



संभल। Sambhal Violence: बीते 24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल की साजिश शारिक साटा ने रची थी और इसी गिरोह के सदस्यों ने यहां हिंसा के दौरान विदेशी कारतूस का इस्तेमाल किया था। इस शक की बुनियाद पर एसआईटी पूरे मामले की छानबीन कर रही है। साथ ही साटा गिरोह के सदस्यों की तलाश में जगह-जगह दबिश दी जा रही है। संभल के एसपी का कहना है कि शारिक साटा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और दाऊद इब्राहिम गैंग से जुड़ा है और वह दुबई में रहकर गिरोह को ऑपरेट करता है। इसके प्रमाण मिल चुके हैं।
इसे भी पढ़ें- Sambhal Violence: अब शस्त्र लाइसेंसधारियों से भी लिया जाएगा कारतूस का हिसाब
खंगाली जा रही है गिरोह के सदस्यों की कुंडली
एसपी के कहा, संभल में हुई हिंसा में शारिक साटा की साजिश और विदेशी कारतूस यहां तक कैसे पहुंचा इसका पता लगाया जा रहा है। इसके लिए उसके गिरोह के सदस्यों की कुंडली खंगाली जा रही है। उन्होंने ये भी बताया कि शारिक साटा गिरोह वाहन चोरी और नकली नोटों का काम करता है। साल 2021 में दिल्ली स्पेशल सेल में राष्ट्रीय राजधानी में इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। उस वक्त उनके पास से चार लाख रुपये बरामद हुए थे। वे दोनों सदस्य संभल के ही रहने वाले थे और उन्होंने पूछताछ में ये कबूल भी किया था कि शारिक साटा आईएसआई के द्वारा दिए गए नकली नोटों की सप्लाई भारत में करता है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजी जाती है। उस तरह से संभल बवाल में भी शारिक साटा की साजिश और उसके द्वारा भेजे गए कारतूस के इस्तेमाल किए जाने का शक है। ऐसे में जिले में उन लोगों की तलाश की जा रही है जो कभी शारिक साटा के गिरोह से जुड़े थे या अभी जुड़े हैं।
2017 में सामने आया था संभल एआरटीओ का बड़ा कारनामा
गौरतलब है कि साल 2017 में संभल एआरटीओ का बड़ा कारनामा सामने आया था। यहां चोरी की लग्जरी कारों का रजिस्ट्रेशन किया गया था। पुलिस ने 47 लग्जरी कारें बरामद कीं थी। अन्य की भी तलाश की गई लेकिन उनका पता नहीं चल सका। उस वक्त ये सभी लग्जरी कारें शारिक साटा गैंग द्वारा ही रजिस्टर्ड कराई गई थीं। साथ ही उन लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जिन्होंने ये कारें सस्ते में खरीदी थीं। इस मामले में एआरटीओ कार्यालय की मिली भगत भी उजागर हुई थी। मामला अभी भी लंबित है।
2022 में अरेस्ट हुए थे गिरोह के 5 सदस्य
इसके बाद साल 2022 में नवादा थाना पुलिस ने शारिक साटा गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों से हुई पूछताछ में पता चला था कि उन्होंने एक साल में 300 से ज्यादा SATA नंबर बेचे और लाखों रुपये कमाए। आरोपियों ने ये भी बताया था कि वह फिक्स के अनुसार साटा गेम चलाते थे। फिक्सिंग से नंबर जीतने का लालच मिश्रा ने बुकी के गिरोह तक खात्मा किया। इसके बाद पुलिस ने खिलाफ सख्त कार्रवाई की। एसपी ने बताया कि संभल में बवाल की साजिश रचने वाले वाहन चोर गिरोह के सरगना शारिक साटा ने हुसैन के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था और दुबई भाग गया है। यह पासपोर्ट उसने साल 2020 में दिल्ली के पते पर बनवाया था। अब वह दुबई से ही गिरोह का संचालन करता है।
शारिक साटा के नाम दर्ज है 54 मामले
एसपी कृष्ण कुमार विश्नेनोई ने बताया कि जिस पासपोर्ट की जानकारी सामने आई है, वह हुसैन के नाम से बना हुआ है। इसे साल 2020 में दिल्ली के एक फर्जी पते पर बनवाया गया था। एसपी ने बताया कि शारिक साटा के खिलाफ देशभर में 54 मामले दर्ज हैं। इनमें से 12 मामले संभल के नखासा थाने में और एक मामला संभल कोतवाली में दर्ज है। बाकी मामले अन्य जिलों और प्रदेशों में दर्ज हैं। उन्होंने कहा, “दर्ज किए गए मामलों में हत्या, चोरी, डकैती, गिरोह की गतिविधियां और अन्य गंभीर मामले शामिल हैं।” संभल में जो मामले दर्ज हैं, उनके क्या कार्रवाई हुई है इस बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है। इसके अलावा इस संबंध के जो भी प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं, वह उठाए जाएंगे। गिरोह के सदस्यों की तलाश में पुलिस की कई टीमों को लगाया गया है।
इसे भी पढ़ें- Sambhal Violence: आज पीड़ित परिवारों से मिलने संभल आएंगे राहुल गांधी, प्रशासन ने कसी कमर