ऋषिकेश। Heli Ambulance Service: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश ने देश की पहली हेलीकॉप्टर सेवा के लिए एक टोल-फ्री नंबर 18001804278 और व्हाट्सएप रेस्क्यू नंबर 9084670331 लॉन्च किया है। यह सेवा दुर्गम और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए 24/7 उपलब्ध रहेगी। इस सेवा का लाभ उठाने के लिए संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भी संपर्क किया जा सकता है।
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केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से शुरू हुई है सेवा
एम्स ऋषिकेश की प्रबंध निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि यह हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई है। इसका लक्ष्य पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में समय पर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर को वर्चुअल माध्यम से इस सेवा का शुभारंभ किया था, तब से, इस सेवा ने कई गंभीर रोगियों को सफलतापूर्वक ऋषिकेश एम्स तक पहुंचाया है।
संजीवनी कार्यक्रम के तहत शुरू हुई है सेवा
हेली एम्बुलेंस सेवा के मुख्य अधिकारी डाॅ. मधुर उनियाल ने कहा कि जरूरतमंद लोग टोल-फ्री नंबर पर कॉल करके या व्हाट्सएप नंबर पर मरीज का विवरण साझा करके इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मरीज के मामले की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर प्रभावित क्षेत्र के जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा की जाएगी। यह सेवा संजीवनी कार्यक्रम के तहत प्रदान की गई है।
डॉ. उनियाल ने कहा, यह हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सेवा उन रोगियों के लिए स्थापित की गई है जो बहुत गंभीर स्थिति में हैं और जिन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है। जैसे कि…
ऐसे लोगों को मिलेगा लाभ
- गंभीर आकस्मिक चोट लगाना: कार दुर्घटना या किसी दूरदराज के इलाके में अन्य घटना में घायल मरीज
- संकट में गर्भवती महिलाएं: प्रसव में दिक्कत आने पर।
- स्ट्रोक और हृदय रोगी।
- पहाड़ी से गिरकर या किसी जंगली जानवर के हमले से घायल व्यक्ति।
- हिमालय की ठंडी ऊंचाइयों में फंसे लोग।
- जिन लोगों का अंग किसी कारण से कट गया हो या जिनकी जान को खतरा हो।
टोल फ्री नबंर पर कर सकते हैं कॉल
जरूरतमंद लोग टोल-फ्री नंबर 18001804278 पर अपनी समस्याएं बता सकते हैं। मरीज के बारे में अतिरिक्त आवश्यक जानकारी व्हाट्सएप नंबर 9084670331 पर भेजी जा सकती है। इन नंबरों पर उपलब्ध टीम यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था करेगी कि एम्बुलेंस हेलीकॉप्टर प्राथमिकता पर मरीज तक पहुंच सके।
पर्वतीय क्षेत्रों के लिए वरदान है ये सेवा
हेली रेस्क्यू सेवा खासतौर पर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों जैसे चमोली, पिथौरागढ़, टिहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के लिए वरदान साबित हो सकती है। खराब मौसम और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण इन क्षेत्रों में समय पर चिकित्सा देखभाल प्रदान करना मुश्किल होता है। एम्स ऋषिकेश की यह पहल ऐसे क्षेत्रों में जीवन बचाने में मील का पत्थर साबित होगी।
दुर्गम इलाकों के लिए होगी बेहद उपयोगी
अपनी स्थापना के बाद से, इस सेवा ने कई रोगियों को सुरक्षित रूप से ऋषिकेश एम्स तक पहुंचाया है। प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि एम्स जल्द ही अन्य क्षेत्रों में सेवा का विस्तार करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि इन सेवाओं से न केवल मरीजों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी बल्कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली भी मजबूत होगी। एम्स ऋषिकेश द्वारा शुरू की गई यह हेलीकॉप्टर बचाव सेवा उत्तराखंड के दुर्गम इलाकों के लिए काफी मददगार है। चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में समय बाधा हुआ करता था, लेकिन आज ये सेवाएं जीवन रेखा के रूप में काम करती हैं। यह पहल केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से लागू की जाएगी और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा वितरण को फिर से परिभाषित करेगी।
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