



बरेली। Digital Arrest Cases: साइबर अपराधियों ने उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बारादरी क्षेत्र के रहने वाले डाॅ. नजबुल हसन को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। ठग ने पुलिस की वर्दी पहन कर वीडियो कॉल किया और डॉक्टर को ऐसा डराया कि वे आधार कार्ड, पासबुक आदि लेकर घर से निकल गए और तीन दिन के लिए होटल में कमरा बुक करा लिया। हालांकि उन्होंने चलाकी दिखाते हुए घर से निकलते समय एक कागज पर इस संबंध में लिखकर घर वालों को सूचित कर दिया था। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को मामले की सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस उनकी लोकेशन ट्रेस करते हुए होटल पहुंची और सात घंटे के अंदर मुक्त करा लिया। इस दौरान तक डॉ. हसन तीन खातों की डिटेल ठगों को दे चुके थे। इन खातों में कुल 50 लाख रुपये थे।
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लोकेशन ट्रेस कर डॉक्टर तक पहुंची पुलिस
जानकारी के मुताबिक शनिवार रात करीब नौ बजे इमरान खां नाम का युवक एसपी सिटी मानुष पारीक के आवास पहुंचा और उन्हें बताया कि फाइक एन्क्लेव में रहने वाले उसके चाचा डॉ. नजबुल हसन किसी से मोबाइल फोन पर बात कर रहे थे और बात करते-करते वे क्लिनिक से घर आ गये। उन्होंने घर से आधार कार्ड और बैंक के पासबुक लिए और अपने स्कूटर से कहीं चले गये। इसके बाद से वह किसी का फोन नहीं उठा रहे हैं। एसपी सिटी ने बारादरी इंस्पेक्टर धनंजय पांडे से डॉक्टर की लोकेशन ट्रेस करने को कहा, तो उनकी लोकेशन पीलीभीत रोड स्थित एक होटल में मिली।
कमरा नहीं खोल रहे थे डॉक्टर
एसपी सिटी के मुताबिक, जब वे पुलिस टीम के साथ होटल पहुंचे तो डॉक्टर की स्कूटी बाहर खड़ी मिली। डॉ. हसन ने होटल में सोमवार तक के लिए कमरा बुक किया था। पुलिस कमरा नंबर 105 के बाहर पहुंची और दरवाजा खटखटाया, लेकिन डॉ. ने दरवाज़ा नहीं खोला। ध्यान से सुनने पर पता चला कि कोई उनसे कह रहा है कि दरवाज़ा न खोलें। कुछ समय बाद, जब पुलिस ने उससे दरवाजा खोलने सफाई कर्मी बनकर दरवाजा खोलने को कहा तब भी उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद मास्टर की दरवाजा खोलने की कोशिश की तो डॉक्टर हसन ने अंदर से कुंडी लगा ली। कुछ देर बाद एसपी सिटी और अन्य पुलिस अधिकारियों ने बेसमेंट में आग लगने और पूरे होटल को खाली करने का शोर मचाया तो डॉक्टर हसन ने दरवाजा खोला। इस दौरान भी वे वीडियो कॉल पर किसी से बात कर रहे थ। रात करीब 11 बजे उन्हें डिजिटल अरेस्ट से मुक्त करा लिया गया।
साइबर ठग दे रहे थे ये धमकी
होटल में पुलिस अधिकारियों के समझाने के बाद डॉ. हसन ने बताया कि शनिवार की शाम करीब चार बजे वे अपनी क्लिनिक में थे, तभी उनके पर एक नये नबंर से कॉल आई। थोड़ी ही देर में कॉल, वीडियो कॉल में तब्दील हो गई। डॉक्टर ने बताया कि कॉल करने वाला पुलिस अधिकारी की वर्दी में था। उसने कहा, उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल नरेश गोयल और उनके पार्टनर ने मुंबई हवाला कारोबार के लिए किया है। अब इस मामले की जांच सीबीआई और आरबीआई कर रही है। उसने कहा, अगर फंसना नहीं चाहते हो तो बिना समय गंवाए अपना पासबुक और आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज लेकर किसी होटल में शिफ्ट हो जाओ, लेकिन फोन मत कटना। सीबीआई तुम्हारे घर के आसपास पहुंच चुकी है। उनकी तुम पर नजर है, किसी को कुछ भी मत बताना कि कहा जा रहे हो।
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