



नई दिल्ली। Trump’s Big Decision: अमेरिका का वीजा पाना अब आसान नहीं होगा। यहां वीजा आवेदकों के लिए एक नई और सख्त नीति बना दी गई है। इस नीति में कहा गया है कि, अगर फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी व्यक्ति की पोस्ट आतंकवाद, हिंसा या अमेरिकी सरकार द्वारा आपत्तिजनक समझी जाने वाली सामग्री का समर्थन करती है, तो उसका वीजा रद्द या अस्वीकार किया जा सकता है। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने इस नीति के कार्यान्वयन की घोषणा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
इसे भी पढ़ें- Green Card Holders In Tension: अमेरिका में ग्रीन कार्ड धारकों पर मंडराया खतरा, विशेषज्ञ बोले- अपडेट रखें ये दस्तावेज
सोशल मीडिया खातों की होगी जांच
यूएससीआईएस की तरफ से कहा गया है कि, अब वीजा आवेदन प्रक्रिया के दौरान आवेदकों के सोशल मीडिया खातों की गहन जांच की जाएगी। इसमें न केवल सार्वजनिक पोस्ट, बल्कि टिप्पणियां, शेयर और लाइक भी शामिल हो सकते हैं। इस दौरान अगर कोई सामग्री अमेरिकी कानूनों के खिलाफ या राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा मानी जाती है, तो वीजा आवेदन रद्द किया जा सकता है। इसके अलावा पहले से स्वीकृत वीजा को भी रद्द किया जा सकता है।
USCIS ने नहीं जारी की सूची
हालांकि, यूएससीआईएस ने स्पष्ट रूप से आपत्तिजनक मानी जाने वाली सामग्रियों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि, आतंकवादी संगठनों का समर्थन, हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देना, नफरत फैलाने वाली सामग्री या अमेरिकी सरकार के खिलाफ भड़काऊ बयान, अवैध गतिविधियों जैसे ड्रग्स का प्रचार या अन्य अवैध कार्यों का समर्थन करने वाले पोस्ट इसके दायरे में आ सकते हैं।
साफ सुथरा रखना होगा अकाउंट
बता दें कि, हर साल भारत के लाखों लोग अमेरिका में घूमने, छात्र और कार्य वीजा के लिए आवेदन करते हैं। ऐसे में ये नई नीति भारतीय आवेदकों के लिए बेहद अहम है, क्योंकि भारत में बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का उपयोग होता है। अमेरिकी नीति को देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि, आवेदकों को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को साफ- सुथरा रखना चाहिए और ऐसी कोई भी सामग्री पोस्ट करने से बचना चाहिए जो विवादास्पद हो सकती है। यह नीति पूरी तरह से नई नहीं है।
2019 में भी मांगी जा रही थी जानकारी
इससे पहले साल 2019 में भी तत्कालीन ट्रम्प प्रशासन ने वीजा आवेदकों से उनके सोशल मीडिया हैंडल की जानकारी मांगनी शुरू की थी। हालांकि, अब इस जांच को और सख्त कर दिया गया है, और इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम 9/11 के बाद शुरू की गई सुरक्षा नीतियों का हिस्सा है, जिसे अब और ज्यादा प्रभावी बनाया जा रहा है।
खतरे में पड़ सकता है वीजा आवेदन
वहीं, इमिग्रेशन वकीलों ने चेतावनी दी है कि, मामूली से मामूली विसंगतियां या गलत व्याख्याएं भी वीजा आवेदन को खतरे में डाल सकती हैं। जैसे कि, किसी मित्र की पोस्ट पर टैग किया जाना या अनजाने में ऐसी सामग्री को लाइक करना भी जांच की वजह बन सकता है, इसलिए, आवेदकों को सलाह दी जा रही है कि, वे नियमित रूप से अपने डिजिटल फुटप्रिंट की जांच करें और संदिग्ध सामग्री को हटा दें। इस नीति की घोषणा के बाद, कई देशों ने चिंता जताई है कि, इससे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा सकता है।
जटिल होगी आव्रजन प्रक्रिया
वहीं, कुछ मानवाधिकार संगठनों ने इसे निजता का उल्लंघन बताया है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि, यह नीति केवल उन लोगों पर लागू होगी, जिनसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा होने की आशंकाहोगी। अमेरिका की यह नई नीति वैश्विक यात्रियों और वीजा आवेदकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो, सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। उनके लिए जरूरी है कि अब वे अपनी ऑनलाइन गतिविधियों में विशेष सावधानी बरतें। यह नीति न केवल अमेरिकी आव्रजन प्रक्रिया को और अधिक जटिल बनाएगी, बल्कि यह भी दिखाएगी कि व्यक्तिगत ऑनलाइन व्यवहार का डिजिटल युग में वैश्विक स्तर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
इसे भी पढ़ें- America Got Tough: अच्छे संबंधों के बावजूद हर 6 घंटे में अमेरिका से निकाले जा रहे भारतीय