गत शनिवार की शाम एनसीपी नेता और सलमान खान के बेहद करीबी मित्र बाबा सिद्दीकी की सरेराह हुई हत्या (Baba Siddiqui murder) के बाद अब पूरा बॉलीवुड (Bollywood) दहशत में आ गया है। हर किसी के मन में ये सवाल तेजी से उठ रहा है कि तीन दशक बाद मुंबई में अंडरवर्ल्ड की एंट्री हो गई है क्या। हालांकि पुलिस ने बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल तीन आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है और उन्हें पूछताछ कर रही है। इसके अलावा हत्या में शामिल अन्य आरोपियों को भी पुलिस तेजी से तलाश रही है। पुलिस कई एंगल से इस केस की जांच का रही है। पुलिस पकड़े गये आरोपियों की क्राइम कुंडली खंगालने के साथ ही ये भी पता करने की कोशिश कर रही है कि कहीं ये सभी लारेंस विश्नोई गैंग से तो नहीं जुड़े हैं ।
दरअसल उद्योगनगरी के नाम से फेमस देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में लगभग तीन दशक बाद इस तरह से एक हाई प्रोफाइल हत्या हुई है, जिससे एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि मुंबई में एक बार फिर से अंडरवर्ल्ड की एंट्री हो चुकी है।
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70 के दशक में मुंबई में था अंडरवर्ल्ड का खौफ
गौरतलब है कि 70 के दशक में मुंबई में अंडरवर्ल्ड की दहशत थी। मीलों दूर रहने वाला व्यक्ति भी मुंबई जाने से डरता था। उसक वक्त सुल्तान मिर्जा उर्फ़ हाजी मस्तान नाम के शख्स से हर कोई डरता था। हालांकि कहा जाता है कि, उसने न तो कभी गोली चलाई और न ही किसी का कत्ल किया, लेकिन वह मुंबई का सबसे बड़ा डॉन था। उसके एक इशारे पर पूरी मुंबई चलती थी।
हाजी मस्तान के नाम से भय खाती थी मुंबई
बताया जाता है कि हाजी मस्तान के पिता 1934 में मुंबई (तब के बंबई) में बस गये थे। वहां उन्होंने क्रॉफर्ड मार्केट में पंक्चर की दुकान खोली थी और पंचर बनाकर परिवार का भरन पोषण करते थे। हाजी मस्तान भी अपने पिता के साथ दुकान पर बैठने लगा था। कहते हैं, उस दौर में बंबई का पोर्ट खूब फल-फूल रहा था और विदेशों से यहां ढेर सारा सामान आता-जाता था। इसी बीच हाजी मस्तान भी पोर्ट पर कुली का काम करने लगा, लेकिन सच कुछ और ही था, वह कुली का नहीं बल्कि तस्करी का धंधा करने लगा। वह पोर्ट से घड़ी, वॉकमैन, रेडियो और दूसरी चीजों की तस्करी करता था। तस्करी के काम में अच्छी कमाई होने लगी तो धीरे-धीरे उसने अपराध की दुनिया में भी कदम रख दिया। 1970 का दशक आते-आते हाजी मस्तान का पूरे बम्बई पर कब्जा हो गया। हर कोई उसे जानने लगा और उसके नाम से भय खाने लगा।
हार्ट अटैक से हुई हाजी मस्तान की मौत
इसके बाद आया साल 1975 जब पूरे देश में इमरजेंसी लग गई और हाजी मस्तान जैसे कई डॉन को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद हाजी ने अपने काम का तरीका बदला और राजनीति में कदम रख दिया। उसने दलित-मुस्लिम सुरक्षा महासंघ नाम की पार्टी का गठन किया। इस पार्टी का नाम 1990 में बदल कर ‘भारतीय अल्पसंख्यक महासंघ कर दिया गया। पार्टी ने उस वक्त बंबई, कलकत्ता और मद्रास में निकाय चुनाव लड़े, लेकिन वह जीत नहीं सकी। इसी बीच बॉलीवुड में भी हाजी मस्तान सिक्का चलने लगा। फिल्मी सितारे उसके इशारे पर नाचने लगे और 1994 में हार्ट अटैक से हाजी मस्तान की मौत हो गई। हाजी मस्तान की मौत के बाद उसके चेले दाउद इब्राहिम ने उसकी जगह ले ली और पूरी मुंबई पर राज करने लगा।
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1993 में दिखा था अडंरवर्ल्ड का खौफनाक चेहरा
वैसे तो दाउद इब्राहिम के अपराध का इतिहास 70 के दशक से ही शुरू हो गया था, लेकिन 1993 में मुंबई में हुए ब्लास्ट से दाऊद और उसके गुर्गों का एक ऐसा खौफनाक चेहरा सामने आया जिसे सुनकर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है। 12 मार्च 1993 का दिन मुंबई के लिए सबसे काला दिन था, जो आज भी लोगों के दिलों दिमाग में जिन्दा है। यहां दोपहर 1:30 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की 29 मंजिला इमारत में तेज धमाका हुआ और वहां मौजूद तमाम लोगों के चीथड़े उड़ गये। इस विस्फोट से लोग संभल पाते उससे पहले ही 45 मिनट बाद मुंबई में एक और धमाका हुआ। इसके बाद इसके बाद पूरी मुंबई के कई धमाके हुए। महज दो घंटे के भीतर 12 धमाकों से मुंबई थर्रा उठी। ये धमाके मुंबई स्थित शिवसेना भवन, एयर इंडिया बिल्डिंग, प्लाजा सिनेमा, एयरपोर्ट जैसी अहम और भीड़भाड़ वाली जगहों पर हुए थे।
मुंबई धमाकों में इस्तेमाल हुआ था RDX
रिपोर्ट के मुताबिक इन सीरियल ब्लास्ट में 257 से लोगों ने जान गंवाई थी। वहीं 713 जख्मी हुए थे। कहते हैं ऐसा पहली बार हुआ था जब देश में आतंकी वारदात के दौरान आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। इन विस्फोट्स में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम सामने आया था जबकि ब्लास्ट की साजिश टाइगर मेमन ने रची थी। अफ़सोस की बात ये हैं कि इन दोनों को आज तक नहीं पकड़ा जा सका है। दाउद 1993 के मुंबई ब्लास्ट से पहले से ही दुबई में रहने लगा था और वहीं से मुंबई में काले कारोबार पर नजर रखता था। फिल्मी दुनिया में भी दाऊद का सिक्का चलता था। वहां से भी वह खूब वसूली करता था। कहा जाता है कि वर्तमान समय में दाऊद पाकिस्तान के कराची में है और वहीं से अपना गैंग आपरेट करता है।
दाउद के गुर्गों ने की थी गुलशन कुमार की हत्या
हिंदी सिनेमा के लिए 12 अगस्त 1997 की सुबह बेहद काली थी। इसी दिन दाउद के गुर्गों ने गुलशन कुमार को गोलियों से भून दिया था। बताया जाता है कि उस दिन मंगलवार था। 42 साल के गुलशन कुमार सुबह 10 से सवा 10 बजे के बीच पूजा की थाली लेकर कार से शिव मंदिर में पूजा करने गए थे। वहां उन्होंने पूजा की और फिर 10 बजकर 40 मिनट पर वह मन्दिर से बाहर आये और अपनी कार की तरफ जाने लगे, तभी घात लगाए बैठे दाऊद के गुर्गों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। गुलशन कुमार पर कुल 16 राउंड फायरिंग की गई थी। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस तत्काल उन्हें अस्पताल ले गई लेकिन डॉक्टरों से उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने एक बार फिर मुंबई में अंडरवर्ल्ड की पहुंच जाहिर कर दी। चूंकि गुलशन कुमार की हत्या बेहद हाई प्रोफाइल थी तो जांच ने भी रफ्तार पकड़ी। पुलिस ने चश्मदीदों के बयान के आधार पर हमलावरों का हुलिया तैयार किया और घटना के महज दो दिन के भीतर ही क्राइम ब्रांच ने 6 लोगों को दबोच लिया। बताया जाता है कि पकड़े गये सभी आरोपी अबू सलेम गुट से जुड़े थे। पूछताछ में सभी ने दुबई में बैठक की बात कुबूल की थी। कहते हैं इस वारदात के काफी पहले से गुलशन कुमार को धमकी मिल रही थी और उनसे 10 करोड़ की फिरौती मांगी जा रही थी।
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पुलिस ने बनाया अंडरवर्ल्ड के खात्मे का प्लान
गुलशन कुमार की हत्या के बाद हरकत में आये मुंबई पुलिस विभाग ने यहां से अंडरवर्ल्ड के खात्मे का प्लान बनाया और एक के बाद के सख्त एक्शन लेने लगा। इसके लिए मकोका जैसा कानून बनाया गया। साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसियों आईबी, रॉ, सीबीआई का लोकल पुलिस के साथ तालमेल भी बढ़ा, फिर शुरू हुआ एनकाउंटर का दौर, जिसने अंडरवर्ल्ड को मुंबई से पूरी तरह से साफ कर दिया, लेकिन बाबा सिद्दकी की हत्या ने एक बार फिर मुंबई में अंडरवर्ल्ड की दस्तक का अहसास कराया है। इस घटना ने एक बार फिर से बॉलीवुड में दहशत भर दी है। आशंका जताई जा रही है कि कहीं लारेंस विश्नोई गैंग मुंबई में तो नहीं एक्टिव हो रहा है क्योंकि बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में लारेंस विश्नोई गैंग का नाम सामने आ रहा है। वहीं सलमान खान को भी विश्नोई गैंग से कई बार धमकी मिल चुकी है।
सलमान खान को मिल रही जान से मारने की धमकी
वैसे तो लॉरेंस बिश्नोई गैंग पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूूपी के कुछ जिलों में ही एक्टिव है, लेकिन पिछले कुछ सालों मे उसका नाम मुंबई में हुई कई वारदातों में भी आया है। इसके अलावा लॉरेंस बिश्नोई लगातार सलमान खान को जान से मारने की धमकी दे रहा है। इसी साल अप्रैल में उसके गुर्गों ने सलमान खान के घर पर भी फायरििंग भी की थी। हालांकि गोली बारी की इस घटना में सलमान खान बाल-बाल बच गए थे। बाबा सिद्दकी पर हुए हमले की जिम्मेदारी भी बिश्नोई गैंग ने ली है। हालांकि पुलिस इसकी जांच कर रही है।
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