



कनाडा। कनाडा (Canada Crisis) में खालिस्तान समर्थकों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। बढ़ते उग्रवाद और विवादास्पद बयानबाजी की वजह से कनाडा की सुरक्षा और विदेश नीति की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें खालिस्तान समर्थकों की एक रैली के दौरान गोर लोगों को कनाडा छोड़ने की चेतावनी जारी की जा रही थी। रैली में कहा जा रहा है कि यूरोप या इंग्लैंड लौटने का आह्वान कर रहा था। बताया जा रहा है कि यह वीडियो कनाडा के सरे शहर का है और इसे कनाडाई पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है।
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बढ़ा रहा तनाव
इस वायरल वीडियो में सैकड़ों खालिस्तानी समर्थक झंडे लिए नजर आ रहे हैं। इस रैली में शामिल एक शख्स कह रहा है कि कनाडा उनका है। ऐसे में गोरों को यूरोप या फिर इंग्लैंड लौट जाना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, यह बयान अब कनाडा में विवाद की एक नई वजह बन गया है क्योंकि ये बयान कनाडा के मूल निवासी और आप्रवासी समुदायों के बीच सांस्कृतिक तनाव पैदा करने को बढ़ावा देने वाला बताया जा रहा है।
Khalistanis march around Surrey BC and claim “we are the owners of Canada” and “white people should go back to Europe and Israel”.
How are we allowing these r*tards to shape our foreign policy? pic.twitter.com/9VmEnrVlGP— Daniel Bordman (@DanielBordmanOG) November 13, 2024
बोर्डमैन ने की ट्रूडो सरकार की आलोचना
वीडियो शेयर करते हुए जनर्लिस्ट डेनियल बोर्डमैन ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार से इस तरह की गतिविधि को लेकर सख्त सवाल किये हैं। उन्होंने सवाल किया कि देश में इस तरह की रैली करने की इजाजत कैसे दी जा रही है। ऐसे कैसे कनाडा की विदेश नीति को खतरे में डाला जा रहा है। बोर्डमैन का मानना है कि यह मुद्दा कनाडा की अंतरराष्ट्रीय छवि और सुरक्षा दोनों पर असर डाल सकता है।
सरकार पर उठाए सवाल
बता दें कि बोर्डमैन पहले भी खालिस्तान मुद्दे पर ट्रूडो की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने ट्रूडो पर कनाडा के शांतिपूर्ण समुदायों के लिए खतरा पैदा करने वाली चरमपंथी गतिविधि को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्रूडो पर कानून का पालन करने वाले कनाडाई नागरिकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया, जबकि हिंसा फैलाने वाले सजा से बच रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, इस पर भी सवाल उठाया है।
इंटरनेशनल रिलेशन पर पड़ रहा असर
डेनियल बोर्डमैन ने इस मामले पर जस्टिन ट्रूडो की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि भारत के साथ रिश्ते खराब होना ट्रूडो सरकार की नीतियों की विफलता को दर्शाता है। खालिस्तानी समर्थकों के प्रति प्रधानमंत्री ट्रूडो का नरम रुख न केवल कनाडा के लिए सुरक्षा संकट पैदा कर रहा है बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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