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शेख हसीना ने डोनाल्ड ट्रंप को भेजा बधाई संदेश, खुद को बताया बांग्लादेश का पीएम, ढाका में तेज हुई हलचल

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SHEKH HSEENA

ढाका। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री और देश की सबसे बड़ी पार्टी अवामी लीग की नेता शेख हसीना (Sheikh Hasina) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। शेख हसीना ने डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर बधाई दी है। अपने बधाई संदेश में शेख हसीना ने खुद को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बताया है। शेख हसीना के इस बयान के बाद बांग्लादेश में अचानक से हलचल तेज हो गई है। दरअसल, अवामी लीग के कार्यालय सचिव द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र अवामी लीग के आधिकारिक सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है जिसमें हसीना ने राष्ट्रपति ट्रम्प के असाधारण नेतृत्व गुणों की प्रशंसा की है। साथ ही ये उम्मीद भी जताई है कि बांग्लादेश-अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध आने वाले समय में मजबूत होंगे।

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डोनाल्ड ट्रंप से हुई मुलाकात को किया याद 

SHEKH HSEENA

पत्र में कहा गया है कि, बांग्लादेश अवामी लीग की अध्यक्ष और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका के 47 वे राष्ट्रपति चुने जाने पर डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप को बधाई दी है। पत्र में शेख हसीना में खुद को बंगलादेश का प्रधानमंत्री बताया है। साथ ही उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया ट्रंप से हुई मुलाकात व बातचीत को याद किया है। पत्र में शेख हसीना ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय हितों को आगे बढ़ाने के लिए फिर से मिलकर काम करने का संकल्प भी व्यक्त किया।

पीएम आवास में घुस गये थे प्रदर्शनकारी 

गौरतलब है कि 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में एक बड़े सरकार विरोधी प्रदर्शन के बाद शेख हसीना को रातों रात देश छोड़कर भागना पड़ा था। इस मुश्किल घड़ी में  भारत ने उन्हें शरण दी थी। दरअसल, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर छात्रों का आन्दोलन भड़क उठा था। ढाका की सड़कों पर हजारों छात्र उतर आये थे और जमकर तोड़ फोड़ वह हंगामा कर रहे थे। हालात ये बन गये कि शेख हसीन को पीएम आवास छोड़ना पड़ा। यहां तक कि शेख हसीना के जाने के बाद हजारों प्रदर्शनकारी उनके आवास में घुस गये थे।

शार्ट नोटिस पर आई थीं भारत 

शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ते ही वहां के सेना प्रमुख वकार-उज़-ज़मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान कर दिया था कि बांग्लादेश की पीएम ने पद से इस्तीफा देकर और देश छोड़ दिया है। 5 अगस्त की शाम को ही शेख हसीना सेना के एक विमान से दिल्ली के समीप स्थित भारतीय वायु सेना के एक हिंडन एयरबेस पर उतरीं। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद को बताया कि शेख हसीना को बेहद शार्ट नोटिस पर भारत आने की इजाजत दी गई। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखा गया है।

 विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट की स्थिति 

शेख हसीना द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को बधाई संदेश में खुद को प्रधानमंत्री बताए जाने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय से भी ये सवाल पूछा गया है। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि भारत शेख हसीना को पूर्व प्रधानमंत्री मानता है और उसने इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से बता दी है। उन्होंने कहा, ”हमने बार-बार दावा किया है कि वह (शेख हसीना) पूर्व प्रधानमंत्री हैं।” इस मुद्दे पर हमारी स्थिति स्पष्ट है।

शेख हसीना ने जो बाइडन प्रशासन को ठहराया था जिम्मेदार 

शेख हसीना ने कथित तौर पर बांग्लादेश से अपने निर्वासन के लिए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, उनके बेटे सादिब वाजेद ने इस रिपोर्ट का खंडन किया था। प्रधानमंत्री रहते हुए भी शेख हसीना ने अमेरिका पर उनके खिलाफ तख्तापलट की कोशिश का आरोप लगाया था। उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि एक देश ने उनसे कहा है कि अगर वह सेंट मार्टिन द्वीप सौंप दें तो वह बांग्लादेश में सत्ता में बनी रह सकती हैं।

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