वॉशिंगटन। बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस इस समय न्यूयॉर्क में हैं। यहां उन्होंने इटली और कनाडा के प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की और प्रवासियों समेत कई विषयों पर भी चर्चा की। इसके अलावा वे 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में भी शामिल हुए। इस बैठक में उन्होंने रोहिंग्या की स्वदेश वापसी की पर जोर दिया।
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बांग्लादेश को करना पर रहा है कई चुनौतियों का सामना
उन्होंने कहा, बांग्लादेश की स्थिति तभी सुधर सकती है जब रोहिंग्या अपने देश वापस जाएं। यूनुस ने कहा, म्यांमार से विस्थापित किये गए 12 लाख से अधिक रोहिंग्या इस समय बाग्लदेश में मौजूद हैं जिससे उनके देश को कई तरह की चनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ने रोहिंग्याओं को अपने यहां शरण देकर सहानुभूति दिखाई, लेकिन अब उसे कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें रखने से देश को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय दिक्कतें आ रही हैं। यूनुस ने बैठक में रोहिंग्याओं की स्वदेश वापसी पर जोर दिया।
इटली की पीएम जार्जिया मेलोनी से मिले युनुस
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश अपनी सीमा तक पहुंच चुका है, इसलिए, रोहिंग्याओं की स्वदेश वापसी ही बांग्लादेश के मौजूदा संकट का एकमात्र स्थायी समाधान है। भले ही बांग्लादेश मानवीय पहलुओं और न्याय सुनिश्चित करने के लिए कितना भी प्रतिबद्ध क्यों न हो, लेकिन वह रोहिंग्याओं को यहां रखने में सक्षम नहीं है। यूनुस के प्रवक्ता शफीकुल आलम ने बताया कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी से मुलाकात की और प्रवासी मुद्दों पर चर्चा की।
अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ की बैठक
आलम ने कहा, कई बांग्लादेशी अवैध रूप से इटली में घुसने की कोशिश करते हैं, ऐसे में डॉ. यूनुस ने इस प्रक्रिया को वैध बनाने के तरीकों पर भी उनसे चर्चा की ताकि अधिक से अधिक बाग्लदेशी इटली आ सकें। आलम ने बताया पीएम मेलोनी ने बांग्लादेश सरकार को सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर बांग्लादेश की कूटनीति के लिए यह एक बहुत ही सफल दिन था। 50 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है जब हमारे सेना प्रमुख और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच एक ऐतिहासिक बैठक हुई जो पूरी तरह से सफल रही।’
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