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Ghaziabad News: दुनिया के नक्शे पर देश का नाम नहीं और भारत में खुल गया दूतावास, खुलासा होते ही चौंकी जांच एजेंसियां

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गाजियाबाद। Ghaziabad News: यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। उसने गाजियाबाद से हर्षवर्धन जैन नाम के एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो यहां के कविनगर इलाके में फर्जी ‘दूतावास’ चला रहा था। हर्षवर्धन खुद को कुछ ऐसे देशों का एंबेसडर बताता था, जो दुनिया के नक्शे पर कहीं नजर ही नहीं आते हैं। असल में यह नेटवर्क केवल फर्जी पहचान के सहारे चल रहा था। इस नेटवर्क के जरिए हवाला और विदेशी मुद्रा के गैरकानूनी संचालन जैसी गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा रहा था।

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किराये की कोठी में खड़ा किया था सेटअप

एसटीएफ की जांच में पता चला है कि, हर्षवर्धन जैन ने गाजियाबाद के केबी 35 कविनगर में किराये की एक कोठी पर दूतावास का ये पूरा सेटअप खड़ा किया था। यहां इसने West Arctica, Saborga, Poulvia, Lodonia के नाम पर दूतावास खोल रखा था और विदेशी झंडे लगा रखे थे। वह खुद को ‘माइक्रोनेशन’ या ऐसे देशों का राजदूत बताता था, जो असल में हैं ही नहीं। इन देशों के नाम न तो मैप में है और न ही इंटरनेट पर।

इंटरनेट पर नहीं मिले नाम

गूगल पर Saborga सर्च करने पर पता चला कि, इस नाम का कोई देश है ही नहीं है। इस नाम का बस एक माइक्रोनेशन है जिसे देश का दर्जा नहीं मिला है। वहीं Palvia सर्च करने पर इस नाम का टाइटल तो मिलता है, लेकिन देश का कोई जिक्र नहीं है। इसके बाद जब लोगों ने Ladania सर्च किया, तो पता चला कि, ये एक लैब है। एक देश का नाम West Arctica लिखा था। सर्च करने पर पता चला कि इस नाम की एक नॉन प्राफिट संस्था है जो यूनाइटेड नेशन के लिए काम करती है।

 मॉर्फ्ड तस्वीरें दिखाकर देता था झांसा

हर्षवर्धन नकली डिप्लोमैटिक पासपोर्ट्स और फर्जी दस्तावेजों के जरिए खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर का राजनयिक बताता था। इसके अलावा उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और अन्य विदेशी नेताओं के साथ अपनी मॉर्फ्ड तस्वीरों बना रखी थी, जिसके जरिये वह लोगों को झांसा देता था और विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे वसूलता था। इसके साथ ही वह शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला कारोबार, नकली पासपोर्ट और विदेशी मुद्रा का अवैध व्यापार करता था। साथ ही वह निजी कंपनियों को विदेशी कनेक्शन दिलाने की भी दलाली करता था।

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2011 में भी दर्ज  हुआ था मुकदमा

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आपको बता दें कि, हर्षवर्धन के खिलाफ ये पहली बार कार्रवाई नहीं की गई है। इससे पहले साल 2011 में इसके खिलाफ अवैध सैटेलाइट फोन रखने के आरोप में कविनगर थाने में केस दर्ज हुआ था। वह विवादित आध्यात्मिक गुरु चंद्रास्वामी और इंटरनेशनल आर्म्स डीलर अदनान खगोशी के संपर्क में भी रह चुका है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि, उसका कनेक्शन केवल लोकल या राज्य स्तर पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हो सकता है।

ये चीजें हुईं बरामद

हर्षवर्धन के पकड़े जाने के बाद एसटीएफ द्वारा ली गई तलाशी में जो वस्तुएं बरामद हुई हैं, उनमें डिप्लोमेटिक नबंर लिखी चार लग्जरी गाड़ियां, 12 डिप्लोमैटिक पासपोर्ट जो फर्जी माइक्रोनेशन के नाम पर बनाए गए थे, दो फर्जी पैन कार्ड, 34 अलग-अलग कंपनियों व देशों की नकली मोहरें, दो फर्जी प्रेस कार्ड, भारतीय विदेश मंत्रालय की मोहर लगे फर्जी दस्तावेज, , 44,70,000 कैश और कई देशों की विदेशी मुद्रा के साथ ही 18 अलग-अलग डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट्स आदि। पूछताछ में पता चला है कि इन सभी चीजों को दिखा कर वह खुद को एक अंतरराष्ट्रीय डिप्लोमैटिक व्यक्ति साबित करता था।

 

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