अमेरिका। बुरी तरह से कंगाली की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान (Pakistan) की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं। कभी पाकिस्तान को सपोर्ट करने वाला अमेरिका भी अब उससे मुंह मोड़ चुका है। दरअसल अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरूवार को पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। उसने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट में मिलने वाली चीनी मदद पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बारे में बात करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ उनका सख्त रवैया बरकरार है।
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एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई भी हुई
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने जिन चीनी संस्थाओं को बैन किया है, उनके बारे में कहा जा रहा है कि ये पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम की आपूर्ति में शामिल हैं। अमेरिका के इस फैसले पर पाकिस्तान की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट और प्रौद्योगिकी के प्रसार में शामिल चीन की पांच कंपनियों और एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई भी की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के आदेश 13382 के अनुसार, खासतौर पर बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री (RIAMB) को नामित किया गया है। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि चीन की यह कंपनी सामूहिक विनाश के हथियार और उनके वितरण के साधनों के प्रसारकों पर काम करती है।
इन चीनी कंपनियों पर लगा बैन
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया कि RIAMB ने शाहीन-3 और अबाबील प्रणालियों से जुड़े उपकरणों में पाकिस्तान सहायता की है। उन्होंने कहा कि इस कंपनी ने पाकिस्तानी मिसाइल प्रोजेक्ट के लिए रॉकेट मोटर्स के परीक्षण हेतु उपकरण खरीदने में पाकिस्तान के साथ मिलकर उसे मदद दी है। इस कंपनी के अलावा अमेरिका ने हुबेई हुआचांगडा इंटेलिजेंट इक्विपमेंट कंपनी, यूनिवर्सल एंटरप्राइज और शीआन लोंगडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी के साथ पाकिस्तान स्थित इनोवेटिव इक्विपमेंट पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही एक चीनी नागरिक को भी प्रतिबंधित किया गया है। इस व्यक्ति पर चीन को उपकरण पहुंचाने में मदद करने का आरोप है।
चीन ने किया विरोध
अमेरिका का कहना है कि उसकी तरफ से पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट पर कार्रवाई जारी रहेगी, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में संचालित हो। उधर चीन ने अमेरिका के इन प्रतिबंधों का विरोध किया है। अमेरिका में स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा, ‘चीन इस तरह के एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करता है और इसका अंतरराष्ट्रीय कानून या यूएस सुरक्षा परिषद के प्राधिकरण में कोई आधार नहीं है। बीजिंग हमेशा चीनी कंपनियों और लोगों के हितों की रक्षा करेगा।’
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