



नई दिल्ली। India’s Q3 GDP Growth: देश की अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ ली है। ऐसा केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी किये गये जीडीपी के आंकड़े के देखकर लग रहा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.2% रही, जो पिछली तिमाही से ज्यादा है। पिछली तिमाही की जीडीपी दर 5.6% थी। इस वृद्धि के पीछे की वजह अच्छा मानसून और सरकारी खर्च में हुई बढ़ोतरी को माना जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ने से भी अर्थव्यवस्था में तेजी आई है। हालांकि, ट्रंप के टैरिफ वार से व्यापार को लेकर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
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अनुमान से कुछ कम रही ग्रोथ
शुक्रवार 28 फरवरी को जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक, हालांकि तीसरी तिमाही की यह वृद्धि 6.3% के अनुमान से थोड़ी कम रही, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि पूरे साल की विकास दर 6.5% तक रह सकती है। दरअसल, सरकार ने अनुमान लगाया कि तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रह सकता है, लेकिन ये 6. 2 ही रही है। हालांकि तिमाही दर तिमाही आधार पर देश की विकास दर में इजाफा हुआ, क्योंकि इससे पहले सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ 5.4 फीसदी पर थी।
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 47.17 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद जताई गई है, जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में यह 44.44 लाख करोड़ रुपये थी। ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) में भी साल-दर-सा 6.2% का इजाफा हुआ जबकि नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 9.9% रही। इसमें महंगाई दर भी शामिल है।
कई सेक्टर्स में सुधार की वजह से हुई वृद्धि
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीडीपी ग्रोथ में ये बढ़ोत्तरी अच्छे मानसून के बाद ग्रामीण मांग में सुधार, बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च में वृद्धि और त्यौहारी सीजन के दौरान कंजम्प्शन फोकस सेक्टर्स में सुधार की वजह से हुई है। हालांकि, 6.2 प्रतिशत की ये वृद्धि पिछले साल की इसी तिमाही में दर्ज 8.6 प्रतिशत से कम है। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार अब जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5% रहने की उम्मीद लगा रही है, जो पहले के 6.4% के अनुमान से ज्यादा है।
शेयर बाजार में दिखी भारी गिरावट
दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़ों को सालाना आधार पर देखें तो Q3 GDP ग्रोथ 8.6 फीसदी से कम होकर 6.2 फीसदी पर आ गई है। नेशनल स्टैटिक्स ऑफिस (NSO) द्वारा जारी किये गये आकड़ों पर गौर करें तो वित्त वर्ष 2025 में भारत की ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी रहेगी। बता दें कि GDP के आंकड़े आने से ठीक पहले शुक्रवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1.9% यानी 1414 अंक गिरकर 73,198 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 1.86% या 420 अंक गिरकर 22,124 अंक पर पहुंच गया। इसके अतिरिक्त शेयर बाजार के सभी प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुए।
जीडीपी से मापी जाती है देश के विकास की दर
जीडीपी या सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) किसी देश में एक निश्चित समय सीमा में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को मापने वाला आर्थिक संकेतक है। इसे किसी देश की आर्थिक गतिविधि और प्रदर्शन का पैमाना भी कहा जा सकता है। हर देश में जीडीपी की गणना तिमाही आधार पर की जाती है। वहीं एनुअल जीडीपी के जरिये देशों के बीच विकास दर की तुलना की जाती है।
आम आदमी के जीवन को प्रभावित करती है जीडीपी
जीडीपी बढ़ने का मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है जबकि गिरती हुई जीडीपी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के कमजोर होने का संकेत है। जीडीपी आम आदमी के जीवन को सीधे प्रभावित करती है। जीडीपी बढ़ने पर लोगों के लिए कमाई के अवसर बढ़ते हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और जीवन स्तर सुधरता है। वहीं जीडीपी के गिरने पर आम आदमी की आय में गिरावट आती है, जिससे उसका जीवन स्तर प्रभावित होता है।
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