



नई दिल्ली। भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर शेयर की है जिसने अब हलचल मचा दी है। इस तस्वीर में सचिन तीन बड़े पेड़ों के सामने बल्लेबाजी करते हुए दिख रहे हैं। फोटो में तीनों पेड़ विकेट की तरह दिख रहे हैं। इसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा है, कि वह अंपायर कौन था जिसने स्टंप को इतना महान महसूस कराया। सोशल मीडिया पर फैन्स ने इस सवाल के कई जवाब दिए। कई लोगों ने अनुमान लगाया कि यह पोस्ट पूर्व रेफरी स्टीव बकनर पर कटाक्ष है।
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अच्छे नहीं थे सचिन और बकनर के संबंध
दरअसल, 1990 और 2000 के दशक में बकनर के सचिन तेंदुलकर के साथ अच्छे रिश्ते नहीं थे। प्रशंसकों का मानना है कि सचिन की पोस्ट जाहिर तौर पर बकनर के विवादास्पद फैसले का संदर्भ है। 2008 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान बकनर के कुछ फैसलों की काफी आलोचना हुई थी। इस बीच ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले सचिन की पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है।
Can you guess which umpire made the stumps feel this big? ???? pic.twitter.com/oa1iPvVza1
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) November 16, 2024
तेजी से वायरल हो रही पोस्ट
उनकी यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। इस संबंध में फैन्स जमकर कमेन्ट कर रहे हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान ने भी पोस्ट पर कमेंट किया और लिखा कि स्टीव बकनर डीआरएस के दिनों में मैदान से मीलों दूर भाग गये होंगे। सचिन तेंदुलकर और रेफरी स्टीव बकनर के बीच संबंध दो विवादास्पद घटनाओं से चिह्नित थे। 2003 और 2005 में टेस्ट मैचों के दौरान हुई घटनाओं ने न सिर्फ अंपायरिंग में गिरावट को उजागर किया बल्कि व्यापक आलोचना और बहस की भी वजह बनी थी।
पूर्व क्रिकेटर्स भी कई चुके हैं आलोचना
इनमें से पहली घटना 2003 में ब्रिस्बेन के गाबा में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान हुई थी। तेंदुलकर जेसन गिलेस्पी की गेंद पर लेग बिफोर विकेट (एलबीडब्ल्यू) कैच आउट हुए। हालांकि, टेलीविज़न रीप्ले से साफ़ पता चला कि गेंद स्टंप्स के पार चली गई होगी। यह स्पष्ट था कि गेंद ऊंची थी और सचिन को आउट करने का बकनर का निर्णय विवादास्पद था। उस वक्त सचिन अहम पारी खेल रहे थे और इस फैसले ने भारत को मुश्किल में डाल दिया था। इसके लिए बकनर को सचिन के प्रशंसकों और पूर्व क्रिकेटरों से कड़ी आलोचना मिली।
Steve Bucknor 2003. What Tony Grieg called ‘a dreadful decision’.. @sachin_rt had to battle both bowlers and umpires like Bucknor in his career pic.twitter.com/BOPh1OFv42
— Aadit Kapadia (@ask0704) November 16, 2024
कई मैचों में जबरन दिया आउट
दूसरी घटना दो साल बाद, 2005 में, कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भारत और पाकिस्तान के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान हुई। यहां तेंदुलकर ने अब्दुल रज्जाक की गेंद रोकी। इस समय गेंद और तेंदुलकर के बल्ले के बीच कोई संपर्क नहीं हुआ था। डिलीवरी के बाद गेंद तेंदुलकर के पास से उड़ गई थी और रीप्ले में भी पुष्टि हुई कि गेंद में किनारे से कोई शॉट नहीं लगाया गया था। उस समय प्रशंसकों के बीच बकनर को लेकर काफी गुस्सा था। इसके अतिरिक्त, 2007-08 के भारत-ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान बकनर कई विवादों में शामिल थे।
एमएस धोनी के खिलाफ भी दे चुके हैं गलत फैसला
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग, जो 2008 सिडनी टेस्ट की पहली पारी में नंबर 3 पर खेल रहे थे, पारी के दौरान एमएस धोनी ने उनकी बाल कैच कर ली, लेकिन रेफरी स्टीव बकनर ने अपनी उंगली नहीं उठाई। इसके बाद पोंटिंग ने माइकल हसी के साथ 92 रनों की साझेदारी की। इसके बाद दूसरा विवादास्पद क्षण वह था जब ईशांत शर्मा ने साइमंड्स को धोनी के हाथों कैच कराया। उस वक्त भी रेफरी बकनर साइमंड्स को आउट नहीं दिया। उस टेस्ट के दौरान सौरव गांगुली के खिलाफ उनके एक फैसले ने भारत को जीतने से रोक दिया था। दूसरी पारी में क्लार्क ने एक कैच लिया, लेकिन ये साफ़ था कि गेंद उनके हाथ पर लगी थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने मार्क बेन्सन और बकनर से कहा आउट दीजिये तो उन्होंने उंगली उठा दी।
बकनर में मानी गलती
इन घटनाओं ने स्टीव बकनर की छवि को धूमिल कर दिया। उन पर जानबूझकर गलत निर्णय लेने का भी आरोप लगाया गया। उन्होंने रिकॉर्ड 128 टेस्ट मैचों और लगातार पांच क्रिकेट विश्व कप फाइनल में अंपायरिंग की और उन्हें अपने समय के सबसे बेहतरीन अंपायरों में से एक माना जाता है। हालांकि तेंदुलकर के खिलाफ ये कुछ हाई-प्रोफाइल गलतियां अक्सर उनकी उपलब्धियों पर भारी पड़ जाती हैं। कुछ समय पहले बकनर ने खुद इन गलतियों को स्वीकार किया था और खेद व्यक्त किया था और माना था कि ये गंभीर गलतियां थीं। हालांकि DRS के आने के बाद से ऐसे निर्णयों में काफी कमी आई है, लेकिन DRS अक्सर कई कारणों से विवादास्पद भी रहता है।
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