर जोर देता है, लेकिन इन तमाम कोशिशों के बावजूद नेशनल कांग्रेस पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें मिलीं।
17 जून, 2024 को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने घोषणा की कि प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ेंगी। दरअसल, वह 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके बाद राहुल ने वायनाड से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद यहां उपचुनाव कराये गये। ऐसे में प्रियंका गांधी को यहां से चुनाव मैदान में उतारा गया।
सक्रिय संसदीय पारी शुरू
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सक्रिय संसदीय राजनीति में प्रवेश कर चुकी हैं। वायनाड के मतदाताओं ने ये फैसला उपचुनाव के दौरान लिया। वायनाड से उपचुनाव में प्रियंका ने 410,931 लाख वोटों से जीत हासिल की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पास 622,338 वोट हैं। यहां सीपीआई (एम) के सत्यन मोकेरी 211,407 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। बीजेपी की नव्या हरिदास 109939 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
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