Vastu Tips: नया बिजनेस शुरू करते वक्त लोग कई तरह का उपाय करते हैं, जिससे उनका बिजनेस चले, लेकिन कई बार बिजनेस आगे नहीं बढ़ पाता है। दिन रात मेहनत करने के बावजूद व्यापार में उतना मुनाफा नहीं होता जितनी लागत लगी होती है। कई बार ऐसा वास्तु दोष की वजह से भी हो सकता है। वास्तु शास्त्र में व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करने के कई उपाय बताये गये हैं।
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सफलता के लिए अपनाएं वास्तु के नियम
लोग जीवन में सफलता पाने के लिए बहुत कोशिश करते हैं, लेकिन कई बार बहुत कोशिश के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती है। वास्तु शास्त्र जीवन को खुशहाल बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। घर, कार्यालय, दुकान, व्यवसाय आदि के लिए वास्तु के कुछ नियम हैं, जिन्हें अपनाकर सफलता हासिल की जा सकती है।
वास्तुशास्त्र के जानकार कहते हैं कि अगर कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर वास्तु दोष होता है, तो इसका असर आपके स्वास्थ्य, आय, व्यवसाय और करियर आदि पर भी पड़ता है। यदि व्यवसाय फल-फूल नहीं रहा है तो वास्तु के कुछ उपाय करके सफलता हासिल की जा सकती है।
व्यवसाय वृद्धि यंत्र
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में यंत्रों को विशेष महत्व दिया गया है। कहा जाता है कि यंत्रों की पूजा से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इनकी पूजा से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। अगर आप बिजनेस में सफलता पाना चाहते हैं तो व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे शुभ मुहूर्त में ही स्थापित करना चाहिए। रोजाना इसकी पूजा करने से व्यापार में वृद्धि होने लगती है।
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उत्तर दिशा को रखें दोष मुक्त
वास्तु शास्त्र के अनुसार धन के देवता कुबेर का स्थान उत्तर दिशा में होता है। यदि घर की उत्तर दिशा दोषपूर्ण होगी तो व्यक्ति की बुद्धि ठीक से काम नहीं करेगी और वह समय पर निर्णय लेने में असहज महसूस करेगा। ऐसी स्थिति में मनुष्य को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि उत्तर दिशा को दोष मुक्त रखना चाहिए। वास्तु कहता है कि उत्तर दिशा की दीवार पर हरे तोते की तस्वीर लगानी चाहिए, शुभ होता है। दरअसल हरा रंग बुध का होता है।
श्वेतार्क गणपति
अगर आपके कार्यस्थल पर कोई समस्या आती है तो वहां श्वेतार्क गणपति और एकाक्षी श्री फल रखें। धूप, दीप से हर दिन इसकी पूजा करें। सप्ताह में एक बार मिठाई का भोग लगाएं और अधिक से अधिक लोगों को ये प्रसाद बांटें।
बेडरूम में चित्र लगाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि खाद्य पदार्थों से जुड़ा व्यवसाय कर रहे हैं तो आपको अपने शयनकक्ष में गाय की मूर्ति रखनी चाहिए। वहीं अगर आप इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से संबंधित व्यवसाय कर रहे हैं तो व्यवसाय वृद्धि के लिए अपने कमरे में क्रिस्टल रखें और जो लोग दवाइयों से जुड़ा काम करते हैं उन्हें अपने कमरे में सूर्य नारायण की तस्वीर लगानी चाहिए।
ऑफिस में कछुआ रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस में धातु का कछुआ रखना भी प्रभावशाली होता है। इसे ऑफिस में रखने से व्यापार में वृद्धि होती है। साथ ही सभी लंबित कार्य तेजी से पूरे होने लगते हैं।
रंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार दफ्तरों, दुकानों और फैक्ट्रियों में सफेद, क्रीम या हल्के रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। इन रंगों का उद्देश्य सकारात्मक प्रवाह पैदा करना और प्रगति को प्रोत्साहित करना होता है।
सुरक्षा
घरों, कार्यालयों, दुकानों और कारखानों की उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा मानी जाती है, इसलिए तिजोरी या कैश काउंटर हमेशा उत्तर दिशा में ही रखना चाहिए। इससे धन लाभ की संभावना बढ़ जाती है।
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दरवाजे
कार्यालय एवं कार्य क्षेत्र में लगे दरवाजे हमेशा अंदर की ओर खुलने चाहिए। इसके अलावा यहां लगे सभी खिड़की, दरवाजे और अलमारियां टूटे-फूटे न हों। यदि वे क्षतिग्रस्त हैं तो उनकी मरम्मत करा लें। कार्यालय के प्रत्येक बैठक कक्ष में एक आयताकार मेज का प्रयोग करें। इस तरह की टेबल का उपयोग दुकानों आदि में भी किया जा सकता है।
शुभता के प्रतीक यंत्र रखें
वास्तु विशेषज्ञ कहते हैं कि व्यापार में प्रगति के लिए श्रीयंत्र, व्यापार वृद्धि के लिए यंत्र, क्रिस्टल कछुआ, क्रिस्टल बॉल और हाथी कार्यालय स्थल पर रख सकते हैं। ऐसा करने से प्रगति के लिए अनुकूल वातावरण बनता है।
पाञ्चजन्य शंख
बिजनेस में तरक्की के लिए अपने कार्यस्थल पर पाञ्चजन्य शंख रखना और नियमित रूप से इसकी पूजा करना भी शुभ फलदायी होता है। ऐसा करने से व्यापार में लाभ होता है। शंख को देवी लक्ष्मी का भाई माना जाता है क्योंकि दोनों ही समुद्र मंथन से निकले थे। यही वजह है कि शंख की पूजा करने से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।
बैठने की दिशा
कार्यालय स्थल पर मालिक का कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। वहीं उसे उत्तर की ओर मुख करके बैठना चाहिए। साथ ही जहां वह बैठें उसके ठीक पीछे एक ठोस दीवार होनी चाहिए। कांच की दीवारें या खिड़कियां होना शुभ नहीं होता।
मुख्य द्वार
वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर कार्यालय का मुख्य द्वार उत्तर दिशा की ओर हो तो बहुत अच्छा है। ऐसा भी कहा जाता है कि प्रवेश द्वार उत्तर-पश्चिम या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना अच्छा होता है। मुख्य द्वार के सामने किसी भी प्रकार की बाधा न रखें। इससे कार्यस्थल पर सकारात्मक ऊर्जा आती है और व्यापार में वृद्धि होती है।
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