



ISRO: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक नया इतिहास रचने की पूरी तैयारी कर ली है। दरअसल, भारत अंतरिक्ष में स्पैडेक्स का परीक्षण करने जा रहा है। दोनों अंतरिक्ष यान इसके लिए तैयार हैं और दोनों एक दूसरे से 3 मीटर करीब हैं। इसरो जल्द ही दोनों अंतरिक्ष यान की अंतिम डॉकिंग पर फैसला करेगा।
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इसरो ने एक्स पर दी जानकारी
पहले दोनों अंतरिक्ष यान 15 मीटर तक पहुंचे, फिर दोनों 3 मीटर तक पहुंचने में सफल रहे। इसरो ने X में एक पोस्ट लिखकर यह जानकारी दी। इसरो ने लिखा, डॉकिंग पूरी होते ही भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में डॉकिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अब दोनों स्पेसक्राफ्ट को एक-दूसरे से दूर ले जाया जा रहा है, ताकि डॉक-अनडॉक करने की इनकी क्षमता को परखा जा सके।
SpaDeX Docking Update:
SpaDeX satellites holding position at 15m, capturing stunning photos and videos of each other! ????️????️
#SPADEX #ISRO pic.twitter.com/RICiEVP6qB
— ISRO (@isro) January 12, 2025
भावी मिशन में निभाएगा अहम भूमिका
इसरो ने एक्स पर लिखा- स्पैडेक्स मिशन के लिए अंतरिक्ष में भेजे गए 2 सैटेलाइट SDX01 (चेजर) और SDX02 टारगेट टेस्टिंग अटेम्पट में एक-दूसरे से महज 3 मीटर की दूरी पर पहुंच गये थे। इससे पहले दो बार यह स्पेस डॉकिंग टल चुकी है, लेकिन उम्मीद है कि अब ये जल्दी ही पूरी हो जाएगी, क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज रविवार को दोनों अंतरिक्ष यानों को 15 मीटर की दूरी से 3 मीटर की दूरी तक लाने में सफल हो गया है। अब इन दोनों अंतरिक्ष यानों को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया जा रहा है। पोस्ट में लिखा है कि मिशन सफल होते ही यह डॉक-अनडॉक टेक्नोलॉजी भारत के भावी मिशन जैसे चंद्रमा से नमूने वापस लाने, भारतीय अंतरिक्ष केंद्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
30 दिसंबर को किया गया था लांच
बता दें कि इसरो ने 30 दिसंबर, 2024 को स्पैडेक्स मिशन लॉन्च किया था। 220 किलोग्राम के दो उपग्रहों को ले जाने वाले PSLV-C60 रॉकेट ने श्रीहरिकोटा में इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी और अंतरिक्ष यान को 475 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया था। दोनों अंतरिक्ष यान की डॉकिंग मूल रूप से 7 जनवरी को होने वाली थी, लेकिन तेज़ गति के कारण हवा की दिशा में बदलाव के कारण इसे स्थगित करना पड़ गया था।
ISRO right now!! Please dock???????? pic.twitter.com/J4y4K4btVK
— RocketGyan (@rocketgyan) January 12, 2025
3 मीटर की दूरी पर हैं दोनों अंतरिक्ष यान
इसके बाद डॉकिंग 9 जनवरी को होने वाली थी, लेकिन दोनों अंतरिक्ष यान के 225 मीटर की सुरक्षित दूरी पर पहुंचने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था। तीसरे प्रयास में, दोनों अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक 3 मीटर की दूरी तक पहुंच गये हैं और दोनों सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं। अब अंतरिक्ष यान को 225 मीटर की दूरी पर वापस खींच लिया जाएगा और फिर से डॉक किया जाएगा, जो फाइनल डॉकिंग मानी जाएगी।
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