नई दिल्ली। Pegasus Spying Case: पेगासस स्पाइवेयर मुद्दे पर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर से हमला बोला है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस संबंध में मोदी सरकार से जवाब मांगा है। दरअसल, हाल ही में एक अमेरिकी अदालत ने इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप को दोषी पाया है। यह मुद्दा 2019 से उपजा है, जब वॉट्सऐप ने 2019 में एनएसओ ग्रुप पर वॉट्सऐप में एक बग का फायदा उठाकर पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके 1,400 लोगों के फोन हैक करने का आरोप लगाया था। भारत में पेगासस और व्हाट्सएप मामले पर भी विचार किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें- Prabhat Pandey Death: मुश्किल में फंस सकते हैं कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय!
सुरजेवाला ने की मोदी सरकार की आलोचना
मामले में अमेरिकी अदालत का फैसला आते ही कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा, “अदालत का फैसला इस आरोप की पुष्टि करता है कि भारत में 300 नंबरों को निशाना बनाया गया था। सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर सवाल किया है कि “जिन 300 नामों को निशाना बनाया गया है, वे कौन हैं! वे दो केंद्रीय मंत्री कौन हैं? विपक्ष के तीन नेता कौन हैं? संवैधानिक अधिकारी कौन है? पत्रकार और व्यवसायी कौन हैं?”
The #PegasusSpyware case verdict proves how 300 what’sapp numbers of Indians were targeted in the illegal spyware racket.
Time for Modi Govt to answer :
👉 Who are the 300 names targeted ! Who are the two Union Ministers? Who are the three Opposition leaders? Who is the…— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 22, 2024
उठाए कई सवाल
कांग्रेस नेता सवाल किया है कि, “भाजपा सरकार और एजेंसियों ने पेगासस का इस्तेमाल कर कौन-कौन सी जानकारी हासिल की और किस तरह से उसका इस्तेमाल किया गया था? क्या अब मौजूदा सरकार में राजनीतिक कार्यकारी, अधिकारियों और एनएसओ के स्वामित्व वाली कंपनी के खिलाफ उचित आपराधिक मामले दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी।
300 नंबरों को बनाया गया था निशाना
बता दें कि इस मामले में अमेरिकी अदालत का फैसला आते ही कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर हमलावर हो गये हैं। उन्होंने कहा, “अदालत का फैसला इस आरोप की पुष्टि करता है कि भारत में 300 नंबरों को निशाना बनाया गया था।”
पेगासस जासूसी का अमेरिका में पर्दाफाश हो गया।
अब पेगासस स्पाइवेयर मामले के फैसले से साबित होता है कि कैसे अवैध स्पाइवेयर रैकेट में 300 भारतीयों को निशाना बनाया गया था।भारत में भी सच छुप नही सकता…
और
सच ये है कि मोदी सरकार ने जासूसी के जरिए प्रजातंत्र का अपहरण किया है। pic.twitter.com/MDZFGYLlC1
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 22, 2024
2021-22 का है वाकया
सुरजेवाला ने आगे पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट मेटा बनाम एनएसओ में मामले में अमेरिकी कोर्ट के फैसले की समीक्षा करेगा? “क्या सुप्रीम कोर्ट साल 2021-2022 में पेगासस स्पाइवेयर पर तकनीकी विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगा? क्या सुप्रीम कोर्ट अब आगे की जांच करेगा क्योंकि फैसले से पुष्टि हो गई है कि भारत में 300 सहित 1,400 वॉट्सऐप नंबरों को निशाना बनाया गया था? क्या सुप्रीम कोर्ट अब मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए पेगासस मेटा को 300 नाम जारी करने के लिए कहेगा?
ये था मामला
गौरतलब है कि वॉट्सऐप ने साल 2019 में एनएसओ पर मुकदमा दायर किया, जिसमें इस आधार पर निषेधाज्ञा और हर्जाना मांगा था कि कंपनी ने छह महीने पहले वॉट्सऐप सर्वर तक पहुंच बनाई थी और लोगों के उपकरणों के पेगासस स्पाइवेयर सेट किया था। शिकायत के अनुसार, कंपनी ने ब्रेक-इन के दौरान लगभग 1,400 लोगों की निगरानी की। एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, 20 दिसंबर को एक अमेरिकी न्यायाधीश ने वॉट्सऐप के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि इजरायली एनएसओ समूह स्पाइवेयर इंस्टॉल करने और अनधिकृत निगरानी को सक्षम करने के लिए मैसेजिंग ऐप में कमजोरियों का उपयोग कर रहा था।
इसे भी पढ़ें- Sambhal Violence: संभल पर सियासत, पीड़ितों से मिलने को बेकरार सपा-कांग्रेस,पुलिस ने संभाला मोर्चा