



पटना। PM Modi’s Bihar Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय मध्य प्रदेश एक दौरे पर हैं। अपने इस दौरे के आज दूसरे दिन उन्होंने भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। यहां से वे बिहार जाएंगे। पीएम के बिहार आगमन की खबर के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच सकती है। दरअसल, बिहार में आने वाले साल में विधानसभा चुनाव होने हैं। साथ ही इन दिनों बिहार की एनडीए गठ्बन्धन में कैबिनेट विस्तार की चर्चा चल रही है। ऐसे में पीएम के दौरे के कई मायने लगाये जा सकते हैं।
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जारी करेंगे किसान सम्मान निधि की क़िस्त
रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी मध्य प्रदेश के बाद बिहार के पूर्णिया जिले में पहुंचेंगे। यहां से वे हेलीकॉप्टर से भागलपुर जाएंगे। अपने इस बिहार दौरे के दौरान वे पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त रिलीज करेंगे। बताया जा रहा है कि किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त के तहत किसानों के खाते में 9 करोड़ 80 लाख रूपये ट्रांसफर किए जाने हैं जिसमें 76 लाख लाभार्थी बिहार के हैं, जिन्हें 1600 करोड़ रूपये दिए जाएंगे।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इंडिजिनस ब्रीड्स का करेंगे उद्घाटन
बता दें कि, लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से पीएम मोदी का ये तीसरा बिहार दौरा है। इस बार वे राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत मोतिहारी में विकसित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इंडिजिनस ब्रीड्स का उद्घाटन भी करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए जो द्वार बनाए गए हैं, उनके नाम फल और कृषि उत्पादों के नाम पर ही रखे गए हैं। इस उद्घाटन समारोह में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शिरकत करेंगे। बिहार के बाद पीएम असम के लिए रवाना हो जाएंगे।
मंत्रिमंडल में शामिल होंगे 6 मंत्री
बिहार के एनडीए गठबंधन में कैबिनेट विस्तार की चर्चा के बीच पीएम मोदी का ये दौरा राजनीतिक हलचल बढ़ा सकता है। कहा जा रहा है कि इस विस्तार के साथ मंत्रिमंडल छह लोगों को शामिल किया जायेगा, जिनमें भाजपा के चार और जेडीयू के दो विधायकों को मंत्री बनाया जायेगा। इस कैबिनेट एक्स्टेंशन के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 36 हो जाएगी।
क्षेत्रीय संतुलन साधने की होगी पूरी कोशिश
बता दें कि, मौजूदा मंत्रिमंडल में एक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री समेत कुल 30 मंत्री हैं, जिनमें 13 मंत्री और दो उप मुख्यमंत्री बीजेपी से हैं। वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख संतोष मांझी के पास दो विभाग हैं और एक निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह को भी मंत्री पद दिया गया है। इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि विभिन्न आयोगों, बोर्डों और निगमों में लंबित नियुक्तियों पर भी जल्द फैसला लिया जायेगा। सियासत के जानकारों का मानना है कि इस मन्त्रिमंडल विस्तार के जरिये सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन साधने की पूरी कोशिश होगी। जानकारों का कहना है कि बिहार के कई ऐसे जिले हैं, जिनका प्रतिनिधित्व कैबिनेट में नहीं है। ऐसे में एनडीए की पूरी कोशिश होगी कि वह जिलेवार प्रतिनिधत्व को संतुलित करे।
कई जिलों में नहीं नियुक्त जाएंगे अध्यक्ष
वहीं, सियासी गलियारों से जो खबर आ रही हैं उसके मुताबिक, बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव की अवधि को भी खत्म हुए दो महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तक छह संगठनात्मक जिलों पटना महानगर, पटना ग्रामीण, सहरसा, जमुई, नालंदा और जहानाबाद में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं की गई है। वहीं, कुछ मंडल कमेटियों के चुनाव भी होने हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम के दौरे के बाद इन जिलों में जिला अध्यक्षों के नामों का ऐलान कर दिया जाये।
अटकलों पर लगेगा विराम
बता दें कि, बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 तक है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के बिहार दौरे और दिल्ली में एनडीए नेताओं के साथ उनके भोजन और फोटो सत्र के बाद बिहार में सियासी हलचल बढ़ गई है। वहीं, मोदी ने इस दौरान बिहार में भाजपा की जीत पर जोर दिया। यही वजह है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अब बिहार पर है। पीएम मोदी के दौरे के तत्काल बाद, यानी इसी हफ्ते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले बिहार में प्रदेश परिषद की बैठक होने की संभावना है, जिससे संगठनात्मक नियुक्तियों का रास्ता साफ होगा और कई अटकलों पर विराम लगेगा।
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