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Ratan Tata Death: अंतिम दर्शन के लिए NCPA लॉन में रखा जायेगा पार्थिव शरीर, राजकीय सम्मान से दी जाएगी विदाई

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मुंबई। भारत के दिग्गज उद्योगपति और टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata Death) का बुधवार (9 अक्टूबर 2024) देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और कई दिनों से बीमार चल रहे थे। रतन टाटा का पार्थिव शरीर आज अंतिम दर्शन के लिए NCPA लॉन ले जाया जा रहा है। उन्हें आज शाम को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। ये भी खबर आ रही है कि उनके अंतिम संस्कार के केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शिरकत करेंगे।

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प्रेयर हाल में रखा जाएगा शव 

जानकारी के मुताबिक रतन टाटा के पार्थिव शरीर को वरली के पारसी शमशान भूमि में लाया जायेगा। वहां सबसे पहले उसे प्रेयर हॉल में रखा जाएगा। 45 मिनट की प्रेयर के बाद उनके  पार्थिव शरीर को इलेक्ट्रिक अग्निदाह में रखा जाएगा और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान देने के लिए पुलिस का बैंड मौके पर पहुंच चुका है।

कपिल सिब्बल ने जताया दुःख 

टाटा समूह के चैयरमैन रतन टाटा के निधन पर देश की तमाम हस्तियों से दुःख जताया है। जाने माने वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने शोक व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा है- “रतन टाटा एक सज्जन व्यक्ति, उद्योगपति, परोपकारी प्रचारक और एक राष्ट्रवादी थे, उन्होंने बीते हुए युग का प्रतिनिधित्व किया, इश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।’

दो दशक से अधिक समय तक रहे टाटा संस’ के चेयरमैन

बता दें कि रतन टाटा दो दशक से अधिक समय तक समूह की मुख्य होल्डिंग कंपनी ‘टाटा संस’ के चेयरमैन रहे। उनके नेतृत्व ने समूह ने कई नई ऊंचाइयों को छुआ। उनकी ही लीडरशिप में समूह ने वर्ष 2000 में लंदन स्थित टेटली टी को 43.13 करोड़ रुपये अमेरिकी डॉलर में खरीदा था।  इसके बाद साल 2004 में दक्षिण कोरिया की देवू मोटर्स के ट्रक-निर्माण परिचालन को 10.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर में खरीदा गया। इसके बाद एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस समूह को 11 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदा गया। इसके अलावा फोर्ड मोटर कंपनी से मशहूर ब्रिटिश कार ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को  भी 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीद कर टाटा समूह का हिस्सा बनाया गया।

 

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पीएम मोदी ने नोएल टाटा से की बात 

रतन टाटा के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके भाई और संभवतः टाटा ग्रुप के उत्तराधिकारी नोएल टाटा से बात की और दुःख जाहिर किया। नोयल आयरलैंड के बिजनेसमैन हैं। कहा जा रहा है कि यदि नोएल टाटा को रतन टाटा का उत्तराधिकारी स्वीकार किया जाता है तो उन्हें लगभग 3800 करोड़ रुपये की संपत्ति मिलेगी।

1991 में बने थे टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन

उल्लेखनीय है कि रतन टाटा 1991 में टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बने। उस वक्त उन्होंने अपने चाचा जेआरडी टाटा से टाटा समूह के चेयरमैन का पदभार संभाला था। दरअसल, जेआरडी टाटा पांच दशक से भी अधिक समय से इस पद पर थे और उम्र के एक पड़ाव पर आने के बाद उन्होंने रतन टाटा को टाटा इण्डस्ट्रीज का जिम्मा दे दिया था। रतन टाटा को परिवार से जुड़ी कई कंपनियों में काम करने और अनुभव लेने के बाद साल 1971 में उन्हें समूह की एक फर्म ‘नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी’ का प्रभारी निदेशक बना दिया गया था। रतन टाटा ने  1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से वास्तुकला में बी.एस. की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद वे पारिवारिक कंपनी का हिस्सा बन गये थे।

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